सस्ता पेट्रोल-डीजल भरवाने नेपाल जा रहे हैं भारत के लोग, लोगों को हो रहा है मुनाफा

सस्ता पेट्रोल और डीजल अपनी गाडियों में भरवाने के लिए भारत के बॉर्डर पर बसे लोग नेपाल का रुख अपना रहे हैं। यहां भारत के मुकाबले सस्ता बिक रहा है पेट्रोल-डीजल। (petrol diesel price)

विशेष संवाददाता
नई दिल्ली-
देश की आम जनता इन दिनों महंगाई से परेशान है। खासकर पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों (Petrol and Diesel price) ने आम जनता को परेशान कर दिया है। हालांकि दिवाली के मौके पर टैक्स में कमी का ऐलान कर केंद्र सरकार ने लोगों को थोड़ी राहत तो दी। भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में गिरावट आने के बावजूद बिहार और नेपाल की सीमा (Bihar Nepal Border) से सटे इलाकों में रहने वाले लोग इसका फायदा नहीं उठा रहे हैं। यहां लोग नेपाल से पेट्रोल और डीजल खरीदने में फायदा महसूस कर रहे हैं।

बिहार और नेपाल सीमा से सटे यूपी के ज्यादातर गांव के लोग नेपाल जाकर गाड़ी में पेट्रोल डलवा रहे हैं, इसका मुख्य कारण नेपाल में पेट्रोल और डीजल का काफी सस्ता होना है। भारत की तुलना में देखें तो नेपाल में पेट्रोल और डीजल के भाव (Nepal petrol and diesel price) काफी कम हैं।

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नेपाल सीमा से सटे बिहार के रक्सौल में पेट्रोल का भाव 107 रुपये 92 पैसे और डीजल का भाव 92 रुपये 98 पैसे प्रति लीटर है। जब कि बिहार के रक्सौल में पेट्रोल और डीजल की ये दरें भारत सरकार और राज्य सरकार की ओर से टैक्स में कटौती कर छूट देने के बाद की हैं। बिहार के लिहाज से देखें तो आज भी नेपाल में पेट्रोल 25 रुपये और डीजल 20 रुपये सस्ता है। सस्ता पेट्रोल मिलने के कारण यहां के लोग नेपाल का रूख कर रहे हैं।

जानकर हैरानी होगी कि बिहार के रक्सौल से सटे नेपाल के पर्सा (Parsa) जिले में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 132.25 नेपाली रुपया यानी 82.65 भारतीय रुपया है। तो वहीं डीजल का भाव प्रति लीटर 115.25 नेपाली रुपया यानी 72.03 भारतीय रुपया है। आप को जानकारी देते हुए बता दें, कि बिहार और नेपाल के सीमावर्ती इलाकों में व्यावहारिक रूप से नेपाली रुपये का जोरों से प्रचलन है। वहीं नेपाल के पर्सा जिले में पेट्रोल-डीजल के इतने कम रेट के चलते, रक्सौल जैसे सीमावर्ती जगहों पर रहने वाले लोग अब नेपाल से इसकी खरीदी कर रहे हैं।

भारत यहां टैक्स के पैसों से कुछ करना चाहता है पर लोग यहां पूरी आमदनी को ही पडोसी देश के हवाले कर रहे हैं। अब इसपर सरकारी यंत्रणा का उपयोग किया जाता है या लोगों को और राहत देने का फैसला किया जाता है ये केंद्र सरकार की आने वाली पॉलिसी ही स्पष्ट कर सकती है। फिलहाल भारतीयों द्वारा सीधे तौर से पेट्रोल डीजल की पड़ोसी देश से खरीदी भारत के अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंच रहा है।


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