- सत्यपाल मलिक और बीजेपी की केंद्र सरकार।
- कॉलोनी बनाकर बसाने का अपना वादा नौ वर्षो में भी नही निभा पायी है बीजेपी।
- आरोपी बृजभूषण शरण सिंह को बेदाग साबित करने में लगी केंद्र सरकार।
- क्या केंद्र में बीजेपी के रहते महिला पहलवानों को इंसाफ नहीं मिलेगा?
- सत्यपाल मलिक ने खिलाड़ियों को दी मुफ्त सलाह।
- इंसाफ पाना है तो वे राजस्थान में जगह जगह रैलियां करें।
- क्या महिला खिलाड़ी मोदी की हार का इबारत लिखेंगे?
सुरेंद्र राजभर
मुंबई- सत्यपाल मलिक एक मझे हुए राजनेता और कई राज्यों में राज्यपाल विशेषकर आतंक ग्रस्त जम्मू कश्मीर में उन्हें उस समय उपराज्यपाल बनाया गया जब केंद्र ने धारा 370 और 35 A हटाने का निर्णय कर लिया था और बकौल महबूबा मुफ्ती, फारुख अब्दुल्लाह कि अगर जम्मू कश्मीर का स्टेटस हटाया गया तो जम्मू कश्मीर की अवाम इसे बर्दास्त नहीं करेगी।
कॉलोनी बनाकर बसाने का वादा..
खून की नदियां बहेंगी। श्री नगर के लाल चौक में कोई तिरंगा उठाने वाला हाथ नहीं रहेगा।आतंकवादियों के द्वारा चुनकर आई महबूबा मुफ्ती की पार्टी के साथ आतंकवाद से समझौता करते हुए बीजेपी ने मिलकर पहले सरकार बना चुकी थी। एका एक जम्मू कश्मीर को मिले विशेष राज्य का दर्जा हटाने से जम्मू कश्मीर विशेषकर कश्मीर वैली में जहां 1990 में पंडितों की सामूहिक हत्याएं, महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार और केंद्र तथा राज्यसरकार से कोई संरक्षण नहीं मिल पाने के कारण घाटी में अपना सर्वस्व छोड़कर पलायन करने और रिफ्यूजी कैंपों में नरकीय जीवन बिताने को मजबूर किए गए थे। जिन्हें कश्मीर में अलग कॉलोनी बनाकर बसाने का बीजेपी ने वादा भी किया था। उस वादे को नौ वर्षों में नहीं निभाया गया क्योंकि आतंकवादियों और घाटी के नेताओं की धमकियों से डर गई थी बीजेपी।
ऐसे में सुलग रहे जम्मू कश्मीर का उपराज्यपाल बनाकर सत्यपाल मलिक को भेजा गया।
बीजेपी की केंद्र सरकार ..
उन्होंने अपनी सुझ बुझ से कश्मीर घाटी में शांति बनाए रखा। जहां खून की नदियां बहाने की धमकियां दी गई थीं। वहां एक भी कश्मीरी मुसलमान सड़क पर आंदोलन करने नहीं निकला। यह काबिलियत सत्यपाल मलिक के अलावा किसी भी नेता में नहीं है। उन्होंने जब सीपीआरएफ के 40 सैनिकों की हत्या की साजिश रचने, पीएम मोदी और सुरक्षा सलाहकार द्वारा उन्हें चुप रहने को कहा गया। सैनिकों की लाशों पर चुनाव जीतने की राजनीति करने के आरोप जब बीजेपी पर मलिक ने लगाए तो बीजेपी सरकार की आंखों की किरकिरी बन गए। बकौल मलिक उन्हें मिटाने की साजिश रचने लगी बीजेपी की केंद्र सरकार।
सबसे पहले उनकी सिक्योरिटी हटा ली गई। उनके और उनके साथियों के यहां रेड डाली गई। फर्जी केस में उन्हें फंसाने की साजिश की जाने का अंदेशा भी जता दिया है मलिक ने। अपनी बेबाकी के लिए और सच बोलने वाले मलिक महिला रेसलरो को न्याय नहीं देकर यौनशोषण के आरोपी को केंद्र की बीजेपी सरकार द्वारा संरक्षण देने, दिल्ली पुलिस के द्वारा फर्जी जांच रिपोर्ट केंद्र के दबाव में क्लोजर रिपोर्ट कोर्ट में जल्द ही देने की बातें सूत्रों से छनकर बाहर आ रहीं के अनुसार केंद्र सरकार आरोपी को बेदाग साबित करने में लगी है। यानी केंद्र में बीजेपी सरकार के रहते महिला पहलवानों को इंसाफ नहीं मिलेगा।
सत्यपाल मलिक ने खिलाड़ियों को दी मुफ्त सलाह…
मलिक साहब खिलाड़ियों को मुफ्त सलाह देते हैं कि अगर उन्हें न्याय पाना है तो वे राजस्थान में जगह जगह बड़ी बड़ी रैलियां करें जहां जाट और गुर्जर निर्णायक माने जाते हैं चुनाव जीतने के लिए मलिक के अनुसार गुर्जर और जाट समाज की सिंपैथी खिलाड़ियों को जरूर मिलेगी। ऐसा करके खिलाड़ी मोदी की हार की इबारत लिखेंगे तब मोदी दबाव में आकर आरोपी की गिरफ्तारी की हरी झंडी देंगे क्योंकि मोदी चुनाव हारना नहीं चाहते उन्होंने यह भी आशा जताई कि समय आते ही सभी विपक्षी दल एक के सामने एक प्रत्याशी खड़ा करने की नीति पर चलकर मोदी को सत्ता से बाहर कर देंगे।
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