इस्माईल शेख
मुंबई– महाराष्ट्र संगठित अपराध अधिनियम (मकोका) की विशेष अदालत ने अंडरवर्ल्ड डॉन राजेंद्र सदाशिव निकालजे उर्फ छोटा राजन को अंधेरी के एक बिल्डर पर 2008 में की गई गोलीबारी के मामले में बरी कर दिया है। इस मामले में गिरफ्तार राजन के चार कथित सहयोगी पहले ही मुकदमे का सामना कर चुके हैं। इनमें 22 वर्षीय कमर रशीद उर्फ मोनू उर्फ मुन्ना अब्दुल रशीद सिद्दीकी, 34 वर्षीय परवेज अख्तर तजमुल हुसैन सिद्दीकी, 34 वर्षीय अनीस अनवर उल हक खान और 30 वर्षीय असगर राजाबली खान के नाम दर्ज हैं। सुनवाई के दौरान 2010 में, उनमें से तीन को 10 साल के कारावास की सजा सुनाई गई थी, जबकि चौथा आरोपी असगर खान को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया था। (Chhota Rajan acquitted by court, firing on builder)
गोलीबारी के मामले में बिल्डर के बयान के आधार पर एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसमें राजन के सहयोगियों को नामजद किया गया था और उन पर भारतीय शस्त्र अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत हत्या के प्रयास सहित विभिन्न आरोपों के तहत मामला दर्ज किया गया था। जांच के दौरान, मुंबई अपराध शाखा (मुंबई क्राईम ब्रांच) ने पाया कि गिरफ्तार किए गए चारों आरोपी छोटा राजन के नेतृत्व वाले एक संगठित अपराध सिंडिकेट के सदस्य थे, जिसके बाद उन्होंने मामले में मकोका के प्रावधानों को लागू किया। (Chhota Rajan acquitted by court, firing on builder)
कहां से हुआ गिरफ्तार?
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) जिसने छोटा राजन के खिलाफ सभी मामलों को अपने हाथ में लिया था। सीबीआई ने अक्टूबर 2015 में इंडोनेशिया के बाली से भारत में प्रत्यर्पित किए जाने के बाद गैंगस्टर के खिलाफ एक पूरक आरोप पत्र (supplementary charge sheet) दायर किया था। (Chhota Rajan acquitted by court, firing on builder)
प्रदीप शर्मा का करीबी
राजन के वकील ने तर्क देते हुए कोर्ट में कहा कि उसे मामले में झूठा फंसाया गया था और दावा किया कि कथित अपराध से उसे जोड़ने के लिए कोई प्रथम दृष्टया सबूत नहीं था। उन्होंने आगे दावा किया कि शिकायतकर्ता पुलिस का एक मुखबिर था और पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा का करीबी दोस्त था, जिसने गैंगस्टर को कई बार निशाना बनाया था। विशेष सत्र न्यायाधीश एएम पाटिल ने शुक्रवार को आदेश का क्रियाशील भाग जारी किया। (Chhota Rajan acquitted by court, firing on builder)
क्या है मामला?
मकोका मामले में विशेष अदालत ने सुनवाई के दौरान आरोपी राजेंद्र सदाशिव निकलजे उर्फ छोटा राजन को धारा 307 के साथ 120(बी) के तहत दंडनीय अपराधों से बरी कर दिया। वैकल्पिक रूप से धारा 307 के साथ 34 आईपीसी के साथ आर्म्स एक्ट के साथ 3, 25, 27 के साथ एमसीओसी अधिनियम, 1999 की धारा 3(1)(ii), 3(2), 3(4) के तहत मामला दर्ज था। (Chhota Rajan acquitted by court, firing on builder)
सरकारी वकील ने क्या कहा?
विशेष अदालत के सरकारी वकील प्रदीप घरात ने कहा कि छोटा राजन खिलाफ दर्ज 71 मामलों में से उसे सात मामलों में दोषी ठहराया गया है और करीब चार मामले अभी भी लंबित हैं। उन्होंने कहा कि कई मामले सबूतों के अभाव में बंद कर दिए गए हैं। राजन को 25 अक्टूबर, 2015 को इंडोनेशिया के बाली हवाई अड्डे पर वहां की पुलिस ने गिरफ्तार किया और भारत वापस भेज दिया था। उसके वापस भेजे जाने के बाद, केंद्र सरकार ने नवंबर 2015 में एक अधिसूचना जारी कर छोटा राजन से संबंधित सभी मामलों को सीबीआई को सौंप दिया। (Chhota Rajan acquitted by court, firing on builder)
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