- मुंबई में खाली जमीन को हथियाने के लिए BMC के सरकारी अधिकारी ही अपराध का साथ दे रहे हैं।
- न्यायालयीन ‘स्थगन’ आदेश की अवहेलना कर मालाड (पूर्व) ठेकेदारों द्वारा धड़ल्ले से हो रहा अवैध निर्माण
सुरेंद्र राय
मुंबई- महानगरपालिका (BMC) प्रशासन व महशुल विभाग की नाकामियों के चलते मुंबई में भूमाफियायों व अवैधनिर्माण कर्ता, ठेकेदारों के हौसले इस कदर बुलंद है, कि वे मनमानी तौर पर अवैध निर्माण ही नहीं करते बल्कि कोर्ट के आदेशों की अवमानना करके कानून से खिलवाड़ भी करते हैं। यानि कि वे मनपा, महशूल विभाग व अदालतों तक को भी धत्ता बताकर अपनी मनमानी करते हैं। कारण यहां खाली जमीन की किमत आसमान छू रही हैं।
ऐसा ही एक मामला मनपा पी/उत्तर विभाग के कार्यक्षेत्र में वार्ड क्रमांक -४५ के अंतर्गत यूसुफ चौकसी कंपाउंड, मिलन सेवा संघ सोशल, खोडियार माता मंदिर के सामने, बच्छानी नगर, चिल्ड्रेन एकेडमी स्कूल के समीप, मालाड (पूर्व) में हमीद कुरेशी व वालम कुरेशी द्वारा अनधिकृत निर्माण किए जाने का मामला प्रकाश में आया है।
BMC अधिकारीयों के कारनामे ..
प्राप्त जानकारी के अनुसार उक्त अवैध निर्माण के विरुद्ध संजय रामदास भगत द्वारा मनपा प्रशासन एवं महशूल विभाग के संबंधित अधिकारियों से शिकायत की गयी थी। किंतु अपेक्षित कार्यवाई के अभाव में वर्ष २०११ में एक मामला मुकदमा नंबर – ११४३ हीरा पी. फडिकर और पंचानन फडिकर के विरुद्ध दायर किया गया था। मामले के मुताबिक, उक्त दोनों ने अपीलकर्ता संजय रामदास भगत के रूम नंबर -१ के समीप अवैध निर्माण कर रहे हैं।
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इस अपील को दिनांक -२५/१०/२०२३ में खारिज कर दिया गया था। सिटी सिविल कोर्ट दिंडोशी के उक्त फैसले के विरुद्ध उच्च न्यायालय में अपील करने की तैयारी कर रहे हैं जबकि उसी न्यायालय में मुकदमा नंबर -२११७/२०११ अब तक विचाराधीन है। जिसमें भी उक्त जगह पर किसी भी प्रकार के निर्माण पर स्थगन आदेश लगाया गया है। इसके उपरांत भी उक्त ठेकेदारों द्वारा न्यायालयीन आदेशों का उल्लंघन करके उपरोक्त ठेकेदारों द्वारा अवैध निर्माण किया जा रहा है।
उक्त स्थल पर किए जा रहे अवैध निर्माणों को मनपा पी/उत्तर विभाग के अधिकारियों का आपसी समर्थन आर्थिक सेटिंग के आधार पर किए जाने की जानकारी सूत्रों ने दी है। अन्यथा अदालत की अवमानना करके अवैध निर्माण किया जाना मुश्किल था। मनपा के बांधकाम विभाग के अधिकारी/ कर्मचारी उक्त निर्माण स्थल पर आते-जाते देखे जाते हैं। मनपा अधिकारियों को उक्त स्थल पर न्यायालयीन स्थगनादेश की भी जानकारी है।
इसके उपरांत भी मनपा उक्त ठेकेदारों के अवैध निर्माण कार्य पर न तो रोक लगायी है और ना ही उक्त संबंध में न्यायालय को भी सूचित है। स्थानीय जनों ने उक्त अवैध निर्माण पर तत्काल तोड़क कार्यवाही कर ठेकेदारों के विरुद्ध एमआरटीपी (MRTP) के तहत दंडात्मक कार्रवाई कराये जाने की
मनपा प्रशासन से अपील की है।
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