इस्माइल शेख
मुंबई- पश्चिमी उपनगर के कांदिवली में हिरानंदानी हेरिटेज हाउसिंग सोसायटी कॉम्प्लेक्स में संदिग्ध कोविड-19 का वैक्सीनेशन पर मुंबई पुलिस अतिरिक्त पुलिस आयुक्त दिलीप सावंत ने जानकारी देते हुए बताया, कि नकली वैक्सीन लगाने के जुर्म में चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इनमें एक शख्स फर्जी रैकेट चलाता था, जबकि दूसरा आरोपी बड़ी-बड़ी सोसायटी में टीकाकरण कैंप लगवाता था।”
शहर में नकली वैक्सीनेशन सैंटर और 390 लोगों का वैक्सीन लगाए जाने के मामले ने तुल पकड़ लिया है! हिरानंदानी हेरिटेज हाऊसिंग सोसायटी कॉम्प्लेक्स के 390 रहवासियों को नकली सर्टिफिकेट देकर वैक्सीन लगाने के बाद से ही लोगों में भय का माहौल उत्पन्न हो गया था! पुलिस में रहवासियों द्वारा शिकायत के बाद वैक्सीनेशन पर गहन जांच कर 48 घंटे के भीतर रिपोर्ट देने के लिए बृहन्मुंबई महानगर पालिका के अतिरिक्त आयुक्त (पश्चिम उपनगर) सुरेश काकानी ने निर्देश दिए थे।
मुंबई पुलिस ने खुलासा कर धोखाधड़ी की इस घटना में 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। वहीं, एक अन्य शख्स को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। पुलिस का कहना है कि पूछताछ में यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि आरोपियों ने जो टीके लगाए, वे असली थे या नहीं।
क्या था पूरा मामला..
आप को जानकारी देते हुए बता दें, कि 30 मई, हिरानंदानी हाउसिंग सोसायटी कॉम्प्लेक्स में कोविड के खिलाफ वैक्सीनेशन सैंटर लगाकर सोसायटी के 390 लोगों को कोविशील्ड का वैक्सीन (टीका) लगाया गया था। उस दौरान राजेश पांडे नाम के एक शख्स ने खुद को कोकिलाबेन अंबानी अस्पताल का प्रतिनिधि बताते हुए सोसायटी कमेटी के सदस्यों से संपर्क किया था।
इस टीकाकरण अभियान का संचालन संजय गुप्ता ने किया, जबकि महेंद्र सिंह नाम के व्यक्ति ने सोसायटी के सदस्यों से पैसा लिया था। आरोप है कि सोसायटी के सभी लोगों को नकली टीके लगाए गए और करीब पांच लाख रुपये ठग लिए गए।
पुलिस ने दी जानकारी..
मुंबई के उत्तर प्रादेशिक अतिरिक्त पुलिस आयुक्त दिलीप सावंत ने बताया कि इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इनमें एक शख्स फर्जी रैकेट चलाता था, जबकि दूसरा आरोपी बड़ी-बड़ी सोसायटी में टीकाकरण कैंप लगवाता था। इसके अलावा बाकी दो आरोपी लोगों के पहचान पत्र चोरी करते थे। साथ ही, एक अन्य शख्स को मध्यप्रदेश से पकड़ा गया, जो वैक्सीन मुंबई लाता था।
जानकारी जुटा रही है पुलिस..
वैक्सीन की भी जानकारी पुलिस जुटा रही है!
शुरुआती जांच में पता चला है, कि आधिकारिक सैंटरों से वैक्सीन नहीं लिए गए थे। ऐसे में जांच की जा रही है कि लोगों को जो वैक्सीन लगाए गए थे, वे असली थे या नहीं। पुलिस ने उम्मीद जताई कि आरोपियों से पूछताछ के बाद इसका जल्द पता लग जाएगा।
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