नितिन तोरस्कर
महाराष्ट्र- राज्य की महाविकास आघाड़ी सरकार को झटका देते हुए भाजपा के उम्मीदवार ‘समाधान आवताड़े‘ ने सोलापुर जिले की पंढरपुर-मंगलवेढ़ा विधान सभा सीट पर अपना हक जता लिया है! यहां हुए उपचुनाव में भाजपा के उम्मीदवार समाधान अवताड़े ने अपने निकतटम प्रतिद्वंद्वी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार भागीरथ भालके को 3,700 से अधिक वोटों से पराजित कर जीत हासिल कर ली है!
उपचुनाव का कारण?
आप को बता दें, कि यहां बीते वर्ष नवंबर में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विधायक भरत भालके की ‘कोविड़-19’ के चलते मौत हो गई थी! जिस कारण यहां उपचुनाव काराए जाने की आवश्यकता पड़ी! राज्य में एनसीपी, शिवसेना और कांग्रेस गठबंधन ‘महाविकास अघाड़ी सरकार’ होने के कारण सत्ता और विपक्ष के बीच, सीधे एनसीपी और भाजपा के 17 अप्रैल को उपचुनाव हुआ! जिसमें एनसीपी ने दिवंगत विधायक भरत भालके के पुत्र भागीरथ भालके को अपना उम्मीदवार बनाया, जिसे चुनावी मुकाबले में भाजपा के समाधान अवताड़े ने हरा कर भजपा का परचम लहराया!
वोटों की गणना कैसी रही?
जिले के चुनाव निर्वाचन अधिकारियों के मुताबिक समाधान आवताड़े ने भालके को 3,733 मतों के अंतर से हरा दिया है! अवताड़े को जहां 109450 मत मिले, वहीं भालके को 105717 वोट मिले है! चुनाव अधिकारी से मिली जानकारी के मुताबिक, पोस्टल वोट्स समेत कुल 2,27,421 मतों की गिनती हुई! इसी बीच, भाजपा की जीत पर पूर्व मुख्यमंत्री एवं विपक्षी नेता देवेंद्र फडणवीस ने एक बयान जारी कर कहा, कि “नतीजों ने भ्रष्ट महाविकास अघाड़ी सरकार को आइना दिखा दिया है!” साथ ही भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा, कि “मैं इस जीत पर समाधान आवताड़े को बधाई देना चाहता हूं!”
लोग हैं सरकार से नाराज़: भाजपा
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है, कि समाधान आवताड़े को परिचारक का समर्थन मिलने से उन्हें जीत का सहरा नसीब हुआ! अधिक जानकारी के मुताबिक परिचारक के चाचा सुधाकर परिचारक दिवंगत विधायक भरत भालके के खिलाफ 2019 विधान सभा चुनाव लड़े थे, लेकिन हार गए! यहां पिछले साल ‘कोविड़-19’ के कारण सुधाकर परिचारक की भी मृत्यु हो गई! समाधान आवताड़े निर्दलीय के तौर पर 2019 विधान सभा चुनाव लड़े थे! विशेषज्ञों के अनुसार, इस जीत से संकेत मिलता है कि लोगों में गुस्सा है जो उन्होंने अपने मतों के जरिये व्यक्त किया!
एनसीपी नेता जयंत पाटिल का बयान..
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, कि वे पंढरपुर और मंगलवेढ़ा तहसीलों की दो टीमों के बीच अच्छा संवाद स्थापित नहीं कर सके, ऐसे में मामूली अंतर से पार्टी के उम्मीदवार को हार का सामना करना पड़ा! उन्होंने यह भी कहा, कि “प्रचार के दौरान महाविकास अघाड़ी के सभी कार्यकर्ताओं तथा नेताओं ने सहयोग दिया, लेकिन हम दोनों तहसीलों से सभी को साथ लाने में विफल रहे जिसके फलस्वरूप हमें हार का सामना करना पड़ा है!”
सामने आया शिवसेना नेता संजय राउत का बयान..
उपचुनाव में महाविकास अघाड़ी उम्मीदवार की हार के बाद शिवसेना की ओर से प्राप्त जानकारी में संजय राउत ने कहा, कि “यह झटका है, लेकिन इसका सरकार पर कोई असर नहीं होगा! नतीजों के बाद कोविड नियमों तथा धारा-144 के उल्लंघन पर पुलिस ने पंढरपुर-मंगलवेढ़ा से करीब 40 लोगों को हिरासत में लिया है!” संजय राउत के इस बयान में काफी राज़ छिपे होने की राजनैतिक विशेषज्ञों द्वारा अनुमान लगाये जा रहे हैं! शायद आने वाले समय में इस चुनावी नतीजे से जूड़े और भी खबर प्रकाश में आने की संभावना है!
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