- क्या महाराष्ट्र में हारेगी भाजपा?
- महाराष्ट्र में सरकार के रहते शिंदे एक भी विधायक को जीताने में सक्षम नहीं।
- गोपीनाथ मुंडे और प्रमोद महाजन की सांसद बेटियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा।
सुरेंद्र राजभर
मुंबई- भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व भले ही महाराष्ट्र में शिवसेना तोड़कर शिंदे के मुख्यमंत्रित्व में सरकार बना ली हो लेकिन इस सरकार के प्रति जनता में निरंतर आक्रोश बढ़ता जा रहा है। भाजपा के प्रति गुस्सा तो है ही, खुद मुख्यमंत्री शिंदे भी जनता की नजर में खलनायक बन गए हैं। भले ही शिवसेना पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह शिंदे को मिल गया है और सतही तौर पर उद्धव ठाकरे कमजोर दिख रहे हों लेकिन जनता के मन में बालासाहेब ठाकरे का आज भी जलवा कायम है। शिंदे और उनके साथ शिवसेना तोड़कर सरकार में शामिल विधायकों के प्रति जनता के मन में स्वीकार भाव नहीं है। महाराष्ट्र में सरकार के रहते शिंदे एक भी विधायक को जिताने में सक्षम नहीं हैं।

वहीं दूसरी तरफ भाजपा के दो मजबूत पिलर रहे गोपी नाथ मुंडे और प्रमोद महाजन की सांसद बेटियों ने केंद्र के खिलाफ बगावती तेवर अपनाते हुए मोर्चा खोल दिया है। सच तो यह है कि महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ नंबर दो पर रहकर गठबंधन की सरकार पूर्व समय में बना ली थी। जिसका पूरा श्रेय मुंडे और महाजन को जाता है। दोनों की सांसद बेटियां महिला पहलवानों का दर्द अनुभव कर रही हैं तभी दोनों ने महिला पहलवानों का समर्थन करते हुए कहा है कि सरकार को संवाद करना चाहिए जिसने संवाद के सारे रास्ते बंद कर दिए हैं।
क्या महाराष्ट्र में हारेगी भाजपा?
महाराष्ट्र की जनता भी पहलवानों के प्रति सरकार की उपेक्षा और दिल्ली पुलिस द्वारा जांच के नाम पर लीपापोती और महिला पहलवानों के साथ जो बदसलूकी की उससे आक्रोश में है। उसे सही वक्त का इंतजार है। देश में दूसरा सबसे बड़ा राज्य महाराष्ट्र है जो अधिक सांसद देने वाला है लेकिन आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी और शिंदे के खिलाफ जो माहौल बना हुआ है और दोनों दिग्गजों की बेटियों की बगावत करते हुए मोर्चा खोलने से बीजेपी को खामियाजा भुगतना ही होगा।
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