इस्माइल शेख
मुंबई– महाराष्ट्र में एक बार फिर कांग्रेस और शिवसेना के बीच मतभेदों के कारण खींचतान का माहौल बनता नज़र आ रहा है। मुंबई में बांद्रा पूर्व के कांग्रेस विधायक जीशान सिद्दीकी ने शिवसेना के उपर ‘कोरोना’ के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाया है।
खबर के मुताबिक, बांद्रा पूर्व विधानसभा क्षेत्र में गुरुवार को वैक्सीनेशन सेंटर का उद्घाटन किया जाना था। जिसका उद्घाटन राज्य के परिवहन मंत्री अनिल परब के हाथों हुआ लेकिन समारोह में स्थानीय विधायक जीशान सिद्दीकी होने के बावजूद उनको नहीं बुलाया गया! महाराष्ट्र में कांग्रेस, एनसीपी, शिवसेना एवं अन्य के साथ महा-विकास अघाड़ी की सरकार स्थापित की हुई है। इसके तहत नियमानुसार स्थानीय विधायक को भी बुलाया जाना चाहिए। इसी बात का विरोध जीशान ने करते हुए ट्विटर पर ट्वीट कर महाराष्ट्र सरकार और शिवसेना से पूछा, कि “क्या अब हम वैक्सीन के मुद्दे पर भी राजनीति करने जा रहे हैं?”
महाविकास अघाड़ी में मतभेद..
महाविकास अघाड़ी सरकार में मतभेद का यह पहला मौका नहीं है। इससे पहले भी तीनों दलों में खींचतान की खबरें सामने आ चुकी हैं। कई बार कांग्रेसी नेताओं ने इस बात को स्वीकार किया है कि उन्हें ठाकरे सरकार में तवज्जो नहीं दी जा रही है। जिसका जीता जागता उदाहरण बांद्रा पूर्व का यह मामला हमारे सामने है। इसके अलावा शिवसेना की ओर से कांग्रेस के आला कमान पर भी विवादित टिप्पणियां कर चुकी है।
शिवसेना- एनसीपी मे भी है अनबन..
शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में भी पिछले साल अनबन की खबरें सामने आ चुकी है, जब शिवसेना के नेताओं को अजित पवार की मौजूदगी में एनसीपी में शामिल करवाया गया था। इस कार्यक्रम के लिए खुद अजित पवार नासिक गए थे। इस बात से शिवसेना के नेता काफी नाराज हो गए थे। इस मामले को शांत करने के लिए खुद पार्टी के सुप्रीमो शरद पवार को ठाकरे के बंगले पर जाकर मुलाकात करनी पड़ी थी।
कैसी है यह गठबंधन की सरकार..
गठबंधन की यह डोर कहां तक चलेगी ये कहना मुश्किल दिखाई दे रहा है। पर इस बीच कुछ समझदार नेताओं का मजमा भी है, जिनकी सूझबूझ से महाविकास अघाड़ी सरकार की रणनीतियों का डंका पूरे देश में गूंज रहा है और सुनाई भी दे रहा है। आप को बता दें, कि बुधवार को कोरोना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की एक याचिका में मुंबई मॉडल का बखान गाया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को महाराष्ट्र, मुंबई मॉडल की तारीफ़ करते हुए सुनवाई के दौरान दिल्ली में भी मुंबई मॉडल को अपनाने की सलाह दी है। कोर्ट ने 11 हजार के रोज़ाना संक्रमित आंकड़ों से घटकर 3000 हुए नए मरीज़ों के लिए सरकारी तालमेल को इसका श्रेय दिया है।
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