इस्माइल शेख
मुंबई– महाराष्ट्र की स्वास्थ्य व्यवस्था राज्यभर में खासकर मुंबई में ‘कोरोना संक्रमण‘ के नए मामलों पर तेजी से काबू पाया जा रहा है। मुंबई के बृहन्मुबई महानगर पालिका यानी बीएमसी ने ‘संक्रमण’ से निपटने की जो रणनीति अपनाई उसकी सुप्रीम कोर्ट द्वारा तारीफ किए जाने के बाद पूरे देश का ध्यान खींच रहा है। ऐसे में यह समझना जरूरी है कि आखिर क्या है मुंबई मॉडल, जिसके माध्यम से बीएमसी कोरोना के संक्रमण पर काबू पाने में अव्वल नम्बर हासिल कर अपने कार्य में जुटी हुई है।
खबर के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कोरोना मामले की एक सुनवाई के दौरान, दिल्ली के ऑक्सीजन संकट पर सुझाव दिया है। कहा कि “यहां भी वैज्ञानिक तरीके से इसका वितरण हो। दिल्ली को मुंबई मॉडल से सीखना चाहिए।” आप को बता दें, कि मुंबई में 4 अप्रैल को 11,776 मरीज मिले थे, यह संख्या 6 मई को घटकर 3056 तक आ गई। जब देश में ‘कोरोना’ की दूसरी लहर बड़ने की बात हो रही है, वहीं मुंबई में इस पर तेजी से काबू पाया जा रहा है।
बृहन्मुंबई महानगर पालिका की रही अहम भूमिका..
देश की आर्थिक राजधानी कही जाने वाली मुंबई में ‘कोरोना’ के वा़यरस पर नियंत्रण में अहम भूमिका बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) की रही है। मनपा कमिश्नर सुरेश काकानी ने कोरोना की दूसरी लहर के खतरे को भांपते हुए शहर में व्यापक तैयारियां काफी पहले ही शुरू करा दी थी। जैसे कुछ खास इलाकों पर समयानुसार ‘लॉकडाउन’ और स्वास्थ्य परीक्षण में तेजी।
ऑक्सीजन सप्लाई सिस्टम बदला..
बृहन्मुंबई महानगर पालिका ने मरीज बढ़ने पर ऑक्सीजन संकट के खतरे का अनुमान लगाया लिया और सबसे पहले इसके लिए ऑक्सिजन सप्लाई सिस्टम को बदल दिया। इसके तहत, शहर के अस्पतालों में 28 हजार मौजूद बेडों में से करीब 12-13 हजार बेड पर ही पहले ऑक्सीजन सप्लाई की व्यवस्था थी। दूसरी लहर में सभी बेड को इसकी आपूर्ति हो सके, ऐसे प्रबंध किए गए।
मनपा ने किया सिलिंडरों में भी बदलाव..
बृहन्मुंबई महानगर पालिका (मनपा) कमिश्नर सुरेश काकानी के अनुसार पहले सभी अस्पताल छोटे सिलिंडरों पर निर्भर थे। इनकी जगह जंबो सिलिंडरों का उपयोग शुरू किया गया। जंबो सिलिंडरों में 10 गुना ज्यादा गैस होता है। इसके साथ ही 13 हजार किलो लीटर वाले ऑक्सीजन टैंक तैयार किए। अस्पताल को सिलिंडरों से सप्लाई के बजाए स्टोरेज टैंक से सप्लाई करने के लिए तैयार किया गया।
स्वाब नमूने लेने के लिए लगाए कियोस्क..
बृहन्मुंबई महानगर पालिका ने मुंंबई में शॉपिंग मॉल्स, सब्जी मंडी और मछली बाजारों जैसे भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर मरीजों की टेस्टिंग के लिए कियोस्क लगाए। यहां आने वालों के स्वाब नमूने लिए और मात्र 15 से 20 मिनट में ही रैपिड एंटीजन टेस्ट करने के बाद संबंधित व्यक्ति की रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर उसे तत्काल आइसोलेट किया गया। इसी तरह दुकानदारों, व्यापारियों का आरटी-पीसीआर टेस्ट किया गया। इससे मरीजों का जल्दी पता लगाने में मदद मिली, ऐसे में संक्रमण की होने वाली संभावनाओं में कमी देखने तो मिली।
रेमडेसिविर इंजेक्शन पर निकाला दो लाख का टेंडर ..
मनपा कमिश्नर काकानी ने बताया, कि रेमडेसिविर इंजेक्शन की जरूरत और कीमत का अंदाजा लगाकर काफी पहले ही दो लाख इंजेक्शनों का टेंडर निकाल दिया गया था। इससे किसी भी सार्वजनिक अस्पताल में इसकी कमी नहीं हुई। इसके अलावा मुंबई के सभी अस्पतालों में 80 प्रतिशत बेड ‘कोविड’ मरीजों के लिए आरक्षित कर दी गई थी।
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