CLSA रिपोर्ट के अनुसार भारत को रूसी तेल से केवल 2.5 अरब डॉलर का वार्षिक लाभ हुआ। आयात बंद करने पर तेल \$100 तक जा सकता है। India benefits by only $2.5 billion from Russian oil
नई दिल्ली: रूस से आयातित सस्ते तेल को लेकर भारत की “बड़ी कमाई” की जो बातें कही जा रही थीं, वो अब गलत साबित हो रही हैं। ब्रोकरेज हाउस CLSA की रिपोर्ट के अनुसार, भारत को रूसी तेल आयात से सालाना फायदा सिर्फ 2.5 अरब डॉलर (लगभग 0.6% GDP) का हुआ है, जबकि मीडिया में अनुमान 10 से 25 अरब डॉलर तक लगाए जा रहे थे। India benefits by only $2.5 billion from Russian oil
आयात बंद हुआ तो तेल \$100 तक जा सकता है
रिपोर्ट में यह भी चेतावनी दी गई है कि अगर भारत रूसी तेल का आयात बंद करता है, तो वैश्विक बाज़ार में कच्चे तेल की कीमतें 90 से 100 डॉलर प्रति बैरल तक पहुँच सकती हैं। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक है और यहाँ की मांग को पूरा करने के लिए सीमित विकल्प ही उपलब्ध हैं। India benefits by only $2.5 billion from Russian oil
रूस से आयात 1% से बढ़कर 40%
यूक्रेन युद्ध के बाद रूस ने तेल पर भारी डिस्काउंट देना शुरू किया। पश्चिमी देशों ने रूस से तेल खरीदना बंद कर दिया तो भारत और चीन ने आयात तेजी से बढ़ा दिया। भारत का रूसी तेल आयात 2021 से पहले 1% से भी कम था, जो अब कुल आयात का लगभग 36–40% हो गया है। India benefits by only $2.5 billion from Russian oil
भारत हर दिन लगभग 5.4 मिलियन बैरल तेल आयात करता है, जिसमें से 1.8 मिलियन बैरल रूस से आता है। इसके बाद इराक (20%), सऊदी अरब (14%), यूएई (9%) और अमेरिका (4%) भारत के बड़े सप्लायर हैं। India benefits by only $2.5 billion from Russian oil
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असली डिस्काउंट कम हो गया
CLSA का कहना है कि भले ही रूस का “हेडलाइन डिस्काउंट” बहुत बड़ा लगता है, लेकिन असल में भारत को मिला फायदा बेहद सीमित है। India benefits by only $2.5 billion from Russian oil
- FY24 में औसत डिस्काउंट \$8.5 प्रति बैरल था।
- FY25 में यह घटकर \$3-5 प्रति बैरल रह गया।
- हाल के महीनों में तो डिस्काउंट और घटकर सिर्फ \$1.5 प्रति बैरल तक आ गया है।
यानी कुल मिलाकर वार्षिक फायदा अब 1 अरब डॉलर तक सीमित हो सकता है।
रिफाइनिंग और गुणवत्ता की चुनौती
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि रूसी तेल की गुणवत्ता कम होती है। इसलिए रिफाइनरियों को इसके साथ उच्च गुणवत्ता वाला महंगा तेल भी मिलाना पड़ता है। यही वजह है कि भारत के आयात डेटा में कोई बड़ा लाभ साफ तौर पर नहीं दिख रहा। India benefits by only $2.5 billion from Russian oil
राजनीतिक मुद्दा भी बना रूसी तेल
भारत ने साफ किया है कि वह किसी भी अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन नहीं कर रहा क्योंकि रूसी तेल पर सीधे प्रतिबंध नहीं हैं। अमेरिका और यूरोप ने केवल कुछ शर्तों के साथ मूल्य सीमा तय की है। भारत ने हमेशा कहा है कि ऊर्जा सुरक्षा उसकी प्राथमिकता है और वह अपनी जरूरतों के हिसाब से निर्णय लेगा। India benefits by only $2.5 billion from Russian oil
वैश्विक महंगाई पर असर
CLSA ने माना कि भारत का रूसी तेल आयात न केवल उसकी अर्थव्यवस्था को सस्ते ऊर्जा विकल्प देता है बल्कि यह वैश्विक स्तर पर भी तेल की कीमतों को नियंत्रित रखने में मदद करता है। अगर भारत आयात रोक दे, तो आपूर्ति में कमी से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महंगाई और भी बढ़ सकती है। India benefits by only $2.5 billion from Russian oil
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