सुरेंद्र राजभर
मुंबई– विधानसभा चुनाव 2014 की तरह ही इस बार भी असमंजस की स्थिति मालाड़ (पश्चिम) विधानसभा मे नजर आ रही है!
मालाड़ विधानसभा मे जहां दो दमदार प्रत्याशीयों को लेकर मतदाता दुविधा मे हैं, तो वहीं क्षेत्र मे भी यही स्थिति दलित समाज व मुस्लिम समाज के लिए पैदा हो गई है! इस सीट पर वंचित बहुजन अघाड़ी से जहां सैय्यद सोहेल असगर रिज्वी उर्फ़ बबलू बाटा मैदान मे है, तो वही बसपा के केशव गोविंद जाधव हैं! ऐसी स्थिति मे दलित व मुस्लिम समाज के मतदाता यह तय नही कर पा रहे हैं कि, वो किस तरफ जाएं!
अब यहां बताना लाज़मी है कि, 2014 मे भी ऐसी ही दावेदारी के बीच भाजपा ने डॉ.राम बारोट को चुनाव लड़ने का मौका दिया था! मतगणना के पश्चात डॉ. राम बारोट को लगभग 54 हजार वोट हासिल हुऐ थे, जबकि जीत हासिल करने वाली पार्टी कांग्रेस के प्रत्याशी असलम शेख के मुकाबले 22 सौ वोटों से पीछे रह गए थे!
रोचक होगी लड़ाई
मालाड़ (पश्चिम) विधानसभा मे मतदाताओं की माने तो, मुस्लिम व दलित समाज के प्रत्याशीयों की लड़ाई रोचक होगी! वंचित बहुजन अघाड़ी के न सिर्फ सैय्यद सोहेल असगर रिज्वी उर्फ बबलू बाटा बल्कि बसपा ने भी दलित समाज के मतदाताओं को अपने पक्ष मे करने के लिए एेड़ी-चोटी का जोर लगाना शुरु कर दिया है! ऐसे मे दलित समाज के सामने असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है! कुछ लोग जहां वर्तमान मे वंचित बहुजन अघाड़ी का साथ देना चाह रहे हैं और वही कुछ बसपा पार्टी को मौका देने के पक्ष मे हैं! इस परिस्थिति मे दलित व मुस्लिम समाज के वोटों का बटना निश्चित है, ऐसे मे चौकाने वाला परिणाम आ जाऐ तो कोई आश्चर्य नही है! अतित की बात करें तो, असलम शेख ने 2014 के विधानसभा चुनाव मे अपने निकटतम प्रतिद्वंदी भाजपा के डॉ. राम बारोट को 22 सौ वोटों से हराया था! परंतु इस बार रमेश सिंह ठाकुर दमदार प्रत्याशी के रुप मे सामने हैं! जानकारों की माने तो इस बार मालाड़ विधानसभा चुनाव मे कांग्रेस के असलम शेख को लगभग 25% मुस्लिम समर्थन मिल सकता है! जबकि विभिन्न समुदायों का एक बड़ा वर्ग (समूह) सर्व धर्म समभाव की भावना रखने वाले भाजपा प्रत्याशी रमेश सिंह ठाकुर के साथ जा सकता है! इस बार तीन तलाख का मुद्दा व अनुच्छेद 370 को जोड़कर ही चुनावी जंग को देखा जा रहा है!
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