- 43वें GST सम्मेलन में महाराष्ट्र सरकार की ओर से उपमुख्यमंत्री एवं वित्त तथा योजना मंत्री अजित पवार ने राज्य हित के मुद्दे उठाए।
- पिछले साल के GST 24,000 करोड़ रुपये में से राज्य का हिस्सा केंद्र तुरंत भुगतान करें।
- राज्यों को कोरोना वायरस की लड़ाई में टीका, दवा और चिकित्सा उपकरणों एवं सेवाओं पर GST से छूट दी जानी चाहिए।
- केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए पेट्रोल, डीजल पर विभिन्न उपकर और अधिभार का राज्यों को उचित आवंटन किया जाए।
- कोरोना संकट से मुकाबले के साथ ही राज्यों के आर्थिक चक्र को पुनर्जीवित करने के लिए केंद्र से मदद और सकारात्मक सहयोग की अपेक्षा- उपमुख्यमंत्री तथा वित्त व नियोजनमंत्री अजित पवार
नितिन तोरस्कर
मुंबई– देश के 43वें GST सम्मेलन में महाराष्ट्र सरकार की ओर से राज्य के उप मुख्यमंत्री तथा वित्त एवं योजना मंत्री अजित पवार ने विभिन्न मुद्दों पर केंद्र के समक्ष राज्य का पक्ष रखते हुए देश के सभी राज्य एवं नागरिकों के हितों पर केंद्र सरकार को अपने नीतियों में सुधार कर निर्णय लेने को कहा!।

शुक्रवार को केंद्र सरकार संग GST सम्मेलन में महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने वर्तमान देश की हालात को बया करते हुए कहा, कि “देश के तमाम राज्य कोविड के खिलाफ कड़ा संघर्ष कर रहे हैं। इस लड़ाई को आर्थिक रूप से सहने योग्य बनाने के लिए कोविड के संबंध में उपयोग की जाने वाली दवा, टीके, चिकित्सा उपकरण, स्वास्थ्य सेवाओं आदि पर लगने वाले GST पर अधिक से अधिक रियायतें दी जाएं। ग्राहकों से मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन, ऑक्सीजन ऑक्सीमीटर, पल्स ऑक्सीमीटर, कोविड टेस्टिंग किट आदि सामान खरीदा जाता है। इन वस्तुओं को GST कर राहत भी मिलनी चाहिए।”
छोटे करदाताओं के लिए आसान कर प्रणाली
उन्होंने देश भर से जूडे GST कर और केंद्र द्वारा राज्य का बकाया एवं कोविड से आर्थिक हानी को स्पष्ट करते हुए कहा, कि “छोटे करदाताओं के लिए एक विचारशील और आसान कर प्रणाली पेश करें। पिछले वित्त वर्ष में केंद्र से राज्य को मिसने वाली 24,000 करोड़ रुपये का GST मुआवजा तत्काल दिया जाए। कोविड अवधि के दौरान लगाए गए लॉकडाउन की स्थिति के कारण राज्यों की आर्थिक स्थिति पर पड़ने वाले प्रभाव को देखते हुए राज्यों को पर्याप्त मुआवजा सुनिश्चित करने के लिए प्रासंगिक मानदंडों पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए। चूंकि अगले एक या दो वर्षों में लॉकडाउन के कारण राजस्व हानि और वित्तीय प्रतिकूल प्रभावों को हल करना संभव नहीं है, राजस्व संरक्षण और प्रतिपूर्ति की अवधि को अगले पांच वर्षों के लिए 2022-23 से 2026-27 तक बढ़ाया जाना चाहिए।”

केंद्र सरकार को पेट्रोल और डीजल जैसी वस्तुओं पर विभिन्न उपकर और अधिभार से बड़ी राशि प्राप्त होती है। वर्ष 2020-21 में केंद्र सरकार के पास करीब 3.30 लाख करोड़ रुपये जमा किए गए हैं। महाराष्ट्र की ओर से उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजीत पवार ने मांग करते हुए कहा, कि “राज्यों को कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अपने हाथ मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार को उस धन का उचित वितरण किया जाना चाहिए।”
महाराष्ट्र सरकार की तरफ से उपमुख्यमंत्री अजित पवार द्वारा केंद्र के समक्ष रखी गई विस्तृत अनुपूरक मुद्दे निम्न हैं..
कोविड संबंधी दवाओं सहित आवश्यक उपकरण, सामग्री पर कर छूट:- सरकार ने कोरोना के प्रकोप को रोकने के साथ ही लोगों की मौत को रोकने के लिए टीकाकरण अभियान शुरू किया है। टीकाकरण कार्यक्रम चरणबद्ध तरीके से चलाया जा रहा है। राज्य सरकार राज्य के सभी नागरिकों का टीकाकरण करने के लिए कटिबद्ध है और इसकी उचित योजना बनाई गई है। कोरोना से सफलतापूर्वक निपटने के लिए केंद्र सरकार द्वारा कोविड से संबंधित वस्तुओं पर लगाए जाने वाले टैक्स के रूप में राहत देने की जरूरत है। इसके लिए कोविड से संबंधित चिकित्सा आपूर्ति पर लगने वाले टैक्स में अधिकतम राहत दी जाए। इससे राज्य सरकार समेत आम नागरिकों पर कोई आर्थिक बोझ नहीं पड़ेगा। आम जनता को कोरोना से लड़ने के लिए आवश्यक मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन, ऑक्सीजन ऑक्सीमीटर, पल्स ऑक्सीमीटर, कोविड टेस्टिंग किट पर टैक्स में छूट दी जाए।

तिमाही रिटर्न एवं तिमाही कर भुगतान
वर्तमान में छोटे करदाता मासिक कर का भुगतान करते हैं और तिमाही रिटर्न दाखिल करते हैं। इस प्रणाली को तिमाही कर भुगतान और तिमाही रिटर्न में परिवर्तित करने का प्रस्ताव है। हम छोटे करदाताओं के लिए कर प्रणाली को आसान बनाने की आवश्यकता को समझ सकते हैं। तथापि, प्रस्तावित प्रणाली के लाभों के साथ छोटे करदाताओं तक पहुँचने के लिए आने वाले फीडबैक के उचित अध्ययन के बाद योजना को लागू किया जाना चाहिए। इससे लाभार्थियों तक इस योजना का लाभ पहुंचाने में मदद मिलेगी।
कम उपलब्ध होने वाला अल्कोहल
कम उपलब्ध होने वाला अल्कोहल वैट के लिए पात्र है लेकिन इसे GST के अधीन नहीं लिया जाना चाहिए।
GST कर का प्रलंबित भुगतान
वर्ष 2020-21 के लिए, महाराष्ट्र राज्य को जीएसटी कर भरपाई देना लगभग 46,000 करोड़ रुपये की थी। अभी तक राज्य को 22,000 करोड़ रुपये ही मिले हैं. वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए लगभग 24,000 करोड़ रुपये अभी भी राज्य को मिलना प्रलंबित हैं। कोविड महामारी के दौरान राज्य की आर्थिक स्थिति को देखते हुए शेष मुआवजे का भरपाई तत्काल किया जाए।
भरपाई गिनती के आधार में सुधार किया जाए
चालू वित्त वर्ष में राज्य कोविड-19 की स्थिति और उसके द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों का सामना कर रहा है। एजेंडा-17 में मुआवजे की गणना के आधार की दोबारा जांच कर सुधार किया जाना चाहिए। इससे राज्य को पर्याप्त मुआवजा मिलेगा और वर्ष 2020-21 की तरह कोई बड़ा बकाया नहीं रहेगा।
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