इस्माइल शेख
मुंबई- महाराष्ट्र में एक बार फिर परप्रांतीयों के मुद्दे पर राजनीति शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मुंबई साकीनाका निर्भया कांड और राज्य भर में लगातार हो रहे बलात्कार प्रकरण के बाद महाराष्ट्र में यूपी-बिहार व अन्य राज्यों से आने वाले लोगों का राज्य की पुलिस को ब्योरा जुटाने के लिए कहा है। भाजपा ने इस निर्देश के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की आलोचना करते हुए उनके खिलाफ कांदीवली के समता नगर पुलिस स्टेशन में शिकायत पत्र देकर मामला दर्ज करने का अनुग्रह किया है।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सोमवार को हुई बैठक में निर्देश दिया था, कि “राज्य में आने वाले परप्रांतीयों का रिकॉर्ड रखा जाए। उनके आने-जाने से लेकर रहने और काम करने के स्थान की भी निगरानी रखी जाए।” मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे भी इसकी मांगें कर रहे हैं। वहीं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा, कि “क्या महाराष्ट्र के लोग इस तरह का अपराध नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि अपराध विशेष को लेकर किसी एक समाज को लक्ष्य नहीं बनाना चाहिए।”
मुंबई से भारतीय जनता पार्टी के प्रभारी व विधायक अतुल भातखलकर ने मुख्यमंत्री के खिलाफ कांदिवली पूर्व के समतानगर पुलिस स्टेशन में धारा 153 (ए) के तहत मामला दर्ज करने की मांग की है। उन्होंने कहा, कि “मुख्यमंत्री के इस तरह के निर्देश से राज्य की जनता में स्थानीय बनाम परप्रांतीयों के बीच द्वेष बढ़ेगा। कई लोगों को लगेगा कि महाराष्ट्र में परप्रांतीयों के कारण दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ रही है। इससे परप्रांतीय भयभीत हो सकते हैं।”
मुंबई में सात महीने में 550 महिलाएं हुई दुष्कर्म की शिकार
भाजपा विधायक अतुल भातखलकर ने कहा, कि “शिवसेना के छह से ज्यादा पदाधिकारियों पर दुष्कर्म का आरोप है। बीते सात महीने में मुंबई में 550 महिलाएं दुष्कर्म का शिकार हुई हैं, जिसमें 323 नाबालिग हैं। उद्धव ठाकरे सरकार को यह पता लगाना चाहिए कि इसमें कितने आरोपी परप्रांतीय हैं।”
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