BMC चुनाव से पहले शिवसेना और बीजेपी में गठबंधन को लेकर नई खींचतान शुरू हो गई है। शिवसेना मुंबई में बीजेपी को समर्थन देने के लिए तैयार है, लेकिन बदले में ठाणे और कल्याण-डोंबिवली में भी बीजेपी का समर्थन चाहती है। Before BMC elections, Shiv Sena entangled BJP in conditions
मंत्रालय प्रतिनिधि
मुंबई: आगामी कुछ ही दिनों में चुनाव आयोग महाराष्ट्र में पार्षदों के चुनाव की अधिसूचना जारी करने वाला है। 6 मई को सुप्रीम कोर्ट ने चार सप्ताह के भीतर चुनाव की तारीख जारी करने के आदेश दिए थे। चुनाव की तैयारियों के बीच महायुति गठबंधन में तोलमोल शुरू हो गए हैं। शिंदे की शिवसेना ने चुनाव से पहले बीजेपी के सामने अपनी शर्तों को रख दिया है। शिवसेना का कहना है कि अगर बीजेपी बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) चुनाव में गठबंधन चाहती है, तो उसे ठाणे और कल्याण-डोंबिवली (KDMC) में भी ऐसा ही करना होगा। शिवसेना, भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर दबाव बनाने के लिए उद्धव ठाकरे गुट के पार्षदों को शामिल करा रही है, ताकि गठबंधन नहीं होने की स्थिति में उन्हें चुनाव में उतारा जा सके। Before BMC elections, Shiv Sena entangled BJP in conditions
शिवसेना की शर्त क्या है?
महाराष्ट्र निकाय चुनाव में गठबंधन को लेकर सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि बीजेपी पूरे प्रदेश में गठबंधन नहीं करेगी। इसके जवाब में शिवसेना ने भी अपनी चाल चल दी है और बीएमसी चुनाव के साथ अन्य नगर निगमों के चुनाव में भी गठबंधन का दबाव बना दिया है। शिवसेना के नेताओं ने कहा, कि बीजेपी मुंबई में गठबंधन करना चाहती है तो उसे ठाणे और कल्याण-डोंबिवली में भी शिवसेना का साथ देना होगा। अगर ऐसा हुआ तो बीजेपी बीएमसी की सत्ता में आ सकती है और शिवसेना ठाणे और कल्याण-डोंबिवली में अपना दबदबा बनाए रख सकती है। Before BMC elections, Shiv Sena entangled BJP in conditions
भाजपा को मुंबई में होगा नुकसान
शिवसेना नेता ने कहा कि अगर बीजेपी अकेले बीएमसी चुनाव में उतरेगी तो उसे नुकसान होना तय है। मुंबई में बीजेपी उद्धव ठाकरे की सेना यूबीटी के खिलाफ चुनाव लड़ेगी मगर उसे एकनाथ शिंदे की शिवसेना और मनसे के साथ भी दो-दो हाथ करना पड़ेगा। ऐसे में वोट बंट सकते हैं और बीजेपी को बीएमसी की सत्ता हासिल नही हो सकेगी। ऐसे में उसे शिवसेना का समर्थन लेना होगा। शिवसेना नेता ने साफ किया कि बीजेपी मुंबई में दबदबा बनाना चाहती है। वहीं, शिवसेना (शिंदे गुट) ठाणे और कल्याण-डोंबिवली में मजबूत होना चाहती है। इन इलाकों में हमारी पार्टी वहां मजबूत है और हम चाहते हैं कि यह ऐसा ही बना रहे। Before BMC elections, Shiv Sena entangled BJP in conditions
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उद्धव गुट के 45 पार्षद शिंदे गुट में शामिल
जब एकनाथ शिंदे ने शिवसेना से अलग होकर अपनी पार्टी बनाई, तो मुंबई के ज्यादा पार्षद उनके साथ नहीं गए। अब बृहन्मुंबई महानगर पालिका का कार्यकाल खत्म हो गया है। एकनाथ शिंदे ने उद्धव गुट के लगभग 45 पार्षदों को अपनी तरफ कर लिया है। शिवसेना की इस रणनीति से बीजेपी पर दबाव बढ़ रहा है। शिंदे बीजेपी को यह जताना चाहते हैं कि अगर वह ठाणे और कल्याण-डोंबिवली में गठबंधन नहीं करती है, तो शिवसेना पुराने पार्षदों को बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) चुनाव में उतार सकती है। इस वजह से बीजेपी को नुकसान हो सकता है। Before BMC elections, Shiv Sena entangled BJP in conditions
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