इस्माईल शेख
मुंबई– कांदीवली पश्चिम के एक महिला को डिजिटल अरेस्ट करने का ताजा मामला सामने आया है। बता दें कि 1 सितंबर को एक व्यक्ति का फोन आया जिसने खुद को दिल्ली दूरसंचार विभाग का अधिकारी बताया और उसके खिलाफ दिल्ली साइबर अपराध शाखा में मामला दर्ज होने की झूठी जानकारी देते हुए आरोपियों ने गिरफ्तारी से बचने के लिए महिला से 14 लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिए और जांच पूरी होने के बाद पैसे वापस किए जाने का कहा। लेकिन महिला का अपने बेटे से बात होने पर धोखाधड़ी का खुलासा हुआ और बाद मे महिला ने पुलिस को इसकी सूचना दी। (Digital Arrest: Online payment of Rs 14 lakh from Kandivali woman)
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, 67 वर्षीय एक महिला को ऑनलाइन धोखेबाजों ने “डिजिटल अरेस्ट” किया और एक गैर-मौजूद धन शोधन मामले (non-existent money laundering case) में अपना नाम साफ करने के बदले में उन्हे 14 लाख रुपये का भुगतान करने के लिए मजबूर किया। (Digital Arrest: Online payment of Rs 14 lakh from Kandivali woman)
क्या होता है डिजिटल अरेस्ट ?
साइबर सुरक्षा एजेंसी (cyber security agency) सीईआरटी-इन (CERT In) की सलाह के अनुसार, डिजिटल अरेस्ट उसे कहते है जिसमें पीड़ित को फोन कॉल या ई-मेल या संदेश प्राप्त होता है जिसमें दावा किया जाता है कि वे अवैध गतिविधियों, जैसे पहचान की चोरी या धन शोधन के लिए जांच के दायरे में हैं। इसमें धोखाधड़ी करने वाला व्यक्ति पीड़ित को तत्काल कार्रवाई न करने पर गिरफ्तारी या कानूनी परिणाम भुगतने की धमकी देता है। वे अक्सर तर्कसंगत सोच को रोकने के लिए घबराहट की भावना पैदा करते हैं। अपना नाम हटाने, जांच में सहायता करने या वापसी योग्य सुरक्षा जमा/एस्क्रो खाते की आड़ में, व्यक्तियों को निर्दिष्ट बैंक खातों या यूपीआई आईडी में बड़ी रकम स्थानांतरित करने के लिए मजबूर किया जाता है। (Digital Arrest: Online payment of Rs 14 lakh from Kandivali woman)
कांदीवली की महिला से जुड़े मामले को लेकर पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपियों ने खुद को दिल्ली दूरसंचार विभाग और साइबर अपराध शाखा का कर्मचारी बताया। उन्होंने महिला पर एक हाई-प्रोफाइल मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शामिल होने का आरोप लगाकर उसे ‘डिजिटल अरेस्ट’ कर लिया। यह अपराध 1 से 5 सितंबर के बीच हुआ। पीड़िता मुंबई के कांदिवली पश्चिम में अपनी भाभी के साथ रहती है। (Digital Arrest: Online payment of Rs 14 lakh from Kandivali woman)
पुलिस ने क्या कहा?
पुलिस ने बताया कि शनिवार को उत्तर क्षेत्र साइबर पुलिस स्टेशन में पीड़ित की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया गया है। शिकायत के अनुसार, महिला को 1 सितंबर को एक व्यक्ति का फोन आया, जिसने खुद को दिल्ली दूरसंचार विभाग का अधिकारी बताया। उसे बताया गया कि उसके खिलाफ दिल्ली साइबर अपराध शाखा में मामला दर्ज किया गया है। आरोपी ने महिला से कहा कि अपराध में उसके आधार कार्ड का इस्तेमाल किया गया है। (Digital Arrest: Online payment of Rs 14 lakh from Kandivali woman)
पुलिस ने और अधिक जानकारी देते हुए, बताया कि इसके बाद आरोपी ने उसकी बात अपने साथी से कराई, जिसने खुद को साइबर अपराध शाखा का अधिकारी राकेश कुमार बताया। जब कुमार और एक महिला आरोपी, जिसने खुद को शोभा शर्मा बताया था। आरोपियों ने पीड़िता को दिल्ली पुलिस के तीन फर्जी पत्र दिखाए और बताया कि उसे तीन से पांच साल की जेल हो सकती है। यह देखते हुए महिला डर गई। इसके बाद शर्मा ने पीड़िता से उसके बैंक खातों और म्यूचुअल फंड, फिक्स डिपॉज़िट के बारे में पूछा और उसे बैंक जाकर आरोपियों द्वारा बताए गए बैंक खाते में सभी निवेश जमा करने को कहा। (Digital Arrest: Online payment of Rs 14 lakh from Kandivali woman)
अधिकारी ने बताया, कि शर्मा के निर्देश पर पीड़िता बैंक गई, फिक्स डिपॉज़िट, म्यूचुअल फंड और बचत खाते तोड़ दिए और आरटीजीएस के जरिए दिए गए खाता नंबर में 14 लाख रुपये जमा कर दिया। फोन करने वाले ने वैरिफिकेशन के बाद पैसे वापस करने का वादा किया। महिला को अपने बेटे से बात करने के बाद एहसास हुआ कि उसके साथ धोखा हुआ है, जिसके बाद उसने पुलिस से संपर्क किया। (Digital Arrest: Online payment of Rs 14 lakh from Kandivali woman)
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