- कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस की घोषणा। सत्ता में आई तो बजरंग दल को करेगी बैन।
- बजरंग दल पर बैन की बात को भाजपा ने बजरंग बली से जोड़ा।
- बजरंग बली का नाम लेकर भाजपा का जनता से वोट की अपील।
- राजनिति में खुल्लम खुल्ला भाजपा ने कर दी धर्म की एंट्री।
- मुख्य चुनाव आयुक्त से भाजपा की शिकायत।
- बजरंग दल के दो और आरएसएस के एक पर पाकिस्तान की जासूसी करने का आरोप,
- पुलिस ने किया गिरफ्तार।
सुरेंद्र राजभर
मुंबई- कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस ने बजरंग दल को लेकर घोषणा कर दी है, कि वह सत्ता में आई तो बजरंग दल को बैन कर देगी। फिर क्या था उत्तर भारत में बजरंग दल के लोग कांग्रेस के पार्टी कार्यालय में तोड़ फोड़ करने लगे। उत्तर प्रदेश के जालौन में तो पुलिस द्वारा लगाया गया बेरीकेट ही तोड़ डाला। यूपी पुलिस उन्हें आगे जाने से रोक रही थी। बेरीकेट तोड़ने और उत्पात मचाने के कारण योगी की पुलिस लाठियां लेकर उन पर टूट पड़ी। ट्रक के पीछे छिपे लोगों को पकड़ा और लाठियों से धुनाई कर दी। उत्तराखंड में तो हद ही पार कर दी। तोड़ फोड़ मचाया तो कांग्रेस वाले उनसे भीड़ गए।
राजनीति में धर्म की एंट्री..
बजरंग दल पर बैन की बात को भाजपा ने बजरंग बली से जोड़ दिया और बजरंग बली का नाम लेकर कहा, कि जनता भाजपा को वोट दे। यानी भाजपा ने राजनीति में खुल्लम खुल्ला धर्म की एंट्री कर दी। जबकि इसको लेकर कांग्रेस ने मुख्यचुनाव आयुक्त के यहां भाजपा की शिकायत कर दी। लेकिन आप को बता दें, कि यहां भाजपा की कृपा प्रसाद से मुख्य चुनाव आयुक्त बनने वाले से कार्रवाई की उम्मीद बेमानी है। अगर आयोग कार्रवाई ईमानदारी से करे तो देश के प्रधानमंत्री, अमित शाह और योगी के कर्नाटक चुनाव प्रचार पर बैन लग सकता है।
आप को और भी अधिक जानकारी देते हुए बता दें, कि बजरंग दल के दो सदस्य और आर एस एस के एक व्यक्ति पर पाकिस्तान की जासूसी करने का आरोप लगा है। इसको लेकर पुलिस ने गिरफ्तारी भी की है। वास्तव में बजरंग दल पर वसूली के कई केस दर्ज हुए हैं। हाल के दिनों में देखा जाए तो पुलिस के सामने बजरंग दल की गुंडागर्दी जिसमें दीवार तोड़ना, तोड़ फोड़ करना आदि शामिल है। इसके साथ ही बजरंग दल ने कानून व्यवस्था की धज्जियां बिखेर दी है। ऐसी गुंडागर्दी और तोड़-फोड़ करने वाले फासिस्ट संगठन, जो भारत का कानून नहीं मानता और पाकिस्तान के लिए जासूसी करे। इन्हे क्यों नहीं बैन कर दिया जाता?
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