नितिन तोरस्कर
मुंबई– ‘कोरोना’ की महामारी में कारोबार के बंद होने और केंद्र का बकाया वापस नहीं मिलने के कारण महाराष्ट्र सरकार को कर्मचारियों के वेतन आपूर्ति के लिए कर्ज लेना पड़ सकता है! इसकी जानकारी Maharashtra के मदद एवं पुनर्वसन मंत्री विजय वडेट्टीवार ने शुक्रवार को पुणे की एक बैठक में दी! इसके साथ ही विपक्ष की ओर से राज्य पर संकट की परिस्थिति में राज्य के प्रति भूमिका पर सवाल करते हुए, केंद्र पर आरोप भी लगाया है!
शुक्रवार को उन्होंने बताया, कि ‘अगले महीने से राज्य सरकार के पास कर्मचारियों के वेतन आपूर्ति में दिक्कत होने की परिस्थिति निमार्ण हो गई है! जिसके लिए कर्ज लेने की जरुरत पड़ सकती है! लेकिन जो सरकारी कर्मचारी कोरोना के खिलाफ काम कर रहे हैं! उनके वेतन में कोई दिक्कत नहीं होगी समय पर उन्हें पूरा वेतन मिलेगा! इसके अलावा लोगों को वेतन समय से आगे और पीछे करते हुए पूरा वेतन जरुर मिलेगा!’ उन्होंने ये भी कहा, कि ‘चार महत्वपूर्ण विभागों के अलावा बाकी विभाग के कर्मचारियों के वेतन में कटौती भी की जा सकती है!’
मराठा समाज को उत्थान के लिए बनी सारथी संस्था पर जानकारी देते हुए उन्होंने बताया, कि ‘सारथी संस्था शुरु ही रहने वाली है! इस वर्ष इसके लिए 50 करोड़ रुपयों का बजट बनाया गया है!’ उन्होंने यह भी कहा, कि ‘कुछ लोग इसके बारे में भ्रम फैला कर महाविकास अघाडी सरकार को बदनाम करने का काम कर रहे हैं! इसकी राजनीति कौन कर रहा है, मैं इस वक्त जाहिर नही करना चाहता!’ उनके इस बात से साफ जहिर हो रहा था की, उन्हें इसकी पूरी जानकारी है! जिसे वे बे-झिज़क सभी के सामने पेश कर सकते हैं! पर संयम से काम लेते हुए उन्होंने मिडिया के सामने जाहिर करने से अपने आप को रोके रखा!
कैबिनेट मंत्री विजय वडेट्टीवार ने कहा, कि ‘सारथी से लोगों को प्रशिक्षण और रोजगार पर सरकार काम कर रही है! जिसके लिए लगने वाले खर्च को कैबिनेट की अगली मीटिंग में निर्धारित कर सारथी को साधारण तौर पर 38 करोड़ रुपये दिए जाने वाले हैं!’ उन्होंने इस समय ‘कोरोना’ पर ली गई विशेषज्ञों की राय को जहीर करते हुए कहा, कि ‘विशेषज्ञों की माने तो कोरोना की परिस्थिति दिसंबर चल सकती है! तो हमें चाहिए की जरुरी विभागों को सूचारु और कर्मचारियों के वेतन में कटौती किए बिना उन्हें समय पर पूरी की जाए!’
आप को बता दें की, राज्य में ‘कोरोना’ वायरस का खतरा पूरे देश में सबसे ज्यादा है! राज्य में रोजाना लगभग 5000 के आस-पास नए मरीज़ सामने आ रहे हैं! इसमें भी राज्य की जनता के लिए अच्छी खबर ये है की, लोग ‘कोरोना’ को मात देकर स्वस्थ भी हो रहे हैं! इनकी गणना भी 50 प्रतिशत से अधिक सामने आ चुकी है! विपक्ष ऐसे में सरकार की कमियों को खोजकर बदनाम करने की पूरी कोशिश कर रही है! साथ ही केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कैबिनेट मंत्री विजय वडेट्टीवार ने बताया, कि ‘केंद्र सरकार की तरफ से अभी तक कोई भी मदद नहीं मिली है! साथ ही विपक्षी दल सत्ता के गम में पगला गए हैं! कुछ भी और कहीं भी टिप्पणियां करते हुए देखे जा रहे हैं!
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आप को बता दें की, राज्या के ‘कोरोना’ से पहले का बकाया केंद्र सरकार ने अब तक नहीं लौटाया है, जब की जीएसटी (GST) में राज्य का हिस्सा केंद्र नहीं देकर महाराष्ट्र के व्यापारियों के साथ भी धोका कर रही है! कई बार इसके लिए मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने केंद्र से मांग की, पर ‘कोरोना’ की परिस्थिति में केंद्र की नीति महाराष्ट्र के तरफ साफ नही दिख रही है! वहीं महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्षी दल भाजपा ने मुख्यमंत्री (Pm) प्रधानमंत्री (CM) सहायता निधि (care fund) पर अंड-भन्ड बकने वालों को कैबिनेट मंत्री विजय वडेट्टीवार ने बताया, कि ‘उद्धव ठाकरे पर महाराष्ट्र के साथ द्रोह करने का आरोप लगाने वाले सत्ता जाने के शॉक से अभी उभर नही हैं!
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जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री सहायता निधि के ज़रिए राज्य को उभारने के काम किया जा रहा था! इसपर केंद्र ने चेतावनी देकर प्रधानमंत्री सहायता निधि में लोगों को फंड डालने को कहा! इस फंडिग की खास बात यह है की, जो भी संस्थान या निजि कंपनी एैसे मौके पर सरकार की मदद करता है! सरकार भी उसके बदले में हर सहूलियत आसानी से मुहैया और टैक्स मे कटौती देकर लाभ पहुंचाती है! अब केंद्र और राज्य के बीच बड़े कारोबारियों या निजी संस्थानों को केंद्र से ज्यादा सहूलियत मिलने के लालच में वहां फंडिंग जायादा हुई जब की राज्य की जरुरत में और अधिक रुकाट पैदा हो गई!
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ऐसे में राज्य के मुख्यमंत्री ने लोगों को केंद्र के बजाय राज्य सरकार को मदद किए जाने की अपील की! मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अपील पर विरोधी खेमें से आवाज आने लगी की मुख्यमंत्री महाराष्ट्र द्रोह है! जब कि विपक्ष के नेताओं ने भी राज्य को फंडिग करने के बजार अपना विरोधी राज धर्म निभाते हुए केंद्र को फंडिंग की और राज्य में व्यवस्था गड़बडाने की शोर मचा रहे हैं! राज्य के कर्मचारी जो दिन रात एक कर लोगों को बचाने का काम कर रहे हैं! क्या उन्हें समय पर पैसों की जरुरत नही है! लोग यहां बेरोजगारी की हालत में जी रहे हैं! क्या ऐसे में इन्हें राजनीति करनी चाहिए? राज्य के लोगों ने इन्हें अपना नेता चुनकर खुदकी सुरक्षा जिम्मा मांगा या केंद्र सरकार को पहले बचाने कहा! केंद्र को मदद करनी है तो करों पर ऐसी परिस्थिति में राजनीति पक्ष विपक्ष को भूलकर लोगों के लिए सरकार के साथ काम करने की जरुरत है! सक्ता के लिए समय बहोत है! कोरोना आया है दुनिया खत्म नहीं हो रही है!
केंद्र के पास काफी पैसा जमा होने के बावजूद राज्य का पैसा नही देना काफी गंभीर विषय है! केंद्र उत्तरप्रदेश के लिए रोजगार के लिए कई योजनाओं पर अब और अधिक खर्च कर रही है, आवास योजना, सड़क बनाना जैसे कामों पर और बिहार की चुनावी तैयारी पर करोड़ो खर्च भी कर रही है! तो Maharashtra के साथ ऐसा क्यूं जब की बाकी राज्यों के मुकाबले सबसे ज्यादा महाराष्ट्र जीएसटी (GST) और बाकी टैक्स का भुगतान करता है! देश में इस वक्त अनलॉक फेज़ 2 जारी हो चुका है! लेकिन, Maharashtra में बढ़ते ‘कोरोना’ संक्रमितों की संख्या को देखते हुए राज्य सरकार ने ‘लॉकडाउन’ को जुलाई के अंत तक के लिए बढ़ा दिया है! इसी बीच राज्य भर के जिलों को भी सील किया जा चुका है!
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