न्यूज़ डेस्क
Spot News– चीन के डिंग लिरेन को मात देकर 18 साल के भारतीय ग्रैंडमास्टर नए वर्ल्ड चेस चैंपियन बने। 18 साल की उम्र में यह खिताब जीतकर डी गुकेश दुनिया के सबसे कम उम्र में वर्ल्ड चैंपियन बनने वाले चेस प्लेयर बन गए। वहीं, विश्वनाथन आनंद के बाद डी गुकेश वर्ल्ड चेस चैंपियन बनने वाले दूसरे भारतीय भी हैं। गुकेश की इस जीत के पूर्व वर्ल्ड चैंपियन व्लादिमीर क्रैमनिक ने ‘शतरंज का अंत’ नाम से पोस्ट शेयर किया। (‘End of chess’, why did Russia’s Kramnik say?)
चीन के चैम्पियन को बताया बचकाना
पूर्व विश्व चैंपियन व्लादिमीर क्रैमनिक भारतीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश (D Gukesh) और चीन के डिंग लिरेन के बीच विश्व चैंपियनशिप मैच के दौरान शतरंज की गुणवत्ता से निराश थे और उन्होंने इसे ‘शतरंज का अंत’ करार दिया। गुकेश गुरूवार को तनावपूर्ण मुकाबले की 14वीं और आखिरी बाजी में गत चैंपियन लिरेन को हराकर 18 साल की उम्र में खिताब जीतकर सबसे कम उम्र के विश्व शतरंज चैंपियन बन गए। मैच के बाद क्रैमनिक ने खेल की गुणवत्ता पर अपनी निराशा व्यक्त की और लिरेन की एक गंभीर गलती को ‘बचकाना’ बताया। (‘End of chess’, why did Russia’s Kramnik say?)
‘दुखद. शतरंज का अंत’
अपनी प्रतिक्रिया में क्रैमनिक ने सोशल मीडिया ट्वीटर अकाउंट यानी ‘एक्स’ पर लिखा, ‘कोई टिप्पणी नहीं। दुखद. शतरंज का अंत हो गया है, जैसा कि हम जानते हैं।’ एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘अभी तक किसी विश्व कप खिताब का फैसला इतनी बचकानी एक चाल की गलती से नहीं हुआ है।’ क्रैमनिक ने चैंपियनशिप में छठी बाजी के बाद भी खेल के स्तर की आलोचना की थी और इसे ‘कमजोर’ बताया था। उन्होंने कहा, ‘सच कहूं तो मैं आज के खेल (छठी बाजी) से बहुत निराश हूं। यहां तक कि पांचवीं बाजी भी बहुत उच्च स्तर की नहीं थी। लेकिन आज – एक पेशेवर के लिए – दोनों खिलाड़ियों का खेल वाकई बहुत कमजोर था। यह बहुत निराशाजनक स्तर है।’ (‘End of chess’, why did Russia’s Kramnik say?)
2000 में बने थे वर्ल्ड चैंपियन
रूस के 49 वर्षीय क्रैमनिक 2000 से 2006 तक क्लासिकल विश्व शतरंज चैंपियन थे। क्रैमनिक ने 2000 में दिग्गज गैरी कास्पारोव को हराया और क्लासिकल विश्व शतरंज चैंपियन बने। 2007 में व्लादिमीर को हराकर दिग्गज चेस प्लेयर विश्वनाथन आनंद ने इतिहास रचा और भारतीय चेस हिस्ट्री में वर्ल्ड चैंपियन बनने वाले पहले खिलाड़ी बने। 2012 तक विश्वनाथन आननद अपने टाइटल को डिफेंड करने में कामयाब रहे। 2013 में वर्तमान चेस दिग्गज मैगनस कार्लसन ने यह खिताब अपने नाम किया। अब गुकेश चीनी लिरेन को हराकर नए वर्ल्ड चेस चैंपियन बन गए हैं। (‘End of chess’, why did Russia’s Kramnik say?)
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