आसिफ अंसारी
पालघर- वसई विरार महानगर पालिका के प्रभाग ‘जी’ अंर्तगत होने वाले अवैध निर्माण पर प्रभारी आयुक्त रमेश मनाले ने तोड़क करवाई का आदेश जारी किया है। लेकिन इन दिनों प्रभाग ‘जी’ की प्रभारी सहायक आयुक्त मनाली शिंदे एक दीवाल तोड़कर अपनी खूब वाहवाही लूटी रही है। जबकि उनके ही प्रभाग ‘जी’ अंतर्गत सातिवली में सर्वे क्रमांक 50/ 2/1/अ/2 में वाटर रिजर्व के लिए आरक्षित जमीन पर बन रहे अवैध बांधकाम पर मैडम तोड़क कार्रवाई नही कर रहीं हैं।
शिकायतकर्ताओं का कहना है, कि जब मैडम लगभग 50 हजार फूट में तोड़क करवाई करने का ढ़िंडोरा पिट रही है। तो दूसरी तरफ, शहजाद मलिक द्वारा आरक्षित जमीन पर 15 हजार फूट से ज्यादा की जमीन पर अवैध बांधकाम किया जा रहे है, तो उसके अवैध बांधकाम पर तोड़क करवाई करने से क्यों परहेज कर रही है शिंदे मैडम। जबकि आरक्षित जमीन पर हो रहे अवैध बांधकाम पर तोड़क करवाई करने का आदेश प्रभारी आयुक्त रमेश मनाले ने दे दिया है।
सातिवली में अवैध निर्माण ..
आयुक्त के आदेश के बाद भी मनाली शिंदे आदेश की धज्जियां उड़ा रही है। वही विश्वस्नीय सूत्र कहते हैं, कि मनाली शिंदे ने शहजाद मलिक के अवैध बांधकाम पर तोड़क करवाई नही करने के बदले में लाखो रुपए रिश्वत लिया है। अवैध निर्माणकर्ता शहजाद मलिक और प्रभाग की सहायक आयुक्त मनाली शिंदे के बीच सेटिंग में यह भी पता चला, कि प्रति स्क्वेर फ़िट 200 रुपये के हिसाब से अवैध निर्माण को संरक्षण देने का सौदा तय हुआ है। लोगों का कहना है, कि वसई विरार महानगर पालिका के इस प्रभारी सहायक आयुक्त मनाली शिंदे पर लाचलुचपत प्रतिबंधक विभाग, महाराष्ट्र की ओर से सर्विस रिकार्ड की जांच करा कर दंडित किया जाना चाहिए। अन्यथा भ्रष्टाचार का यह दीमक पूरे वसई विरार महानगर पालिका को खोखला कर देगा।
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