- मैंग्रोवस को नष्ट करने से, समुद्री तट की स्थिति बिगड़ सकती है। जलवायु परिवर्तन के प्रभाव और चक्रवाती तूफान जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
- चारकोप पुलिस ने किया मामला दर्ज तो अब मालवणी से मैंग्रोवस को खत्म करने की शुरुआत।
इस्माईल शेख
मुंबई- शहर के समुद्र तट पर स्थित मैंग्रोवस के जंगल नष्ट किए जा रहे हैं। जो पर्यावरण और समुद्री जीवन को प्रभावित कर सकते हैं। मालाड़ पश्चिम, मालवणी का कुख्यात भूमाफिया ओमजी कुमावत भरनी माफिया चौरसिया और शिव को साथ लेकर मालवनी चर्च, हिंदू शमशान भूमि के पिछे सर्वे क्र. 27 हिस्सा क्र.1 सीटीएस क्र. 748 की प्लाट से सटा सरकारी जमीन में लगे मैंग्रोवस की झाड़ियों को नष्ट कर रहा है। भूमाफिया ओमजी कुमावत का मकसद बस इस जमीन पर झोपड़पट्टी बनाकर पैसे कमाना है। जब कि हाईकोर्ट के आदेशानुसार मैंग्रोवस के आसपास 50 मीटर की दूरी पर भरनी या अवैध बांधकाम करना कानूनन अपराध है। इसके तहत आजीवन कारावास की सजा भी सुनाई जा सकती है। ऐसा होते हुए भी यहां जमीन मालिक पवन कुमार अग्रवाल को साथ लेकर भूमाफिया ओमजी कुमावत अग्रवाल की जमीन से सटा मैंग्रोवस पर मिट्टी की भरनी कर सरकारी जमीन हथियाने की कोशिश कर रहा है।
ऐसे ही एक मामले में भूमाफिया ओमजी कुमावत के खिलाफ़ मालवनी पुलिस थाने में गु.र.क्र. 488/23 के तहत अपराधिक मामला दर्ज है। यहां सीटीएस क्रमांक 2670 सर्वे क्रमांक 140 राठौड़ी गांव में जुरासिक पार्क के भीतर सरकारी जमीन को कब्जा करने के खिलाफ केस दर्ज है। मालवानी पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक यहां सरकारी जमीन पर दो महले के गाले बनाकर भूमाफिया ओमजी कुमावत ने करोड़ों रुपयों में बेच दिया है। हर बार पुलिस थाने में केस तो दर्ज किया जाता है लेकिन ओमजी कुमावत को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश नहीं किया जाता यहां पुलिस प्रशासन कमजोर नज़र आती है। कारण भूमाफिया ओमजी कुमावत पुलिस प्रशासन पर राजनीतिक दबाव बनाने में हमेशा कामयाब हो जाता है। इसका खुलासा भूमाफिया ओमजी कुमावत पर दर्ज विभिन्न अपराधिक मामले के बावजूद गिरफ्तारी का न हो पाना साफ दर्शा रहा है।
बता दे, की ओमजी कुमावत दल बदलू नेता है जो कभी कांग्रेस के खेमे में कार्यकर्ता के रूप में काम करता रहा है। इलेक्शन टिकट की चाह में कांग्रेस से उसे टिकट नहीं मिलने के कारण ओमजी कुमावत ने अब भाजपा का दामन थाम लिया है। भारतीय जनता पार्टी के उत्तर मुंबई सांसद गोपाल शेट्टी के शरण में होने से ओमजी कुमावत को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पा रही है। ऐसा लोगों का कहना है। बोरीवली तहसीलदार के मंडल अधिकारी आशिष पांडुरंग चव्हाण का कहना है, कि इन भूमाफियाओं पर अंकुश लगाने में पुलिस नाकाम हो रही है। ओमजी कुमावत के खिलाफ विभिन्न पुलिस थानों में सरकारी जमीन कब्जा करने को लेकर लगभग 10 अलग-अलग अपराधिक मामले दर्ज है। लेकिन पुलिस है कि उसे गिरफ्तार कर कोर्ट के समक्ष पेश भी नहीं करती। ऐसे में ओमजी जैसे भूमाफियाओं के हौसले बुलंद हो रहे हैं।
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शहर के आसपास के मैंग्रोवस के जंगल को खत्म करने से कुछ मुख्य प्रभाव जो निम्नलिखित हैं:
- जलवायु परिवर्तन: मैंग्रोव के जंगल समुद्री तट के किनारे को स्थायी तापमान, तैराव, और तटीय अपशिष्टों के लिए संरक्षण प्रदान करते हैं। इनके नष्ट हो जाने से, समुद्री तट की स्थिति बिगड़ सकती है और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से उदासीनता, जलवायु परिवर्तन, और चक्रवाती तूफान जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
- जल-प्रदूषण: मैंग्रोव जंगल समुद्री तट की प्राकृतिक रक्षा प्रदान करते हैं और जल-प्रदूषण को रोकते हैं। उनके नष्ट हो जाने से, जल-प्रदूषण की संभावना बढ़ सकती है, जो समुद्री जीवन को बाधित कर सकता है और मानव स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकता है।
- जीवनसंस्कृति के हानि: मैंग्रोव जंगल विभिन्न प्रकार के वन्यजीवों के लिए आवास का स्थल प्रदान करते हैं और समुद्री जीवन को संभालते हैं। इनके नष्ट हो जाने से, समुद्री जीवन और वन्यजीवों की संख्या में कमी हो सकती है, जो जीवनसंस्कृति के लिए हानिकारक हो सकता है।
- समुद्री सूर्य और तैरने वाले पक्षियों की संरक्षा: मैंग्रोव के जंगल उन जीवों के लिए महत्वपूर्ण होते हैं जो समुद्री तट पर रहते हैं, जैसे कि समुद्री सूर्य और तैरने वाले पक्षी। इनके नष्ट हो जाने से, इन पक्षियों की संरक्षा में कठिनाई हो सकती है।
इसलिए, मैंग्रोव जंगल के नष्ट हो जाने से समुद्र तट की स्थिति बिगड़ सकती है और समुद्री पर्यावरण, सामाजिक और आर्थिक प्रभाव पैदा हो सकते हैं। हाईकोर्ट रिट याचिका क्र. 3246/2004 रूपांतरित जनहित याचिका क्र. 86/2006 दिनांक 6 अक्टूबर 2005 के आदेश में कोर्ट में मैंग्रोवस से 50 मीटर के आसपास विकास काम को नहीं करने का आदेश दिया है जो की भूमाफिया ओमजी कुमावत लगातार न्यायालय के आदेशों को भंग कर रहा है।
चारकोप पुलिस थाने में दर्ज गु.र.क्र. 498/23 में पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत 15(1),15(2) के तहत कुल 9 लोगों के खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज है। जिसमें भूमाफिया ओमजी कुमावत ने सरकारी मैंग्रोवस की जमीन से सट कर मिट्टी की भरनी और पत्रे के 25 रूमों का अवैध निर्माण किया था। जो, कि सर्वे नंबर 216नगर भू क्रमांक 4, मौजे मालवणी, चारकोप गांव, कांदीवली पश्चिम, बोरीवली, मुंबई है। इस केस में चारकोप पुलिस ने गिरफ्तारी नहीं की ऐसे स्वाभाविक है कि भूमाफिया के हौसले और भी बुलंद हो गए हैं।
अब ओमजी कुमावत उसी मैंग्रोवस के जंगल को खत्म करने, उस जमीन पर मिट्टी गिराकर भरनी करने और अवैध बांधकाम के जरिए रूम बनाकर बेचने के फिराक में भरनी माफिया चौरसिया और शिव को साथ लेकर मालवनी चर्च, हिंदू शमशान भूमि के पिछे सर्वे क्र. 27 हिस्सा क्र.1 सीटीएस क्र. 748 की प्लाट से सटा सरकारी जमीन में लगे मैंग्रोवस की झाड़ियों को नष्ट कर रहा है। बता दें, कि यह वही मैंग्रोवस के जंगल की जमीन है। जो चारकोप कांदीवली से लेकर मालाड़ के मालवनी इलाके तक फैला हुआ है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब मुंबई शहर प्राकृतिक आपदा के चलते तहस नहस हो जाएगा पुलिस प्रशासन को चाहिए की किसी के भी दबाव में न आकर अपराधियों पर सख्ती से पेश आये जिससे पर्यावरण को होने वाले नुकसान से बचाया जा सके।
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