विशेष संवाददाता
मुंबई- देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच इस वर्ष के अब तक विभिन्न राज्यों द्वारा बाजार से उठाई गई उधारी 55 प्रतिशत बढ़कर 3.75 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई है! यह राशि उनके इस वर्ष के बजट में तय की गई सालाना राशि का 75 प्रतिशत तक हो गई है! जानकारी के मुताबिक इनमें से 17 राज्यों ने राज्य विकास ऋण की मंगलवार को हुई नवीनतम नीलामी में 22, 350 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि जुटाई है!
इस वित्तीय वर्ष की शुरुआत से ही कोविड-19 के संक्रमण से जूझने के कारण देश के हर राज्य के राजस्व पर बुरा असर पड़ा है! दूसरी तरफ केन्द्र सरकार भी उन्हें उनकी माल एवं सेवाकर (जीएसटी) पर बकाये का भुगतान नहीं कर रही है! इससे सभी राज्य ऋण जाल में उलझते जा रहे हैं!
नवीनतम ऋण प्राप्ति अधिसूचित राशि के मुकाबले 1, 200 करोड़ रुपये अधिक रही है! महाराष्ट्र और झारखंड ने इस दौरान क्रमश: 1 हजार करोड़ रुपये और 200 करोड़ रुपये अधिक राशि उठाई है!
ताजा विश्लेषण के मुताबिक इस वित्तीय वर्ष में अब तक (सात अप्रैल से लेकर छह अक्ट्रबर 2020) 28 राज्यों और दो संघ शासित प्रदेशों ने बाजार से कुल मिलाकर 3.75 लाख करोड़ रुपये का उधार लिया है! यह राशि एक साल पहले इसी अवधि में इन राज्यों द्वारा उधार ली गई 2.43 लाख करोड़ रुपये से 55 प्रतिशत अधिक है!
चालू वित्तीय वर्ष की पहली तीन तिमाही के उधारी चार्ट के मुताबिक इस दौरान राज्य बाजार से 5.07 लाख करोड़ रुपये जुटा सकते हैं! इसमें से राज्य करीब 75 प्रतिशत राशि पहले ही उठा चुके हैं! पहली तिमाही में तय उधारी कार्यक्रम के मुकाबले सभी राज्यों ने 16 प्रतिशत अधिक (48,115 करोड़ रुपये) का उधार बाजार से लिया है!
आप को बता दें कि, चालू वित्तीय वर्ष की शुरुआत से ही राज्यों की वित्तीय स्थिति पर बुरा असर पड़ा है! कोविड-19 के प्रसार पर काबू रखने के लिये मार्च अंत से लागू ‘लॉकडाउन’ के चलते जहां एक तरफ राज्यों की राजस्व प्राप्ति काफी कम रही, वहीं स्वास्थ्य सुविधाओं और अन्य सुविधाओं पर खर्च तेजी से बढ़ा है! इससे उनकी वित्तीय स्थिति पर दबाव बढ़ गया है!
आप को और अधिक जानकारी देते हुए बता दें कि महाराष्ट्र, तमिल नाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और राजस्थान सबसे ज्यादा उधार लेने वाले राज्य बन गए हैं! राज्यों के कुल उधार में इन राज्यों का हिस्सा 52 प्रतिशत तक बना हुआ है! अरुणाचल प्रदेश, बिहार, झारखंड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, मणीपुर, उत्तर प्रदेश और त्रिपुरा जैसे राज्यों की उधारी 21 से लेकर 343 प्रतिशत तक बढ़ गई है!
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