दूसरों के पैन व आधार कार्ड से बनाई 119 फर्जी कंपनियां हो गया गिरफ्तार

दूसरों के पैन कार्ड और आधारकार्ड से वनी 119 फर्जी कंपनियों का खुलासा हुआ है। महाराष्ट्र राज्य माल और सेवा कर अधिनियम की धारा 132 के तहत एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर कोर्ट ने 14 दिनों की हिरासत में भेज दिया है। इस मामले के खुलासे से यह सोचने पर मजबूर कर दिया है, कि कहीं आप के पैन आधार पर फर्जी कंपनी तो नहीं?

सुरेंद्र राजभर
मुंबई
– आम नागरिकों के पैन और आधार कार्ड का इस्तेमाल कर 119 फर्जी कंपनियां बनाने के आरोप में राजस्थान के जयपुर से एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है।
राज्य कर उपायुक्त, सहाय्यक आयुक्त एवं राज्य कर निरीक्षकों की एक विशेष टीम ने जयपुर पुलिस के सहयोग से इस अभियान को अंजाम दिया है।

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पैन और आधार, फर्जी कंपनी,
Pan Aadhar link

मयूर नागपाल नामक व्यक्ति गुमनाम तरीके से ई-मेल बनाते हुए पाया गया। इसके गुमनाम ई-मेल और फर्जी कंपनियों के साथ सीधा संबंध दिखाते हुए, उन्हें गिरफ्तार किया गया क्योंकि यह महाराष्ट्र राज्य माल और सेवा कर अधिनियम की धारा 132 के तहत एक अपराध है। अतिरिक्त मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट, मुंबई ने आरोपी को 14 दिन की हिरासत में भेज दिया है।

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पैन और आधार पर फर्जी कंपनी..

माही इंटरप्राइजेज के भिवंडी और नासिक स्थित पतों पर छापेमारी की गई। पता चला कि कंपनी वहां मौजूद ही नहीं थी। कंपनी ने करीब 22 करोड़ रुपये के इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठाया था। साथ ही, मई में माही इंटरप्राइजेज और इस कंपनी के साथ काम करने वाली कंपनियों के ई-मेल और मोबाइल नंबर में कुछ कॉमन लिंक मिले। इस मामले में साइबर फोरेंसिक विशेषज्ञों की भी मदद ली गई।

आगे की जांच के लिए अधिकारियों की एक टीम दिल्ली और नोएडा गई। राष्ट्रीयकृत बैंकों, यूपीआई गेटवे और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं से जानकारी एकत्र की गई। राज्य के राजस्व उपायुक्त, सहाय्यक आयुक्त और राज्य के राजस्व निरीक्षक की एक विशेष टीम और जयपुर पुलिस की मदद से आरोपी का पता लगाया गया। आरोपी जयपुर के एक बंगले के बेसमेंट से अवैध काम करते पाए गए थे। उनका जवाब रिकॉर्ड किया गया। इस तरह से बनाई गई फर्जी कंपनियों की संख्या आगे की जांच में बढ़ने की उम्मीद है। कर अपवंचन की आपराधिक प्रवृतियों के विरुद्ध राज्य माल एवं सेवा कर विभाग के प्रयासों में इस कार्रवाई को बड़ी सफलता मिली है।

इस मामले की जांच कर रहे जांच-बी डिवीजन के प्रमुख एवं राज्य कर के संयुक्त आयुक्त श्रीमती वान्मथी सी. (भा.प्र.से.) एवं राज्य कर उपायुक्त श्रीमती रूपाली बारकुंड की प्रत्यक्ष भागीदारी और पर्यवेक्षण के तहत किया गया। जांच अधिकारी और सहाय्यक राज्य कर आयुक्त डॉ.ऋषिकेश वाघ मामले की आगे की जांच कर रहे हैं। सभी सहाय्यक आयुक्त श्री दीपक दांगट, रामचंद्र मेश्राम और सुजीत पाटिल ने जांच में सहयोग किया।

इसमें जांच शाखा के राज्य कर निरीक्षकों का अहम योगदान रहा है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में राज्य माल एवं सेवा कर विभाग द्वारा की गई यह 73वीं गिरफ्तारी है। इस मामले की जांच का महाराष्ट्र सरकार के साथ-साथ उत्तर प्रदेश और राजस्थान सरकार के साथ सफलता पूर्वक समन्वय किया गया।राज्य माल एवं सेवा कर विभाग ने कहा है कि इसमें मिली सफलता “वन नेशन, वन टैक्स, वन मार्केट” की अवधारणा का अच्छा उदाहरण है।

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