इस्माइल शेख
मुंबई– Mumbai की एक विशेष अदालत ने बुधवार को 20 वर्षीय युवक को तीन साल जेल की सजा सुनाई है। युवक ने एक स्कूल जाने वाली छात्रा का दुपट्टा खींचा था। युवक को सजा सुनाते हुए कोर्ट ने कहा, कि ‘इस तरह की घटना से पीड़ितों और उनके परिवारों में आतंक पैदा करती है।’ युवक पर नाबालिग लड़की के साथ छेड़छाड़ और धमकाने का आरोप है। (Mumbai Special Court)
युवक को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 354 (महिला की शील भंग करने के इरादे से हमला या आपराधिक बल) और 506 (आपराधिक धमकी) के साथ-साथ यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण के प्रासंगिक प्रावधानों (POCSO) के तहत किए गए अपराधों का दोषी पाया गया। पोस्को अधिनियम विशेष न्यायाधीश प्रिया बांकर ने युवक को सजा सुनाते हुए सख्त टिप्पणी की। अभियोजन पक्ष ने कहा कि पीड़िता 10वीं कक्षा में पढ़ रही थी और जब यह घटना 2017 में उपनगरीय मुंबई में हुई थी तब वह 15 साल की थी। (Protection of Children from Sexual Offences Act, 2012)
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सुरक्षित नहीं हैं बच्चे..
न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा, कि वर्तमान समय में बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों में वृद्धि हुई है। ऐसी घटनाओं का पीड़ित लड़की के साथ-साथ उसके परिवार के सदस्यों और यहां तक कि समाज पर भी बहुत प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने कहा, कि वे इस धारणा के तहत हैं कि घर और आस-पास के क्षेत्र बच्चों के लिए सुरक्षित नहीं हैं और यह समाज में एक खतरनाक स्थिति पैदा करने वाला है। जज ने कहा, ‘निश्चित रूप से इस तरह की घटना लोगों के साथ-साथ पीड़िता और उसके परिवार के सदस्यों के मन में आतंक पैदा करती है और लंबे समय तक निशान छोड़ जाती है।’ (Mumbai News)
घर के सामने खड़ा था युवक Mumbai
आरोपी उसके घर के सामने खड़ा था। जब पीड़िता के परिवार वालों को इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने आरोपी का पीछा किया, लेकिन इसकी शिकायत पुलिस से नहीं की। घटना वाले दिन पीड़िता अपने घर के पास की दुकान से घरेलू सामान खरीदने जा रही थी, तभी आरोपी ने उसका दुपट्टा खींच लिया और उसका हाथ पकड़ लिया। (Mumbai)
पिता को पीटने की धमकी
युवक ने पीड़िता को धमकी भी दी थी। कहा था, कि वह उसके घर में घुसकर उसके पिता को पीटेगा। ऐसे में पीड़िता के पिता ने आरोपी के खिलाफ माहिम पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई। सुनवाई के दौरान अदालत ने पीड़िता और उसके पिता के साथ-साथ मामले के जांच अधिकारी की गवाही पर भरोसा किया। ( Crime News)
आरोपी ने किया प्रेम संबंध का दावा
आरोपी ने यह कहकर अपना बचाव करने की कोशिश की कि उसके और पीड़िता के बीच प्रेम संबंध था। लेकिन अदालत ने कहा कि पीड़िता की उम्र को देखते हुए यह स्वीकार्य नहीं किया जा सकता। इसमें कहा गया है, कि जिरह (cross-examination) के दौरान पीड़िता और उसके पिता ने इस आशय के सुझावों को भी खारिज कर दिया। (Indian Penal Code)
अदालत ने रिकॉर्ड पर मौजूद सबूतों को देखने के बाद कहा, ‘आरोपी मौके पर मौजूद था और उसने नाबालिग पीड़ित लड़की के साथ यौन इरादे से अपराध किया और पीड़ित लड़की के साथ शारीरिक संपर्क किया और इस तरह यौन उत्पीड़न का अपराध किया है।’ साथ में यह भी कहा, कि ‘अभियोजन ने यह साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत पेश किए हैं कि आरोपी ने आईपीसी की धारा 354 और 506 के साथ पॉक्सो अधिनियम के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत दंडनीय अपराध किया है।’ (Mumbai)
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