प्रवासी मजदूरों को उनके घर वापस जाने के लिए मुंबई, पुणे से विशेष सेवा

उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने रेल मंत्री पियुष गोयल से पत्र लिखकर की मांग

  • सरकारी विविध सहायता केंद्रों में फंसे हैं, साड़े छ: लाख प्रवासी मजदूर..
  • महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा प्रवासी मजदूर..

विशेष संवाददाता- (नितिन तोरस्कर)
मुंबई-
केंद्र सरकार की ओर से देश भर में जारी ‘लॉकडाउन’ की अवधि 3 मई को खत्म होने वाली है! जिसके बाद राज्यभर में फंसे लोग अपने घरों तक जाने के लिए अफरा-तफरी मचा सकते हैं! महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने गुरुवार 23 अप्रैल को बताया, कि ”लॉकडाउन’ के खुलने पर, रेल सेवा शुरू होते ही, महाराष्ट्र के विभिन्न इलाकों से रुके हुए प्रवासी मजदूर अपने गांव तक जाने के लिए भारी संख्या में बाहर निकालकर, भीड़ करने की संभावना है! और इससे कानून व्यवस्था बाधित होने का खतरा उतपन्न हो सकता है!’ इसके लिए राज्य की ओर से अजित पवार ने केंद्रीय रेल मंत्रालय को पत्र लिखकर, मुंबई और पुणे से देश के विभिन्न क्षेत्रों के लिए विशेष रेल गाड़ी चलाए जाने तथा इसकी पहले से तैय्यारी करने के लिए रेल मंत्री पियुष गोयल से मांग की गई है!

Advertisements

सरकारी विविध सहायता केंद्रों में फंसे हैं, साडे छ: लाख प्रवासी मजदूर..
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने रेल मंत्रालय को भेजे पत्र में प्रवासी मजदूरों के मामले को गंभीरता से लेने की बिनती की है! उन्होंने बताया, कि ‘केंद्र द्वारा 24 मार्च से जारी ‘लॉकडाउन’ के बीच यहां उत्तरप्रदेश, बिहार और देश के विभिन्न राज्यों के मजदूर कई जगहों पर फंसे हुए हैं! राज्य सरकार की ओर से उनके लिए सहायता केंद्र का निर्माण करते हुए, उनके रहने, खाने और स्वास्थ्य की देखभाल की जा रही है! सरकारी विविध केंद्रों में इनकी संख्या अब तक साडे 6 लाख तक पहुंच गयी है! इससे अलग नीजी संसथानों में भी इतने ही प्रवासी मजदूरों की अलग से सेवा की जा रही है!’ उन्होंने अधिक जानकारी देते हुए यह भी बताया, कि ”लॉकडाउन’ की वजह से राज्य के कामकाज बंद पड़े हैं! पिछले देड (1.5) महिनों से सहायता केंद्र में रह रहे, ये सभी मजदूर अपने गांव अपने घर जाने के लिए व्याकुल हो चुके हैं! इसके पहले देश में पहली ‘लॉकडाअन’ की समाप्ति पर मुंबई के बांद्रा रेल स्टेशन के पास उमड़ी भीड़ उसी का उदाहरण था!’ आगे उन्होंने पत्र में कहा, कि ‘इसपर रेल मंत्रालय द्वारा वास्तविक स्थिति को ध्यान में रखकर केंद्र सरकार द्वारा जारी ‘लॉकडाउन’ 3 मई अथवा केंद्र के दिशा निर्देशानुसार समाप्ति पर, जब भी रेल सेवा शुरू की जाएगी, तब महाराष्ट्र के प्रवासी मजदूरों के लिए उनके राज्यों तक जाने के लिए मुंबई तथा पुणे से विशेष ट्रैनों की व्यवस्था की जाए, इससे मजदूर सुरक्षित अपने घर वापस जा सकेंगे और इससे कानून व्यवस्था के बिगड़ने का भी खतरा नही होगा!’

महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा प्रवासी मजदूर..
उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने रेल मंत्री पियुष गोयल को लिखे पत्र में यह भी उल्लेख किया है, कि ‘महाराष्ट्र औद्योगिक दृष्टि से प्रगतिशील राज्य होने से, साथ ही यहां बांधकाम व्यवसाय बड़े पैमाने होने के कारण उत्तरप्रदेश, बिहार जैसे विभिन्न राज्यों से आने वाले दिहाड़ी मजदूरों की संख्या सबसे ज्यादा है! पिछले देड़ महीनों से ‘लॉकडाउन’ की स्थिति में काम नही होने के कारण यह लोग सहायता केंद्रों में रहने के लिए मजबूर हो गये हैं! इन सभी की राज्य सरकार तथा निजी संस्थानों द्वारा रहने, खाने और स्वास्थ्य का खयाल किया जा रहा है, ऐसी ही व्यवस्था आगे भी की जा सकती है, लेकिन जो मजदूर अपने गांव, घर जाने के लिए व्याकुल हो गये हैं! वह सभी ‘लॉकडाउन’ के खुलते ही एक साथ बाहर निकलने की आशंका है! इस आशंका को ध्यान में रखते हुए रेल मंत्रालय द्वारा मुंबई और पुणे से इन प्रवासी मजदूरों को उनके गांव लेजाने के लिए विशेष ट्रैनों की व्यवस्था समय रहते किया जाय!’


Discover more from  

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisements
Scroll to Top

Discover more from  

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading