इस्माइल शेख
मुंबई– शहर के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के ख़िलाफ़ एक के बाद एक मामले दर्ज हो रहे हैं। इस बार बिमल अग्रवाल नाम के व्यापारी ने परमबीर सिंह के ख़िलाफ़ मुंबई के गोरेगाँव पुलिस स्टेशन में वसूली का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज करवाया है।
अपनी इस एफ़आईआर में बिमल ने बताया कि कैसे एंटीलिया कांड और मनसुख हिरण हत्या मामले में गिरफ़्तार और पुलिस विभाग से बर्खास्त सचिन वाझे अपने बॉस यानी की परमबीर सिंह के कहने पर वसूली का रैकेट चलता था, और रोज़ाना 2 करोड़ रुपये के कलेक्शन का टार्गेट दिया गया था।
बिमल ने पुलिस को दिए अपने स्टेटमेंट में बताया की वाझे को वो साल 2000 से जानते हैं और जनवरी- फ़रवरी 2020 में वाझे उनसे मिलने उनके मालाड स्थित ऑफिस में आया था जहां वाझे ने उनसे कहा की मेरे ख़ास बॉस परमबीर सिंह मुंबई के कमिश्नर बनने वाले हैं, और तू तेरे होटेल को फिर से शुरू कर बाक़ी मैं देख लूँगा, क्यूंकि अब कलेक्शन का काम मेरे पास आने वाला है।
इसके बाद मैंने अपने दोस्त अनिकेत पाटिल और दूसरे लोगों की मदत से गोरेगाँव में BOHO बार एंड रेस्टोरेंट चालू किया, पर 23 मार्च 2020 को लॉकडाउन की वजह से नुक़सान हो गया।
वाझे के मुताबिक़ 31 मार्च 2020 को परमबीर सिंह मुंबई पुलिस के कमिश्नर बन गए, तब वाझे ने कहा की अब परमबीर उसे वापस से पुलिस खाते में लेने वाले हैं, तब मैंने वाझे को BOHO के बारे में बताया पर यह नहीं कहा की उस बार में मेरी भी भागीदारी है।
जून 2020 में वाझे मुंबई पुलिस के सीआईयू के इंचार्ज बन गए, फिर अगस्त 2020 में मुझसे मिलने मालाड के ओफिस में आए और कहा कि अनिकेत के दोनो ही होटेल में तू पार्ट्नर है ये बात उसे पता है, और अगर तुझे तेरे होटेल ठीक से चलाना है तो जो कह रहा हूं उसे कर, मुझे होटेल लाइन के कलेक्शन की जानकारी चाहिए और सब कुछ करेगा तो तेरे ख़िलाफ़ जो EOW में दर्ज दोनो मामले है उसे परमबीर सिंह को बोलकर खतम करवा दूंगा।
सचिन वाझे के कहने के मुताबिक़ मैंने संभलकर काम करना शुरू किया और पुलिसवालों के साथ काम करने का बुरा अनुभव होने की वजह से मैंने वाझे का फ़ोन और व्हट्सएप कॉल रिकोर्ड करना शुरू कर दिया।
इसके बाद वाझे कलेक्शन को लेकर कुछ बातें फ़ोन पर तो कुछ बातें मेरी मर्सिडीज़ में बैठ कर या फिर क्राइम ब्रांच की यूनिट 11 में सुनील माने (उस समय यूनिट-11 के प्रभारी थे) के सामने कहते थे. 31 अगस्त 2021 को वाझे ने मुझे युनिट-11 में बुलाया और कहा की मुझे एक नम्बर का बहुत प्रेशर है उन्होंने कहा की कोरोना की वजह से मेरा 6 महीने की कमाई का नुक़सान हुआ है जिसकी भरपाई करने के लिए रोज़ का 2 करोड़ का कलेक्शन करना होगा।
वाझे ने कहा की सीपी साहब ने कहा है की जितने भी बुकी हैं उन्हें मुंबई में काम करने को कहा जाए, और मेरे ऊपर 1 नंबर का बहुत प्रेशर है मुझे होटेल, बार, बुकी के कलेक्शन की जानकारी चाहिए, नहीं तो तेरा होटेल चलने नहीं दूंगा. एसएस ब्रांच मैं ही चलाता हूँ और जब मन चाहे कहीं भी छापेमारी कर सकता हूं।
बिमल अग्रवाल ने पुलिस के अपने स्टेट्मेंट में बताया कि करोना की वजह से होटेल का व्यापार मंदा चल रहा था और लोगों से जबरन पैसे वसूले तो परेशानी हो सकती है इस वजह से उसने वाझे को बताया की महेश शेट्टि नाम का शख़्स बार से कलेक्शन कर सकता है और बुकी से कलेक्शन करने में नारायण भाई महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है।
क्राइम ब्रांच के ओफिस में वसूली की मीटिंग
बिमल अग्रवाल ने आरोप लगाया कि 31 अगस्त 2020 को वाझे ने उसे क्राइम ब्रांच की यूनिट-11 पर मीटिंग के लिए बुलाया उस समय वहाँ सुनील माने, वाझे, नारायण भाई मौजूद थे तभी वाझे ने कहा की इसके बाद अब जितने भी बुकी हैं उनसे मिले कलेक्शन के पैसे परमबीर को देना है और तुमने जमा किए पैसों में से 75 प्रतिशत 1 नंबर को जाएगा और 25 प्रतिशत को हम लोग आपस में बाट लेंगे और बाक़ी पुलिस स्टेशन, एटीएस, क्राइम ब्रांच को कुछ नहीं देना है। नारायण ने वाझे को मीटिंग में कहा की अगर किसी और को पैसे नहीं दिए तो परमबीर के ट्रांसफ़र होने के बाद दूसरे पुलिस वाले परेशान करेंगे। वाझे ने कहा कोई कुछ नहीं करेगा कलेक्शन परमबीर को ही देना है. इसके बाद तुम लोगों को बीटिंग के लिए दुबई जाने की ज़रूरत नहीं, अपने ही घर पर दरवाज़ा खोलकर बीटिंग करो, कोई कुछ नहीं करेगा।
बुकी पर किया फ़र्ज़ी केस
इस मीटिंग के बाद बिमल ने इसकी जानकारी मनन नायक नाम के बुकी को दी पर इनलोगों से बुकी का सेटलमेंट और बार का सेटलमेंट बराबर नहीं हो पाने की वजह से वाझे को ग़ुस्सा आया और 7 सितम्बर 2020 को धवल जैन नाम के बुकी के यहां छापेमारे की और धवल के साथ साथ 12 और बुकी को फ़र्ज़ी मामले में फंसा दिया। इसके बाद सारे बुकी से बड़ी मात्र में पैसे वसूली किए गए. शिकायतकर्ता बिमल अग्रवाल ने अपने स्टेटमेंट में पुलिस को बताया कि इन 12 बुकी में से एक मनन मेरा दोस्त है इस वजह से मैंने वाझे को उसे इस केस से बाहर निकालने की बिनती की जिसपर वाझे ने कहा की उसे बोलो सभी बुकी से 2-2 करोड़ की वसूली करके देने के लिए आगे आईपीएल भी शुरू हो रहा है।
तभी वाझे ने कमिश्नर ऑफिस में बुलाया और वहां पर मेरी मुलाक़ात प्रोपर्टी सेल के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक केदार पवार से कराई वहीं पर उन्होंने मुझसे 2 सैमसंग फ़ोल्ड मोबाइल की मांग की एक उनके लिए और दूसरा पवार के लिए। इसके चार पांच दिनों के बाद मनन द्वारा कलेक्शन किए 35 लाख रुपए पी अल्पेश नाम के अँगड़िया को दिया और फ़र्ज़ी केस में गिरफ़्तार होने से बच गया।
कलेक्शन का टार्गेट पूरा नहीं किया तो की छापेमारे
बिमल ने अपने स्टेट्मेंट में और भी खुलासा करते हुए कहा की, जब सीपी परमबीर सिंह का दिया हुआ टार्गेट पूरा नहीं हुआ तब वाझे अपनी टीम के साथ अलग अलग जगह छापेमारे करने लगा। वाझे को हप्ता नहीं दिया तो 3 फ़रवरी 2021 को उसने गोरेगाँव के BOHO रेस्ट्रोरेंट एंड बार पर छापेमारी कर दी और मेरे पार्टनर अनिकेत के ख़िलाफ़ मामला दर्ज कर दिया, और अनिकेत को अपने ओफिस में बुलाकर कार्रवाई करने की धमकी देकर 2 लाख रुपए हप्ता लिया।
ओशिवारा स्थित BCB होटेल चलाने के लिए मुझसे वाझे के लिए अंधेरी इलाक़े में कलेक्शन करने वाला सुमित सिंह उर्फ़ चिंटू को दिसंबर 2020 में गुड लक के तौर पर 2 लाख रुपए दिए हैं और जनवरी 2021 से मार्च 2021 तक हर महीने देढ़ लाख के हिसाब से साढे चार लाख रुपए दिए हैं।
पैसे लेने के बाद चिंटू अपने पार्टनर विनय सिंह उर्फ़ बबलू और रियाज़ भाटी को फ़ोन कर कलेक्शन के पैसे मिल जाने की जानकारी दिया करता था। इसके अलावा गोरेगाँव स्थित BOHO रेस्टोरेंट चलाने के लिए वाझे के कहने पर एसएस ब्रांच के माने नाम के कर्मचारी को अनिकेत ने 05 दिसंबर 2020 को वरली जाकर 50 हज़ार रुपए दिए थे। 7 जनवरी को घाडगे नाम के एसएस ब्रांच के कर्मचारी को 7 जनवरी 2021 को 70 हज़ार रुपए दिए थे इसके बाद 3 मार्च 2021 अनिकेत खुद वाझे के ओफिस जाकर डेढ़ लाख रुपए दिए थे. इसी बीच घाडगे ने कलेक्शन किए पैसे वाझे को नहीं दिए थे इस वजह से 3 फ़रवरी 2021 को वाझे ने BOHO पर छापेमारी कर दी थी।
मुंबई पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, एफआइआर शुक्रवार रात गोरेगांव पुलिस स्टेशन में एक व्यापारी बिमल अग्रवाल की शिकायत पर दर्ज की गई है। इस मामले में बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाझे और चार अन्य लोग- सुमित सिंह उर्फ चिंटू, अल्पेश पटेल, विनय सिंह उर्फ बबलू और रियाज भाटी को भी आरोपित बनाया गया है। अग्रवाल ने अपनी शिकायत में कहा है कि आरोपितों ने पार्टनरशिप में चलाए जाने वाले उसके बार और रेस्टोरेंट पर छापेमारी नहीं करने के बदले उनसे नौ लाख रुपये वसूले है।
इसके अलावा खुद के लिए लगभग ढ़ाई लाख रुपये का दो स्मार्ट फोन खरीदने के लिए भी उन्हें मजबूर किया। पुलिस ने बताया बिमल की शिकायत पर आइपीसी की धारा 384, 385 तथा 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है। सभी छह आरोपितों के खिलाफ जांच की जा रही है। परमबीर सिंह फिलहाल महानिदेशक होमगार्ड के पद पर तैनात हैं। हालांकि, वह दफ्तर नहीं जा रहे हैं, क्योंकि मई महीने से उन्होंने छुट्टी ले रखी है।
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