- घटिया सड़क निर्माण की भी उत्तम जांच रिपोर्ट लगाता है दुय्यम अभियंता अमोल जाधव।
- दुय्यम अभियंता अमोल जाधव के कार्यो की जांच कराने की मांग।
सुरेंद्र राजभर
मुंबई- यदि जलवाहिनी में मध्य रास्ते पर सुराख हो तो उससे पानी बहकर जाया हो जाता है। तथा गंतव्य तक उतना पानी नहीं पहुंच पाता, जितना की उद्धिस्ट होता है। यही दृष्टांत शत प्रतिशत लागू होता है। मनपा आर/दक्षिण में दुय्यम अभियंता के रूप में कार्यरत अमोल जाधव का, जो मनपा के परिरक्षण (maintenence) हेतु जारी की गई निधि को उद्दिष्ट कार्य में नहीं पहुंचने देते और जलवाहीनी के सुराख की भांति निधि को निजी स्वार्थों के चलते ठेकेदारों की मदद से बंदरबाट कर लेते हैं।
अभियंता अमोल जाधव का कारनामा ..
ऐसी जानकारी संवाददाता को दुय्यम अभियंता अमोल जाधव के प्रिय ठेकेदार ने दूरभाष पर प्रदान की है। बताया गया है, कि दुय्यम अभियंता अमोल जाधव मनपा आर/दक्षिण के परिरक्षण विभाग में कार्यरत हैं। तथा वे ठेकेदारों के प्रिय पात्र है, क्योंकि वह ठेकेदारों को खाने और खिलाने की भरपूर सुविधा देते हैं, कि उनकी इच्छानुसार काम का परसेंटेज व जारी की गई निधि के आधार पर तय रहती है।अब ठेकेदार काम घटिया करे या बढ़िया, किंतु उसे जारी की गई धनराशि तत्काल मिल जाती है।
यही कारण है कि दोगुनी काली कमाई करने के लिए सड़कों के दुरुस्तीकरण के निर्माण में या गड्ढों को भरने के लिए घटिया कांक्रीट, तारकोल (डांबर) या सीमेंट का उपयोग करते हैं ताकि सड़क की लागत से अधिकतम धनराशि बचाई जा सके।भले ही सड़क का निर्माण एक तरफ से पूरा हो और दूसरी तरफ पुनः टूटना – फूटना शुरू हो जाय,किंतु दुय्यम अभियंता अमोल जाधव घटिया सड़क के निर्माण की भी गलत रिपोर्ट लगा देता है और ठेकेदारों को लाभ पहुंचाता है।
ज्ञात हो कि कुछ वर्ष पूर्व भ्रष्टाचार के आरोप में इसके खिलाफ अपराधिक मामला भी दर्ज हुआ है और वर्तमान में वह जमानत पर रिहा किया गया है और अपनी ड्यूटी पर आर/दक्षिण विभाग में कार्यरत हैं।ठेकेदारों को ठेके का टेंडर दिलवाने में अमोल जाधव काफी मदद करता है, इसीलिए उसे मनपा कर्मियों द्वारा सड़क इंजीनियर भी कहा जाता है। उसकी देखरेख में बनाई गई सड़के, बनाए जाने के साथ ही टूटने – फूटने व ऊबड़ खाबड़ होने लगती हैं। दुय्यम अभियंता अमोल जाधव के भ्रष्ट कारनामों की जांच कराकर उसके द्वारा सड़क निर्माणों में किए गए भ्रष्टाचारों के विरुद्ध तत्काल कार्रवाई किए जाने की मांग स्थानीय नागरिकों ने मनपा के शीर्ष अधिकारियों से की है।
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