सीवूड्स की रहने वाली पीड़िता ने एनआरआई सागरी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। आरोप लगाया कि पति ने उन्हें वीडियो कॉल करके तीन तलाक दिया और सास ससुर ने दहेज के लिए प्रताड़ित किया। (Triple talaq given over video call, case registered against mother-in-law and father-in-law)
न्यूज़ डेस्क
मुंबई- तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है बावजूद इसके, कुछ लोग अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। यहां एक महिला ने अपने पति और ससुरालवालों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न और वीडियो कॉल पर तीन तलाक देने का आरोप लगाया है। जबकि मुस्लिम कानून भी इसकी इजाजत नहीं देता। सीबीडी के एनआईए सागरी पुलिस ने इस मामले में भारतीय न्याय संहिता 2023 की विभिन्न धारा और मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक के तहत केस दर्ज किया है। (Triple talaq given over video call, case registered against mother-in-law and father-in-law)
नवी मुंबई के पास सीवूड्स की रहने वाली पीड़िता ने एनआरआई सागरी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है। आरोप है कि ब्रिटेन में काम कर रहे पति और सास-ससुर ने उन्हें दहेज के लिए प्रताड़ित किया उसके गहने भी छीन लिए। भारत वापस भेजने के बाद बात बंद कर दी। हालही में वीडियो कॉल पर तीन तलाक दे दिया। (Triple talaq given over video call, case registered against mother-in-law and father-in-law)
2022 में हुई शादी
महिला ने पुलिस को बताया कि उसकी शादी 2022 में आकिब भाटीवाला से मुस्लिम रीति-रिवाजों से हुई थी। शुरुआत में सबकुछ सही रहा। लेकिन, जब वह ससुरालवालों के साथ वडाला में रहने गई, तो दहेज के लिए उत्पीड़न करना शुरू कर दिया। इतना ही नहीं बात तब ज्यादा बढ़ गई, जब वह अपने पति और ससुरालवालों के साथ ब्रिटेन गई, जहां कथित तौर पर दुर्व्यवहार जारी रहा। (Triple talaq given over video call, case registered against mother-in-law and father-in-law)
Women’s Cricket: australia women vs india women
पति ने छीने लिए गहने..
महिला ने आरोप लगाया है कि एक घरेलू विवाद के बाद, उसके पति ने उसके गहने छीन लिए और उसे भारत वापस भेज दिया। उसके बाद आकिब ने बातचीत बंद कर दी। इसके बाद, वीडियो कॉल पर तीन तलाक दे दिया। महिला का कहना है कि जब वह फिर से ब्रिटेन वापस गई, तो उसे घर में नहीं घुसने दिया गया। पीड़िता की शिकायत के आधार पर एनआरआई पुलिस के अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू कर दी है। (Triple talaq given over video call, case registered against mother-in-law and father-in-law)
तीन तलाक देना अपराध
पुलिस इस मामले को लेकर जांच पड़ताल कर रही है। ज्ञांत हो, कि अगस्त 2017 में भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को संविधान के खिलाफ और मनमाना बताया है। 2019 में, संसद ने मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम पारित किया, जिसके तहत तीन तलाक देना एक अपराध माना गया है और इसके लिए तीन साल की सजा का प्रावधान है। जबकि मुस्लिम कानून भी इसकी इजाजत नहीं देता। (Triple talaq given over video call, case registered against mother-in-law and father-in-law)
Discover more from
Subscribe to get the latest posts sent to your email.