लोगों का भारी प्रदर्शन
संवाददाता – (इस्माइल शेख)
मुंबई – बच्चे के नाले मे बहने के तीसरे दिन भी सर्च ऑपरेशन जारी रहा पर नही मिला दिव्यांशु नही मिला, जिसके खिलाफ गुस्साई भीड़ ने बीएमसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया!
प्रदर्शन के दौरान मुंबई महापौर से इस्तीफे की मांग करते हुए संबंधित कर्मचारी पर निलंबन कर पुलिस से एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है! गोरेगांव पश्चिम मे बुधवार की रात 2 साल का मासूम बच्चा नाले मे गिरने से पानी मे बह गया था! सूचना मिलते ही बीएमसी,फायर ब्रिगेड की टिम मिलकर तुरंत सर्च ऑपरेशन चालू कर दि थी, साथ ही एनडीआरएफ की टीम द्वारा लगातार किये जा रहे सर्च ऑपरेशन के तीसरे दिन भी दिव्यांशु का कोई पता नही चल पाया है, गुस्साए परिवार और उनके शुभचिन्तकों ने धरना प्रदर्शन किया!
बृहन्मुंबई महानगर पालिका के विरोध मे, घटना स्थल से मनपा कार्यालय तक लगभग तीन किलो मिटर तक मोर्चा निकाल कर विरोध प्रदर्शन किया गया! लोगों का यह प्रदर्शन गेरेगांव के बीएमसी कार्यालय पहुंचते -पहुंचते काफी आक्रोशित हो गया था! प्रदर्शन कारी भीड़ की शक्ल मे “शरम करो शरम करो बीएमसी शरम करो, डुब मरो डुब मरो, बीएमसी हमसे डरती है, पुलिस को आगे करती है!” जैसे नारे लगा रहे थे! अपनी मांगों मे मनपा के अधिकारीयों पर कार्रवाई की मांग कर रहे थे, साथ ही महापौर से भी इस्तीफा मांग रहे थे! मौके पर पुलिस से आरोपीयों के खिलाफ एफआरआई की मांग कर रहे थे, साथ ही जांच कर मनपा कर्मचारीयों पर पुलिस केस किए जाने की मांग हो रही थी! प्रदर्शन कारीयों की भीड़ को देखते हुए, मौके पर दिंडोशी, वनराई पोलिस और गोरेगांव पोलिस कर्मचारी तथा राज्य सुरक्षा की महीला एवं पुरुष पुलिस दल बदोबस्त मे तैनात था!
बता दें की यहां नगर सेवक, विधायक और सांसद सभी शिवसेना पार्टी से है! नगर सेवक स्वप्निल टेंबूलकर , आमदार सुनिल प्रभू और खासदार गजानन किर्तिकर सभी शिवसैनिक और साथ ही साथ बीएमसी पर सत्ता स्थापित करने वाली शिवसेना पार्टी के महापौर विश्वनाथ महाडेश्वर होने के बावजूद बीएमसी की गलती की वजह से बच्चे की मौत हो गई है पर तीन दिन बीकानेर के बाद भी एक मासूम बच्चे को ढुड पा रहे हैं! ऐसे मे विरोध कर रहे लोगों ने शिवसेना पार्टी पर निशाना साधा, जिसपर जिम्मेदारी लेते हुए महापौर को अपने पद से इस्तीफा दे देनी चाहिए ऐसी अवाजें लगाई जा रही थी!
मामले मे परिमंडल 12 के पुलिस उपायुक्त विक्रम सिंग राठोड़ ने बताया कि, जब तक बच्चे की सही जानकारी नही मिल जाती तब तक हम मामला दर्ज नही कर सकते, बच्चे के मिलते ही संबंधितों पर मामला दर्ज करने की प्रक्रिया शुरु कर दी जाएगी!
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