अपहरण और रेप के बाद हुई शादी से 4 बच्चे, लेकिन कोर्ट में चलता रहा केस, 40 साल बाद आया फैसला

मुंबई में कोर्ट ने अपहरण और रेप के 40 साल बाद फैसला सुनाया है। इस केस में रेप पीड़िता की मौत हो चुकी है। रेप पीड़िता से ही आरोपी ने शादी की थी। दोनों के 4 बच्चे हुए। लेकिन रेप का केस कोर्ट में चल रहा था। अब कोर्ट ने इस पर अपना फैसला सुनाया है। जाने क्या है ये पूरा मामला ? (Mumbai DB Marg Police Station Crime News)

इस्माईल शेख
मुंबई
– 40 साल पहले एक लड़की से रेप हुआ था। मुंबई के डीबी मार्ग पुलिस थाने में दर्ज मुकदमे के मुताबिक, जिसने लड़की से रेप किया, उसने उससे शादी भी कर ली। लेकिन ये केस कोर्ट में चलता रहा। दंपति को चार बच्चे भी हुए। इसके बाद पीड़िता की मौत भी हो गई। इस बीच आरोपी भी मुंबई से फरार हो गया। लेकिन 38 साल बाद पुलिस ने आरोपी को यूपी से गिरफ्तार किया है। उसके खिलाफ अब कोर्ट ने अपहरण और रेप के मामले में फैसला सुनाया है। (Mumbai DB Marg Police Station Crime News)

नवंबर 1984 में डीबी मार्ग पुलिस स्टेशन में एक मां ने अपनी बेटी के साथ रेप होने की शिकायत दर्ज कराई थी। उसने कहा कि उसकी बेटी का जन्म 1969 में हुआ था और वह उर्दू मीडियम के स्कूल में पढ़ रही थी। मां ने कहा कि आरोपी उसके परिवार को जानता था। पीड़िता घर से यह कहकर निकली थी कि वह शौचालय जा रही है। हालांकि, वह वापस नहीं लौटी। मां ने उसकी तलाश की, लेकिन वह नहीं मिली। उसने गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई। जांच के दौरान पता चला कि आरोपी ने लड़की को किडनैप कर उसके साथ बलात्कार किया था। आरोपी पर आईपीसी के तहत अपहरण और रेप का आरोप लगाया गया था। (Mumbai DB Marg Police Station Crime News)

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रेप के बाद हुई शादी और 4 बच्चे ..

खबरों के मुताबिक, बाद में पता चला कि आरोपी ने पीड़िता से शादी कर ली और उनके 4 बच्चे भी हुए। सत्र न्यायालय ने अब सबूतों के अभाव में उसे बरी कर दिया। बताया गया कि आरोपी लगभग 40 साल तक लापता रहा, मगर यह पूरा मुकदमा केवल चार तारीखों में पूरा हो गया। पीड़िता से उसने बाद में शादी की थी, उसकी भी मुकदमे के दौरान मौत हो गई। उनके चार बच्चों में से दो की भी मौत हो गई। मामले में शिकायत करने वाली मां की भी मौत हो गई। वह शख्स 1986 से फरार था। उसे आखिरकार 2024 में यूपी में पकड़ लिया गया। (Mumbai DB Marg Police Station Crime News)

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कोर्ट ने क्या कहा ?

जज ने कहा कि चूंकि मामला बहुत पुराना है, अभियोजन पक्ष के अधिकांश गवाह या तो लापता हैं या उनकी मौत हो चुकी है। इस अपराध से आरोपी को जोड़ने के लिए रिकॉर्ड पर एक भी सबूत नहीं है। आरोप साबित करने के लिए सबूत अभियोजन पक्ष के लिए मददगार नहीं हैं। इस मामले में पुलिस ने अपनी जांच की और गवाहों के बयान दर्ज किए गए, सबूत जुटाए गए और आरोप पत्र पेश किया गया। जबकि, आरोपी ने खुद को निर्दोष बताया। कोर्ट में सुनवाई के दौरान गवाह ने कहा कि एसआई (सहायक निरीक्षक) ने उसकी मौजूदगी में बयान दर्ज नहीं किए थे।(Mumbai DB Marg Police Station Crime News)


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