विशेष संवाददाता
मुंबई- 19 मई 2021 को इस सफर का भरपूर मज़ा लेने वाले भारतवंशी कारोबारी भावेश जावेरी को ताउम्र कभी नहीं भूल पाएंगे। कारोबारी यात्रा के बाद मुंबई से दुबई लौट रहे भावेश की खुशियों का तब ठिकाना नहीं रहा जब उन्हें पता चला कि 360 सीटों वाले बोइंग 777 विमान में वे अकेले ही यात्रा करने वाले हैं। एमिरेट्स एयरलाइंस की फ्लाइट (ईके-501) में प्रवेश के साथ ही उनका तालियों से स्वागत हुआ और पूरी यात्रा उनके लिए यादगार बन गई।
अनाउंसमेंड के दौरान उनका नाम पुकारना बड़ा पसंद आया
स्टारजेम्स ग्रुप के सीईओ 40 वर्षीय भावेश के अनुसार, ‘मैं मुंबई से दुबई के बीच 240 से भी ज्यादा हवाई यात्राएं कर चुका हूं, लेकिन यह यादगार रहा। कॉकपिट कमांडर खुद मुझसे मिले। मुझे विमान का मुआयना करने और मेरी 18 नंबर की लकी सीट पर बैठने की इजाजत दी गई। सार्वजनिक उद्घोषणा मुझ पर केंद्रित हो गई। मसलन-मिस्टर जावेरी, कृपया सीट बेल्ट बांध लें। मिस्टर जावेरी, अब हम लैंड करने जा रहे हैं।’
चार्टर्ड विमान का किराया 70 लाख
भावेश 20 साल से दुबई में रह रहे हैं। उन्हें संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) का गोल्डन वीजा हासिल है। इस समय यूएई में सिर्फ गोल्डन वीजाधारकों या राजनयिक मिशन से जुड़े अधिकारियों को ही भारत से आने की इजाजत है। भावेश बताते हैं कि मई के पहले हफ्ते में वह भारत आए थे और 10 दिनों पहले 19 मई की फ्लाइट का टिकट बुक किया था। वैसे तो वह बिजनेस क्लास में यात्रा करते हैं, लेकिन इस बार इकोनॉमी क्लास का टिकट लिया था। उन्हें लगा था कि कोविड के कारण विमान में भीड़ ज्यादा नहीं होगी। इसके लिए 18 हजार रुपये खर्च किए थे, लेकिन जिस उड़ान में उन्होंने अकेले यात्रा की उन्हें भी पता है उस यात्रा पर चार्टर्ड बुकिंग के लिए 70 लाख रुपये खर्च करने पड़ते।
एयरलाइंस ने ऐसा क्यों किया ?
विशेषज्ञों के अनुसार, विमान के मुंबई से दुबई पहुंचने में 17 टन ईंधन खर्च हुआ होगा, जिसकी कीमत करीब आठ लाख रुपये है। इस बीच सवाल उठता है कि एयरलाइंस ने ऐसा क्यों किया ? जानकार बताते हैं कि एयरलाइंस को दुबई की तरफ से अच्छी सवारी मिली होगी या उसका दुबई लौटना जरूरी होगा।
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