इस्माईल शेख
मुंबई- महाराष्ट्र में नासिक के डिंडोरी से मुंबई तक किसानों के लंबे पैदल मार्च में भाग लेने वाले एक 58 वर्षीय किसान की शुक्रवार रात ठाणे जिले के शहापुर पुलिस स्टेशन अंतर्गत मौत हो गई है। अखिल भारतीय किसान सभा के राज्य महासचिव अजीत नवाले ने इसकी सूचित किया दी। नासिक में डिंडोरी के पास के एक गांव के रहने वाले पुंडलिक जाधव को शुक्रवार, शाहपुर के एक अस्पताल में ले जाया गया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
Maharashtra नाशिक से मुंबई किसान की मौत
पैदल मार्च के दौरान किसान की मौत का सही कारण अभी पता नहीं चल पाया है। नवाले ने किसानों की मांगों पर निर्णय लेने में हो रही देरी के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा, कि सरकार की देरी के कारण किसान आज भी शाहपुर में धरने को मजबूर हैं! किसानों ने मृतक किसान के परिजनों को 10 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की है। (Maharashtra नाशिक से मुंबई किसान की मौत)
Maharashtra Government
17 सूत्री चार्टर मांग पर सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए, हजारों किसानों ने पिछले रविवार को महाराष्ट्र में नासिक जिले के डिंडोरी से एक पैदल मार्च शुरू किया था। इसके तहत किसान 200 किलोमीटर की दूरी पैदल तय करते हुए मुंबई पहुंचेंगे। (Maharashtra नाशिक से मुंबई किसान की मौत)
किसानों की मांगों में प्याज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी), कृषि उपज के लिए उचित मूल्य, किसानों के लिए बिजली बिल माफी, बेमौसम बारिश के कारण फसल के नुकसान के लिए शीघ्र मुआवजा और वन भूमि अधिकार शामिल हैं। बुधवार को राज्य के मंत्री दादा भुसे और अतुल सावे ने प्रदर्शनकारी किसानों के प्रतिनिधिमंडल से बातचीत की। वहीं पत्रकारों से बात करते हुए दादा भुसे ने कहा, ‘हमने उनके द्वारा उठाए गए 14 मुद्दों पर चर्चा की। हमने उनकी स्थिति को स्वीकार किया और उनकी कई मांगों पर सहमति जताई।’ (Maharashtra नाशिक से मुंबई किसान की मौत)
इससे पहले, मंगलवार को महाराष्ट्र में विपक्षी दलों ने किसानों पर अपनी टिप्पणी को लेकर महाराष्ट्र के कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार के इस्तीफे की मांग करते हुए विधान भवन की सीढ़ियों पर धरना दिया। सत्तार ने रविवार को राज्य में किसानों की आत्महत्या पर अपनी टिप्पणी से विवाद खड़ा कर दिया था। महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के नेताओं ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया और मांग की, कि सत्तार अपनी टिप्पणी के मद्देनजर अपने पद से इस्तीफा दे दें, सत्तार के बयान के मुताबिक, किसानों द्वारा अपने जीवन को समाप्त करने में कुछ भी नया नहीं है और एक लंबे समय इस तरह की घटनाएं होती रही हैं। (Maharashtra नाशिक से मुंबई किसान की मौत)
नाशिक से मुंबई किसानों का पैदल मार्च
फिलहाल नाशिक शहर से मुंबई की ओर पैदल मार्च पर निकले किसानों की सभी मांगों को राज्य सरकार ने मान ली है। शिंदे सरकार ने प्रदर्शनकारी किसानों की सभी मांगों को स्वीकार कर लिया है। राज्य के मुख्यमंत्री व उप मुख्य मंत्री पहले से ही किसान प्रतिनिधियों से वार्ता कर समुचित समाधान करने की घोषणा कर चुके हैं, ऐसे में किसानों के मुंबई आने का कोई औचित्य नही दिखता। (Maharashtra नाशिक से मुंबई किसान की मौत)
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