इस्माइल शेख
मुंबई- बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत नई शुरुआत करते हुए मुंबई के पेड़ों की देखरेख और उसका आकलन करने के लिए आर्बोरिस्ट यानी पेड़ों के सर्जन की नियुक्ति की है। भारत के लिए ये बिलकुल नया है लेकिन मुंबई शहर के लिए काफी महत्वपूर्ण एवं ज़रूरी है।
मुंबई में समय से पहले मानसून की दस्तक और हवामान में लगातार आ रहे बदलाव के कारण यहां के पेड़ों की सुरक्षा को लेकर बृहन्मुंबई महानगर पालिका ने बहोत ही महत्वपूर्ण कदम उठाया है। हालही के साईक्लोन, ताउते और यास तूफान ने शहर के पेड़ों को काफी नुकसान पहुंचाया है। साथ ही पेड़ों के गिरने से शहर का जनजीवन भी काफी प्रभावित हुआ है। इसको ध्यान में रखते हुए बृहन्मुंबई महानगर पालिका ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत शहर के पेड़ों के लिए आर्बोरिस्ट की नियुक्ति की है।
इस पायलट प्रोजेक्ट के तहत नियुक्त आर्बोरिस्ट शहर के पेड़ों की देखरेख और उसका आकलन करेंगे। आप को बता दें, कि एक आर्बोरिस्ट पेड़ का ठिक से अध्ययन कर पेड़ की वर्तमान स्थिति पर जांच करता है।
भारत के लिए बिलकुल ही नया है
एक आर्बोरिस्ट ने जानकारी देते हुए बताया, कि यह भारत के लिए बिलकुल ही नया है पर वर्तमान हालात को देखें तो यह शहरों के लिए बेहद ज़रूरी है। शहरों में ज्यादा आबादी और एक साथ पेड़ भी लगते रहते हैं, ऐसे में पेड़ों का स्ट्रेस बहुत ज्यादा हो जाता है। इनका रखरखाव और सही ईलाज़ बहुत ज़रुरी है।
एक आर्बोरिस्ट विभिन्न उपकरणों द्वारा पेड़ की जांच करता है। उसका सही आकलन किया जाता है जिससे पेड़ की वर्तमान स्थिति का पता लगाया जा सकता है। आर्बोरिस्ट के बीना इसपर जांच नामुमकिन है! पेड़ों के आकलन के लिए सबसे महत्वपूर्ण रेस्ट्रोग्राफ मशीन को माना जाता है। इसमें एक सूई की मदद से पेड़ों के तने में घुसाई जाती है।
पायलट प्रोजेक्ट के तहत बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) ने दक्षिण मुंबई में 200 पेड़ों के लिए आर्बोरिस्ट की नियुक्ति की है। नियुक्त आर्बोरिस्ट वैभव राजे सारे पेड़ों के डाटा इकट्ठा कर BMC को सौंपेंगे। जरुरत पडने पर इनका इलाज किया जाएगा, जिन पेड़ों को इसकी ज़रुरत होगी।
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