नितिन तोरस्कर (मंत्रालय प्रतिनिधि)
मुंबई- 13 अक्टूबर महाराष्ट्र की अघाड़ी सरकार जल्द ही उन महिला कैदियों को रिहा करने की योजना शुरू करेगी जो बरसों से जेलों में बंद हैं और जमानत राशि का भुगतान तथा अन्य कानूनी आवश्यकताओं को पूरा नहीं कर पाई हैं।
राज्य की महिला एवं बाल विकास मंत्री यशोमती ठाकुर ने एक बयान में कहा, कि “‘मुक्त‘ योजना छोटे अपराधों के लिए जेलों में बंद महिला कैदियों को राहत देगी और इससे जेलों पर बोझ भी कम होगा।” उन्होंने इस पर और अधिक जानकारी देते हुए कहा, कि “कई महिलाओं के खिलाफ मामूली मामले दर्ज किए गए हैं और वे जमानत के बगैर कई वर्षों से हिरासत में हैं।”
क्या है ‘मुक्त’ योजना ..?
राज्य की महिला एवं बाल विकास मंत्री यशोमती ठाकुर ने कहा, कि “ऐसी महिलाओं को जमानत पर रिहा करने के लिए, राज्य सरकार ‘मुक्त‘ योजना शुरू करने पर विचार कर रही है। ‘मुक्त‘ योजना उन महिलाओं के लिए फायदेमंद होगी जो जमानत आदेशों के बावजूद, रिहाई की राशि का भुगतान करने में असमर्थ होने के कारण हिरासत में हैं।”
मामूली गलती की सज़ा..
राज्य महिला एवं बाल विकास मंत्री यशोमती ठाकुर ने स्पष्टीकरण में उदाहरण देते हुए कहा, कि “एक निजी कंपनी में काम करने वाली एक महिला को पुलिस ने एक छोटी सी बात को लेकर करीब दो साल तक हिरासत में रखा।” उन्होंने कहा, कि “मामूली कारणों से महिलाओं को हिरासत में रखे जाने के ऐसे कई उदाहरण हैं।”
उन्होंने कहा, कि “‘मुक्त‘ योजना राज्य की विभिन्न कारावासों (जेलों) में लागू किए जाऐंगे, ताकि उन महिलाओं का पता लगाया जा सके जिन्हें बेवजह प्रताड़ित किया गया है और जिन्हें कानूनी आवश्यकताओं को पूरा करने के बाद रिहा किया जा सके।
मंत्री खुद करेंगी जेलों का दौरा..
यशोमती ठाकुर ने कहा, कि वह जेलों का दौरा करेंगी और खुद जानकारी जुटाऐंगी। इसके लिए महाराष्ट्र कानूनी सहायता सेवा प्राधिकरण की मदद ली जाएगी। राज्य मंत्री ने कहा, कि “जमानत राशि को कम करने के लिए भी कदम उठाए जाएंगे और महिला कैदियों की रिहाई के लिए गैर सरकारी संगठनों तथा अन्य संस्थाओं से मदद भी ली जाएगी।”
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