नितिन तोरस्कर
मुंबई- ‘कोरोना’ संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ने के लिए लगाए गए प्रतिबंधों (लॉकडाउन) की अवधि के दौरान नागरिकों की सहायता के लिए मुख्यमंत्री द्वारा घोषित 5,476 करोड़ रुपये के सहायता पैकेज का लाभ पात्र लाभार्थियों तक तुरंत पहुंचना चाहिए। उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने आज, सोमवार प्रशासन को युद्धस्तर पर इसे लागू करने का निर्देश दिया।
इसमे 7 करोड़ नागरिकों को मुफ्त खाद्यान्न का वितरण, सामाजिक न्याय विभाग के 35 लाख लाभार्थियों, आदिवासी विभाग के 12 लाख लाभार्थियों, बांधकाम क्षेत्र में पंजीकृत श्रमिकों, घरेलू कामगारों, राज्य में फेरीवालों, रिक्शा चालकों और अन्य सहायता निधियों का वितरण का निर्देश उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने दिया। जिसमें आवश्यक सरकारी निर्णय, धन वितरण आदेश जारी किए गए हैं। बाकी आदेश तुरंत जारी किए जाएं, जिसके लिए राज्य के उपमुख्यमंत्री ने आज यानी सोमवार प्रशासन को निर्देश दे दिए हैं।
राज्य के लिए मुख्यमंत्री द्वारा घोषित सहायता पैकेज के तहत संबंधित पक्षों को तत्काल सहायता प्रदान करने की प्रक्रिया की समीक्षा करने के लिए सोमवार को उप मुख्यमंत्री अजित पवार की अध्यक्षता में एक बैठक हुई। बैठक उपमुख्यमंत्री के मंत्रालय समीती सभागृह में हुई जहां, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल, शहरी विकास मंत्री एकनाथ शिंदे (विडियो कॉन्फ़्रेंसिंग द्वारा), परिवहन मंत्री अनिल परब (विडियो कॉन्फ़्रेंसिंग द्वारा), ग्रामीण विकास मंत्री हसन मुश्रीफ (विडियो कॉन्फ़्रेंसिंग द्वारा), सामाजिक न्याय मंत्री धनंजय मुंडे, राहत एवं पुनर्वास मंत्री विजय वडेट्टीवार, आदिवासी विकास मंत्री के. सी. पाडवी सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। इस बीच उपमुख्यमंत्री ने यह भी बताया, कि “जिला वार्षिक योजना में तीस प्रतिशत धनराशि स्वास्थ्य सुविधाओं पर खर्च करने की अनुमति दी गई है।”
3,330 करोड़ रुपये का फंड उपलब्ध
राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने बताया, कि “इसके तहत 3,330 करोड़ रुपये का फंड उपलब्ध कराया गया है। पहले चरण में 1,100 करोड़ रुपये का फंड वितरित किया गया है। पहले चरण के लिए धन कोरोना रोकथाम और उपचार पर खर्च किया जाना चाहिए।” उपमुख्यमंत्री ने शेष धनराशि को आवश्यकतानुसार वितरित करने का भी निर्देश दिया।
उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा, कि “राज्य में बढ़ते ‘कोरोना’ संक्रमण श्रृंखला को तोडने के लिए लगाए गए प्रतिबंधों (लॉकडाउन) की पृष्ठभूमि पर राज्य के आर्थिक दुर्बल लोगों को दिलासा देने के लिए राज्य सरकार की ओर से मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने 5,476 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की है।”
अजित पवार ने जानकारी देते हुए बताया, कि “खाद्य सुरक्षा योजना के सात करोड़ लाभार्थियों को प्रति व्यक्ति तीन किलो गेहूं और दो किलो चावल दिया जाएगा, जिसके लिए 90 करोड़ रुपये का फंड दिया जाने वाला है। प्रतिबंधित अवधि के दौरान, राज्य भर में हर दिन दो लाख शिव भोजन थाली मुफ्त प्रदान की जाएंगी। जिसके लिए 75 करोड़ रुपये प्रदान किए जाएंगे।”
1 हजार रुपये आर्थिक सहायता
साथ ही उन्होंने यह भी जानकारी दी, कि “सामाजिक न्याय एवं विशेष सहायता विभाग की ओर से संजय गांधी निराधार योजना, श्रावण बाल एवं केंद्र पुरस्कृत इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था सेवानिवृत्ति योजना, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा निवृत्ती वेतन योजना, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय दिव्यांग निवृत्ती वेतन इन सभी 5 योजनाओं में राज्यभर के 35 लाख लाभार्थियों को दो महिनों के लिए प्रत्येक को 1 हजार रुपये आर्थिक सहायता देने के लिए 961 करोड़ रुपये दिया जाने वाला है।”
बांधकाम श्रमिकों को 180 करोड़
राज्य के श्रमिकों के लिए तैयार किये गये आर्थिक पैकेज पर उप मुख्यमंत्री ने बताया, कि “राज्य में 12 लाख पंजीकृत बांधकाम श्रमिकों को प्रत्येक 1500 के हिसाब से 180 करोड़, 25 लाख पंजीकृत घरेलू कामगारों के लिए 375 करोड़, 5 लाख पंजीकृत फेरिवालों को प्रत्येक 1500 रुपयों के हिसाब से 75 करोड़, 12 लाख परवानाधारक रिक्शा चालकों को प्रत्येक 1500 के हिसाब से 180 करोड़ रुपयों का आर्थिक सहायता पैकेज दिया जाने वाला है। इसमें सायकल रिक्शा चालकों का भी खयाल रखा गया है। साथ ही आदिवासी विभाग के तहत खावटी योजना से लाभान्वित होने वाले 12 लाख आदिवासी परिवारों को 2,000 रुपये की दर से 240 करोड़ रुपये का फंड प्रदान किया जाएगा।”
वार्षिक योजना
उन्होंने और अधिक जानकारी देते हुए यह भी बताया, कि “जिला कलेक्टर को ‘कोविड’ की दवाओं, उपकरणों, सुविधाओं और अन्य व्यवस्थाओं पर जिला वार्षिक योजना में धन का तीस प्रतिशत खर्च करने की अनुमति दी गई है। राज्य भर में इसके लिए 3,300 करोड़ रुपये के फंड उपलब्ध होंगे। इसके लिए पहले चरण में, 1,100 करोड़ रुपये तुरंत वितरित किए गए हैं। शेष धनराशि आवश्यकतानुसार वितरित की जाएगी।”
अधिकारियों को निर्देश
महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने इस दौरान अधिकारियों को निर्देश जारी करते हुए कहा, कि “सभी विभागों को समन्वय में काम करना चाहिए, जो युद्ध के मैदान में काम किये जाने के बराबर हो सकता है! ताकि प्रतिबंधों (लॉकडान) की अवधि के दौरान राज्य के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के किसी भी नागरिक को किसी भी तरह से नुकसान न पहुंचे। बाकी सत्तारूढ़ निर्णय जारी करने की प्रक्रिया को तुरंत पूरा किया जाना चाहिए।”
बैठक के अंत में उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने सभी अधिकारियों को खास ताकीद करते हुए कहा, कि “योग्य और जरूरतमंद लाभार्थियों तक पहुंचने के लिए पर्याप्त व्यवस्था की जानी चाहिए। इसके लिए आवश्यक धनराशि तत्काल उपलब्ध कराई जाए।”
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