संवाददाता- (इस्माइल शेख)
मुंबई– भारतीय रिजर्व बैंक ने नकदी संकट से जूझ रहे प्राइवेट यस बैंक को लेकर गुरुवार को बड़ा फैसला लिया है! आर.बी.आई. ने यस बैंक के निदेशक मंडल को भंग करते हुए प्रशासक नियुक्त कर दिया है! इसके साथ ही आरबीआई ने गुरुवार को बैंक के जमाकर्ताओं पर विड्रोवल की सीमा सहित इस बैंक के कारोबार पर कई तरह की पाबंदियां भी लगा दीं है! केंद्रीय बैंक ने अगले आदेश तक बैंक के ग्राहकों के लिए पैसे निकालने की सीमा 50,000 रुपये तय कर दी है! इसके साथ ही देशभर मे यस बैंक को बीच अपने पैसों को लेकर भय का माहौल बन गया है! बता दें कि कुछ दिन पहले ही PMC को लेकर लोगों ने कई तरह का घाटा देख लिया है!
एक महीने में बस 50 हजार..
पाबंदी के मुताबिक यस बैंक के ग्राहक अगले एक महीने में 50 हजार रुपये से ज्यादा अपने खाते से निकाल पाएंगे नहीं! यह आदेश 5 मार्च 2020 को शाम 6 बजे से प्रभावी हो गया है और फिलहाल यह पाबंदी 3 अप्रैल 2020 तक के लिए प्रभावी रहेगा! बैंक का नियंत्रण भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व में वित्तीय संस्थानों के एक समूह के हाथ, देने की तैयारी की गई है!
बैंक के लिए प्रशासक नियुक्त..
अधिक जानकारी के मुताबिक, आरबीआई ने देर शाम जारी बयान में कहा कि यस बैंक के निदेशक मंडल को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया गया है और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) प्रशांत कुमार को यस बैंक का प्रशासक नियुक्त किया गया है!
और अधिक जानकारी आप को बताते चलें, कि कुछ महिनों पहले रिजर्व बैंक ने पीएमसी बैंक के मामले में भी इसी तरह का कदम उठाया गया था! जिसमें बडा घोटाला सामने आने के बाद यह कदम उठाया गया था! आपको यह भी बता दें कि यस बैंक काफी समय से डूबे कर्ज की समस्या से जूझ रहा है! इससे पहले सरकार ने यस बैंक को उबारने के लिए एसबीआई और अन्य वित्तीय संस्थानों को अनुमति दी थी!
SBI यस बैंक को संकट से उबारने का काम करेगा..
गुरुवार दिन-भर सरकारी गतिविधियों के बीच सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, भारतीय स्टेट बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान नकदी संकट से जूझ रहे प्राइवेट यस बैंक को संकट से उबारने का काम करेंगे! के सूत्रों ने गुरुवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि सरकार ने एसबीआई की अगुआई वाले बैंकों के समूह को यस बैंक के अधिग्रहण की मंजूरी दे दी है!
चर्चा के मुताबिक..
एसबीआई के निदेशक मंडल की बैठक में हुई चर्चा के मुताबिक, एलआईसी से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के साथ मिलकर हिस्सेदारी खरीदने की योजना पर, सरकार ने काम करने को कहा है! कुल मिलाकर दोनों की यस बैंक में हिस्सेदारी 49 प्रतिशत हो सकती है! यस बैंक में एलआईसी पहले ही 8 प्रतिशत की हिस्सेदार है!
आप को जानकारी दे दें, कि कुछ दिनों पहले इस तरह की अटकलें थीं कि यस बैंक को सरकार उबरने में मदद करेगी! उस समय एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार ने भी कहा था कि संकट में फंसे बैंक को ‘बंद नहीं’ होने दिया जाएगा!
2018 से लगातार संकट से जुझ रहा में है यस बैंक..
मुंबई के हेड ऑफिस से, यस बैंक अगस्त 2018 से संकट में है! उस समय रिजर्व बैंक ने बैंक के संचालन और ऋण से जुड़ी खामियों की वजह से तत्कालीन प्रमुख राणा कपूर को 31 जनवरी, 2019 तक पद छोड़ने को कहा दिया था! उनके उत्तराधिकारी रवनीत गिल के नेतृत्व में बैंक ने संकटग्रस्त ऋणों की सूचना प्रकाशित की थी! बैंक को मार्च 2019 की तिमाही में पहली बार घाटा हुआ था! यस बैंक ने शुरुआत में दो अरब डॉलर की पूंजी जुटाने की योजना बनाई थी! इस बारे में कई प्रस्तावों पर विचार-विमर्श हुआ था, लेकिन यह जुगाड कागजातों में ही सिमटकर रह गया!
प्राइवेट सेक्टर का चौथा बड़ा बैंक..
भारत में प्राइवेट सेक्टर के चौथे सबसे बड़े बैंक यस बैंक की देश के 28 राज्यों और 9 केंद्र शासित प्रदेशों में मौजूदगी है! देशभर में इसकी तकरीबन 1000 शाखाएं हैं और 1800 एटीएम हैं जिसके जरिए बैंक अपने ग्राहकों को सुविधाएं मुहैया कराती है! रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के जारी फरमान के बाद से ही देशवासीयों को अपने पैसों के लिए चिंता सताने लगी है! गुरुवार देर रात तक लोग एटीएम के बाहत कतार में नजर आए!
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