वी बी माणिक
मुंबई- बृहनमुंबई महानगर पालिका (BMC) की सुरक्षा व्यवस्था राम भरोसे हो गयी है। मनपा मुख्यालय में सुरक्षा कर्मियों की संख्या कम है। के ई एम अस्पताल में सुरक्षा गार्डों की भारी कमी है। साथ ही, नायर और सायन अस्पताल में भी सुरक्षा कर्मियों की भारी कमी है। लेकिन कूपर अस्पताल में आवश्यकता से ज्यादा सुरक्षा गार्ड तैनात की गई है, यहां हर वार्ड में गार्डो की ड्यूटी लगाई गई है ये कौन से नियम के तहत है? किसके आदेश से लगाई गई है ? ये कोई भी बोलने को तैयार नही है।
बृहन्मुंबई महानगर पालिका की सुरक्षा (Mumbai BMC)
मुख्य सुरक्षा अधिकारी अजित तावड़े भी साफ उत्तर नही दे रहे है, कि कूपर अस्पताल के डीन को कौन सा खतरा है, जो भारी संख्या में गार्डो को यहां तैनात किया गया है। ऐसे भी मनपा में सुरक्षा गार्डों की कमी है। पिछले दिनों पूर्व अतिरिक्त आयुक्त सुरेश काकानी ने 849 गार्ड और 52 ए एस ओ की भर्ती करने के आदेश जारी किए थे। जो कि 50% ही अब तक हो पाई है। काकानी के सेवनृवित्त होने के बाद मामला खटाई में पड़ता दिखाई पड़ रहा है।
वही दूसरी ओर डिप्टी सुरक्षा अधिकारी विलास सुर्वे को सीएसओ बनना था। लेकिन उस अरमान पर पानी फिर गया, क्योंकि एक महिला सुरक्षा गार्ड ने सुर्वे की शिकायत मनपा आयुक्त से कर दी थी। जिस पर आज तक कोई कार्रवाई नही की गई, बल्कि उस महिला को बदली देकर मुलुंड भेज दिया गया। अब तो महिलाये भी सुरक्षित नहीं है। ये मनपा की सुरक्षा क्या करेंगे ?
अब अधिकांश सुरक्षा अधिकारियों ने तो तावड़े के विरुद्ध मुकदमा दायर करने की तैयारी कर रहे हैं साथ ही अपनी मनमानी कर रहे है। सुरक्षा विभाग में अनुशासन समाप्ति की ओर जा रहा है। इसमें कब सुधार आएगा ये राम भरोसे है। इस पर अतिशीघ्र मनपा आयुक्त चहल को एक निर्णायक भूमिका निभानी चाहिए।
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