- GSTN के सिस्टम को दोषमुक्त, सरल बनाने के लिए प्राप्त हुआ राज्यों के सुझावों की समीक्षा करें और एक महीने के भीतर रिपोर्ट जमा करें
- उपमुख्यमंत्री तथा केंद्रीय मंत्रियों के स्थायी समूह के अध्यक्ष अजीत पवार का GSTN अधिकारियों को निर्देश
- दोषमुक्त, पारदर्शी, सरल होगा जीएसटी का सिस्टम
- उपमुख्यमंत्री अजित पवार की अध्यक्षता में केंद्रीय स्तर के स्थायी मंत्रियों के संग हुई बैठक
- दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनिष सिसोदीया, हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, छत्तीसगढ़ के व्यापार कर मंत्री टी.एस. सिंगदेव, तमिलनाडु के वित्त मंत्री डॉ. पलानीवेल त्यागराजन की बैठक में उपस्थिति
नितिन तोरस्कर (मंत्रालय प्रतिनिधि)
मुंबई- सूचना प्रौद्योगिकी का प्रभावी उपयोग करके वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटीएन) को सरल, सुचारू और दोषमुक्त बनाने के लिए देश के कई राज्यों से अच्छे सुझाव प्राप्त हुए हैं। जीएसटीएन के केंद्र और राज्य स्तर के अधिकारियों को बाकी राज्यों से मिले सुझावों की समीक्षा कर एक महीने के भीतर व्यापक रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया गया है!
इस रिपोर्ट को जीएसटीएन सुधारों के लिए मंत्रियों के स्थायी समूह की अगली बैठक में पेश की जाएगी, जिसके बाद मंत्रियों का समूह उचित रूप से विचार करेगा और जीएसटी परिषद को उचित सिफारिशें करेगा, इसकी जानकारी उप मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री और केंद्रीय मंत्रियों के समूह प्रमुख अजित पवार ने दी।
सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटीएन) प्रणाली को मजबूत करने के लिए उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिस्तरीय समूह की बैठक गुरुवार आज ऑनलाइन हुई। राज्य के मंत्रालय से बैठक में उप मुख्यमंत्री अजित पवार शामिल हुए।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनिष सिसोदिया, हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, छत्तीसगढ़ के व्यापार कर मंत्री टी.एस. सिंगदेव, तमिलनाडु के वित्त मंत्री डॉ. पलानीवेल त्यागराजन, जीएसटीएन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मनीष सिन्हा और साथ ही, जीएसटीएन केंद्रीय और संबंधित राज्यों के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने ऑनलाइन बैठक में भाग लिया। बैठक में राज्य वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज सौनिक, प्रमुख सचिव वित्तीय सुधार राजगोपाल देवरा, राज्य कर आयुक्त राजीव मित्तल भी मौजूद थे!

उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा कि सूचना और प्रौद्योगिकी के माध्यम से हम जीएसटीएन प्रणाली की खामियों को दूर कर व्यवस्था को मजबूत और अधिक सक्षम बनाने का प्रयास कर रहे हैं. कई राज्यों ने इसके लिए उपयोगी सुझाव भेजे हैं। बाकी राज्यों से भी सुझाव अपेक्षित हैं।
केंद्र और राज्य स्तर के अधिकारी एक साथ बैठकर राज्यों से प्राप्त सभी सुझावों का अध्ययन करेंगे और एक महीने के भीतर मंत्रियों के समूह को रिपोर्ट सौंपेंगे. मंत्रियों का समूह इस पर विचार करेगा और जीएसटी परिषद को उचित सिफारिशें करेगा। अन्य सदस्यों ने भी उपमुख्यमंत्री से सहमति जताई।
जीएसटीएन में कपटपूर्ण पंजीकरण को रोकने के लिए, फर्जी पंजीकरण और कर चोरों का पंजीकरण रद्द करना, कर रिटर्न के मामलों का शीघ्र और शीघ्र निपटान, करदाताओं की जानकारी का विश्लेषण और धोखाधड़ी का पता लगाने के साथ-साथ संबंधित राज्यों को जीएसटीएन पर उपयोगी जानकारी का प्रावधान। उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने अधिकारियों को अगली बैठक में इन्हीं मुद्दों पर प्रस्तुतीकरण देने का निर्देश दिया है!
बैठक में जीएसटी को लेकर राज्यों के हितों की रक्षा के मुद्दे पर भी चर्चा हुई। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, छत्तीसगढ़ के व्यापार कर मंत्री टी.एस. सिंगदेव, तमिलनाडु के वित्त मंत्री डॉ. पलानीवेल ने त्यागराजन और अन्य के सामने बैठक में अपने विचार रखे। GSTN के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मनीष सिन्हा ने भी GSTN की वर्तमान स्थिति और भविष्य पर एक प्रस्तुति दी।

केंद्रीय मंत्रिस्तरीय समूह स्थापना की पृष्ठभूमि
केंद्रीय वित्त मंत्रालय के निर्णय के अनुसार, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के नेतृत्व में उपमुख्यमंत्रियों और वित्त मंत्रियों का एक केंद्रीय स्तर का समूह जीएसटी प्रणाली में कमियों को दूर करने और इसे सरल और निर्दोष बनाने के लिए गठित किया गया है।
उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के नेतृत्व में गठित केंद्रीय मंत्रिस्तरीय समूह में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनिष सिसोदिया, हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, आंध्र प्रदेश के वित्त मंत्री बुग्गना राजेंद्रनाथ, असम के वित्त मंत्री अजंटा निओग और छत्तीसगढ़ के व्यापार कर मंत्री टी.एस. सिंगदेव, ओडिशा के वित्त मंत्री निरंजन पुजारी, तमिलनाडु के वित्त मंत्री डॉ. पलानीवेल त्यागराजन का समावेश है।
मंत्रियों का वर्तमान स्थायी समूह जीएसटी भुगतान प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाएगा, करदाताओं द्वारा प्रदान की गई जानकारी को सत्यापित करेगा, कर चोरी को रोकेगा, प्रभावी सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग करके कर प्रणाली को कुशल और दोषमुक्त बनाएगा! यह केंद्र और राज्य कर अधिकारियों के बीच समन्वय के लिए एक तंत्र स्थापित करने जैसे मुद्दों पर समय-समय पर सिफारिशें करेगा। मंत्रियों का वही स्थायी समूह इस स्थायी मंत्रिपरिषद द्वारा की गई और जीएसटी परिषद द्वारा अनुमोदित सिफारिशों के समय पर कार्यान्वयन की निगरानी भी करेगा।
जीएसटी परिषद की 17 सितंबर को हुई 45वीं बैठक के बाद केंद्रीय स्तर के मंत्रियों का समूह गठित करने का निर्णय लिया गया और इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है। इससे पहले 6 अक्टूबर को उपमुख्यमंत्री और मंत्रियों के केंद्रीय स्थायी समूह के अध्यक्ष अजीत पवार की अध्यक्षता में माल और सेवा कर नेटवर्क के केंद्रीय स्तर के अधिकारियों के साथ एक बैठक हुई थी, जिसमें मंत्रियों के समूह के तौर-तरीकों और दिशा का फैसला किया गया था। उस बैठक में उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने जीएसटीएन सुधारों के संबंध में अन्य राज्यों से राय, सुझाव और संशोधन आमंत्रित करने का निर्देश दिया था। आज की बैठक में तदनुसार की गई कार्रवाई की समीक्षा की गई।
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