समाज की सेवा करना पत्रकार को पड़ा भारी, महाराष्ट्र की पुलिस हत्यारों के साथ। अंधाधुंध गोली बरसाने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार करने के एक साल बाद पालघर पुलिस की क्लीन चीट। कहा, आरोपियों की गिरफ्तारी करने में हम असफल रहे हैं इसलिए मामले को बंद किया जा रहा है।
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इस्माईल शेख
पालघर- ड्रग्स और गैरकानूनी गतिविधियों पर अंकुश लगाने वाले सामाजसेवक एवं पत्रकार जावेद लुलानीया की जान अब खतरे में है। कारण इनपर गोली बरसाने वाले जुबेर इकबाल धनानी और असीफ इकबाल धनानी को पालघर पुलिस संरक्षण दे रही है। बता दें, कि जावेद लुलानीया पूर्व नगरसेवक रह चुके हैं।

मिली जानकारी के मुताबिक, 16 नवंबर 2021 की रात लगभग 9:30 बजे पालघर के मनोररोड़ स्थित उनकी ओवेझ चिकन शॉप के सामने दो बाईक सवारों ने अंधाधुंध फायरिंग कर फरार हो गए। इस दौरान जावेद लुलानीया को पीठ पीछे रीढ़ की हड्डी पर गोली लग गई। पालघर पुलिस ने मामले की तहकीकात कर सीसीफुटेज की बदौलत दोनों आरोपियों जुबेर और आसीफ इकबाल धनानी को गिरफ्तार कर लिया।

कौन है धनानी?
अब साल भर के बाद उसी मामले में पालघर पुलिस एक पत्र जारी कर यह बताने की कोशिश कर रही है, कि अज्ञात आरोपियों को गिरफ्तार करने में हम यानी पालघर पुलिस असफल होने के कारण मामले को बंद किया जा रहा है। बता दें, कि जुबेर इकबाल धनानी और आसीफ इकबाल धनानी दोनों सगे भाई हैं। इनके खिलाफ पुलिस थाने में जमीन हथियाना, लोगों को धमकाना जैसे लगभग 48 अपराधिक मामले दर्ज है। खासकर जुबेर और आसीफ और उनके पिता इकबाल धनानी पर एक 20 वर्षीय लड़की को किडनैप कर रेप करने का आरोप है। पीड़ित लड़की आज भी न्याय के लिए दर-दर भटक रही है। यहां तक नहीं उस लड़की को जबरन अस्पताल लेजाकर उसका अबोर्शन कर दिया। पुलिस आज भी जांच का हवाला देकर मामले को धकेल रही है।

क्यों चली लुलानीया पर गोली?
इन बाप बेटों की दहशत को खत्म करने के लिए पत्रकार जावेद लुलानीया ने अखबार के माध्यम से कई खबरें प्रकाशित की इसी को ध्यान में रखते हुए जावेद पर जानलेवा हमला हुआ, इसकी जानकारी शिकायतकर्ता जावेद ने हमें दी। पर हमले के कुछ दिनों बाद गिरफ्तारी से जावेद लुलानीया को न्यायप्रणाली पर विश्वास होने लगा, लेकिन पुलिस की जांच में कुछ ऐसा हुआ की 10 दिनों बाद ही दोनों आरोपियों को जमानत मिल गई। लेकिन एक साल बाद उन दोनों आरोपियों को पालघर पुलिस द्वारा क्लीन चीट दिये जाने से अब जावेद को अपनी जान का खतरा नज़र आ रहा है।
कहां है जावेद लुलानीया?
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बता दें, कि जावेद लुलानीया को गोली लगने के बाद से जिंदगी गुजारना मुश्किल हो गया है। जावेद अपने आप को बचाने के लिए 16 लाख रुपये खर्च किए, जिसमे उनकी प्रापर्टी बीक गई। जावेद लुलानीया 6 महिने बिस्तर पर निकालने के बाद खड़े तो हुए पर गोली रीढ़ की हड्डी में लगने के कारण उनकी हड्डी टूट गई। उन्हें खड़े होने के लिए सहारे की जरुरत होती है और पुलिस हैं कि आरोपियों को क्लीन चीट देने की कोशिश कर रही है। जावेद अपनी पहचान छिपाकर पालघर जिले से बाहर रहने को मजबूर है।
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