वी बी माणिक
मुंबई- मध्यरेल के जनसम्पर्क कार्यालय में कार्यरत वरिष्ठ प्रचार प्रसार (पब्लिसिटी) निरीक्षक श्रीमती. दीप्ति गुप्ता पिछले करीब 9 महीने से लापता है। बिना ड्यूटी किये हाजिरी लगाती है। जनसंर्पक विभाग के सारे कर्मचारी परेशान है, कि “मैडम की कौन सी पकड़ है।” जिससे बिना ड्यूटी के पगार ले रही है। (Mumbai Central Railway public Relations office publicity corruption news)
सरकारी विभाग में बिना ड्यूटी के पगार हासिल करना एक तरफ से भ्रष्टाचार का खेल माना जाता है। खबरों के मुताबिक ऐसे कई बार देखा गया कि मामूली कर्मचारी अपनी झूठी समस्या पत्र जोड़कर ऐसी हरकतें करते दोषी पाए गए हैं। जिस पर कार्यवाही करते हुए उन्हें पद से निष्कासित भी किया जाता रहा है। लेकिन यहां तो मध्यरेल सरकारी विभाग का ‘प्रचार प्रसार’ जैसे अहम पद पर विराजमान वरिष्ठ अधिकारी ही पिछले 9 महीना से नदारद है और मध्यरेल आंख मूंदकर उस अधिकारी को पगार भी दे रहा है। (Mumbai Central Railway public Relations office publicity corruption news)
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मिली जानकारी के अनुसार दीप्ति गुप्ता की पकड़ रेलवे बोर्ड से है। वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी ए.के. सिंह से फोन पर गुप्ता के बारे में पूछने पर बताया, कि “गुप्ता ऊपर फोटोग्राफी कक्ष में बैठती है। उनके लिए नीचे बैठने की जगह नही है। अगर आपको ज्यादा जानकारी चाहिए तो सीपीआरओ से पूछिए।” इतना बोलकर सिंह ने फोन काट दिया। (Mumbai Central Railway public Relations office publicity corruption news)
मध्यरेल में बिना ड्यूटी के सरकारी अधिकारी
अब बात ये उठ रही है कि गुप्ता की पकड़ कितनी मजबूत है? इनके सम्बंध किस अधिकारी के साथ है? कि बिना काम के पगार ले रही है। इन सवालों पर सीपीआरओ चुप बैठे है। अब इस खबर के बाद गुप्ता पर कार्रवाई होगी या उनको आशीर्वाद देकर पदोन्नति किया जाएगा कुछ कहा नहीं जा सकता? लोगो का कहना है, कि “दीप्ति गुप्ता” महीने में दो बार आकर मस्टर पर साइन करके चली जाती है। इन बातों से सीधा मालूम होता है कि गुप्ता को कुछ जिम्मेदार अधिकारियों का समर्थन प्राप्त है। कानून व्यवस्था पर विश्वास रखने वाले लोगों का कहना है कि दीप्ति गुप्ता बिना ड्यूटी के सरकारी विभाग से पगार प्राप्त करने में समर्थन करने वाले दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई कब होगी? (Mumbai Central Railway public Relations office publicity corruption news)
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