Third Wave: कोरोना की तीसरी लहर का सच, BMC ने मुंबई हाईकोर्ट को दी सफाई

Third Wave: बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) ने मुंबई हाईकोर्ट को एक याचिका पर जानकारी देते हुए बताया, कि “कोविड की तीसरी लहर की आशंका नहीं है।” इसके साथ ही मुंबई हाई कोर्ट में दायर याचिका न्यायाधीश ने रद्द कर दिया।

Maharashtra Lockdown Update: महाराष्ट्र लॉकडाउन पर अपडेट करते हुए आप को बता दें कि, देश में कोरोना की दूसरी लहर का कहर कम होने के बाद ज्यादातर राज्यों में पाबंदियों में ढील दी जा रही है। हालांकि संभावित तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए हर तरह के एहतियात भी बरते जा रहे हैं। इन सबके बीच बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) ने मुंबई हाईकोर्ट को बताया, कि “कोविड की तीसरी लहर की आशंका नहीं है, लेकिन इसके बावजूद उसका टीकाकरण अभियान अच्छा चल रहा है।” बीएमसी ने और भी जानकारी देते हुए बताया, कि “अब तक 42 लाख से ज्यादा लोगों का पूर्ण टीकाकरण हो चुका है, जबकि 82 लाख से ज्यादा लोगों ने टीके की पहली डोज लगवा ली है।”

बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) के वकील अनिल सखारे ने अदालत को बताया, कि “पूरी तरह से बिस्तर पर पड़े 2,586 लोगों का पूर्ण टीकाकरण हो चुका है। जबकि ऐसे 3,942 लोगों को टीके की पहली डोज लगा दी गई है। सखारे ने अदालत के न्यायाधीश से कहा, कि “काम चल रहा है। यह सहजता से चल रहा है। अब टीकों की भी कोई कमी नहीं है। मुंबई सुरक्षित है। हमें (कोरोना वायरस संक्रमण की) तीसरी लहर आती दिख नहीं रही है।”

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आप को जानकारी देते हुए बता दें कि, मुंबई हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जी. एस. कुलकर्णी की खंडपीठ में दो वकीलों ध्रुति कपाड़िया और कुणाल तिवारी की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। जनहित याचिका में अनुरोध किया गया था, कि “75 साल से ज्यादा आयु के वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगों और पूरी तरह से बिस्तर पर पड़े लोगों का घर-घर जाकर टीकाकरण करने का निर्देश केंद्र और महाराष्ट्र सरकारों को दिया जाए।” याचिका में कहा गया था, कि “ऐसे लोग घरों से बाहर निकल कर टीकाकरण केंद्रों तक जाने की स्थिति में नहीं हैं।”

केंद्र सरकार ने पहले कहा था कि, वह घर-घर जाकर लोगों का टीकाकरण नहीं कर सकेगा लेकिन पिछले महीने उसने इसे मंजूरी दे दी। महाराष्ट्र सरकार ने अगस्त में कहा, कि वह अभियान शुरू करेगा और पायलट प्रोजेक्ट के तहत बिस्तर पर पड़े लोगों का घर-घर जाकर टीकाकरण शुरू कर दिया।

सोमवार को कपाड़िया ने पीठ से कहा, कि “यह याचिका दायर करने का उद्देश्य पूरा हो गया है। केन्द्र ने भी ऐसे व्यक्तियों के लिए घर घर जाकर उनका टीकाकरण करने की नीति तैयार कर ली है। इसके बाद, न्यायालय ने जनहित याचिका का निस्तारण कर दिया और कहा, “हमें खुशी है कि अब ये लोग भी कोविड-19 के टीके से वंचित नहीं हैं।”


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