मनपा की सांठगांठ से लोकोपयोगी निर्माणों के लिए आरक्षित भूखंडों पर अतिक्रमण व अवैध निर्माण

  • करोड़ों के भूखंड माटी के मोल भू – माफियाओं को बेच रहे हैं मनपा के नौकर शाह

पंडित कोकने
मुंबई-
महाराष्ट्र शासन द्वारा
आरक्षित भूखंड की बिक्री, खरीदी और अवैध ढंग से निर्माण कर लिए जाएं और साहेब लोगों को मालूम न हो और लिखित शिकायत के बावजूद तोडक और कानूनी कार्यवाही नहीं की जाए का सीधा अर्थ है। साहेब लोगों की जेब रिश्वत से भर दी गई है। जी हां ऐसी ही शिकायत लिखित रूप में प्राप्त हुई है जो महाराष्ट्र सरकार के मुख्यमंत्री, महसुल मंत्री, नगर विकास मंत्री, जिलाधिकारी, अप्पर जिलाधिकारी, उप जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक, डीओ व कार्यकारी अभियंता और सहाय्यक आयुक्त को दिनांक 17/08/ 2022 को लिखित रूप से दी गई थी। (बिका मनपा का आर/दक्षिण वार्ड)

आज एक साल बाद भी अवैध ढंग से कब्जे, बिक्री, खरीदी और अवैध बांधकाम करने वाले भूमाफियाओं के विरुद्ध कोई कानूनी कार्यवाही नहीं किया जाना, बताता है, कि ऊपर से लेकर नीचे तक रिश्वत से जेब गर्म की गई है। इसलिए किसी के कान पर जूं नहीं रेंग रही।
विवरण इस प्रकार है। शमशान भूमि के सामने, वडार पाड़ा रोड, कांदिवली (पूर्व) में महाराष्ट्र शासन द्वारा आरक्षित भूखंड सीटीएस नंबर 163, सर्वे नंबर 13 की सरकारी भूमि को भूमाफियाओं शिवाजी गुप्ता (स्वर्गवास), रेनो बी.गुप्ता, राजो बी.गुप्ता व अन्य, विक्की गुप्ता द्वारा राजेंद्र धीमान को 4000 वर्गफूट के अंतर्गत गाला बेचा गया। जिस पर पहला माला 6 गाले का गैरकानूनी बांधकाम किया गया।तिरुपति बलसानी द्वारा 1500 वर्ग फिट जमीन जिस पर 300 वर्गफीट के ग्राउंड +1, के पांच गाले का गैरकानूनी बांधकाम किया गया। वही बालाजी जाधव द्वारा 1200 वर्गफुट की जमीन पर 400 वर्गफुट के तीन गालों का गैरकानूनी तरीके से निर्माण कार्य बिना किसी वैध अनुमति के किया गया।

Advertisements
//indian-fasttrack.com/2023/08/23/mumbai-municipal-corporation-claims-to-fill-54000-potholes-without-any-complaint
Indian fasttrack news
मनपा, आर/दक्षिण,
कांदिवली के सरकारी जमीन पर बने अवैध निर्माण की तस्वीर

इसी क्रमानुसार अमर सिंह ने 1600 वर्गफूट के अंतर्गत चार व्यापारिक गाला बनाया है जिसमे 12×15 वर्गफुट की खाली जगह (open space) पर कब्जा कर अवैध निर्माण कार्य को अंजाम दिया गया है। संजय यादव द्वारा 400 वर्गफूट, जिसमें 12×15 फूट की खाली जमीन को कब्जा किया गया है। यादव 500 वर्गफुट गाले का निर्माण और खाली जगह पर कब्जा।
() आनंद गुप्ता 400 चौरस फुट
() 250 वर्गफुट पहला मजला गाला,
() 12× 12 पहला महला एक रूम का अवैध निर्माण किया गया है।
सीएटएस नंबर – 163, सर्वे नंबर – 13, सरकारी भूखंड 7 से 8 हजार के रिक्त भूखंड (open plot) के कब्जेदार से प्रति वर्गफुट जमीन खरीदकर उक्त गाला धारकों द्वारा गैरकानूनी तरीके से निर्माण किए गए हैं।

अब यहां भी वही कहानी दोहराई है, पंकज यादव और नीरज यादव ने जिन्होंने मनपा और उपजिल्हाधिकारी से सांठगांठ कर, दोनो ने अपने मन मुताबिक रिक्त भूखंड पर तीन- तीन मंजिला के व्यापारिक और आवासीय परिसर का निर्माण कर मनपा और सरकारी नियमों का उल्लंघन किया है। जिसे किराए पर देकर 70 हजार और डेढ़ लाख रुपए जिसका मासिक भाड़ा लिया जाता है, जो महाराष्ट्र शासन के नियमों के अनुसार अपराध की श्रेणी में आता है।

बिका मनपा का आर/दक्षिण वार्ड ..

अब बताना लाजमी है, कि नीरज यादव ने तीन करोड़ में गैस सिलेंडर गोडाउन को खरीदा है।नीरज यादव ने तीन करोड़ रुपए में यह गैस गोडाउन किस व्यक्ति से खरीदा है, इसकी बेहतर जानकारी तो मनपा आर/ दक्षिण, वार्ड के जिम्मेदार अधिकारी ही बता सकते हैं।बताया जाता है कि उक्त गाला धारकों के जितने भी गैरकानूनी गाले है, सभी गालों में इलेक्ट्रोप्लेटिंग कारखाना चलाया जा रहा है। इन प्लेटिंग कारखानों में जलविभाग की सहमति से अवैध नल कनेक्शन दिए गए हैं।जिससे प्रतिमाह जलविभाग के अभियंताओं की मिलीभगत से कारखाना मालिकों द्वारा मनपा के राजस्व की चोरी की जा रही है। इस पानी की चोरी में बारी बारी से सबकी हिस्सेदारी है।

अब ऐसे में ठीक उसी के बगल में गैस सिलेंडर का एक बड़ा गोडाउन भी है। यदि भविष्य में कभी कोई आगजनी जैसी घटना घटती है तो आस पास की कई बस्तियां जलकर राख हो सकती है और इसके जिम्मेदार मनपा आयुक्त और उपजिल्हाधिकारी होंगे। वही स्थानीय रहीवासियों की माने तो गैस सिलेंडर गोडाउन और प्लेटिंग कारखानों को आई – जोन एरिया में स्थानांतरीत किया जाय, अन्यथा भविष्य में कभी भी आगजनी जैसी घटना घटित होने की संभावना जताई जा रही है।

Live video on Indian fasttrack news channel

लेकिन आर/दक्षिण, वार्ड, इमारत विभाग के सहाय्यक अभियंता, डीओ, अभय जगताप और सहाय्यक आयुक्त ललित तलेकर की आदत के अनुसार उक्त सभी गालों को अर्थपूर्ण संरक्षण देकर न ही तोड़क कार्रवाई की गई और ना ही भूमाफिया या गैरकानूनी बांधकाम करने वाले गाला धारकों के विरुद्ध भूमि पर अतिक्रमण करने का अपराध मनपा प्रशासन द्वारा कराया गया है। प्रत्येक गाले का मासिक भाड़ा 70 हजार से 1 लाख 50 हजार रुपए है।

जबकि मनपा आयुक्त इकबाल सिंह चहल द्वारा सभी गालों को डिमॉलिश करवा देना चाहिए था। यदि मनपा प्रशासन ने विधिवत अपना पक्ष प्रस्तुत किया होता तो आज यह सवाल यक्ष प्रश्न की तरह मुंह बाए खड़ा नही होता? क्या मुख्यमंत्री से लेकर एक भी जवाबदेह अधिकारी उक्त सरकारी भूखंड को गैरकानूनी खरीद बिक्री कर अवैध निर्माण पर तोड़क कार्यवाही करते हुए दोषी भूमाफियाओं और अतिक्रमणकारियों के विरुद्ध धारा 420 का केस चलाकर दंडित कराने का साहस दिखाएंगे?


Discover more from  

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisements
Scroll to Top

Discover more from  

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading