- कौन लगाए लगाम?
सुरेंद्र राजभर
मुंबई- जहां एक तरफ महाराष्ट्र राज्य कोविड 19 के बेजार जंग से अभी तक उबर नहीं पाया है। वहीं दूसरी तरफ नेता, ठेकेदार और मनपा (BMC) आर/दक्षिण वार्ड के जवाबदेह अधिकारियों की सांठगांठ से मनपा में अवैध निर्माण के विरुद्ध बने नियमों का चीर हरण किया जा रहा है।
बेशक, मनपा ने गैरकानूनी बांधकाम के विरुद्ध सख्त कार्रवाई वाले कानून बनाए है। ताकि अवैध झोपड़े न पनपे, न गैरकानूनी व्यापारिक गाले ही बनाए जाएं मगर जब मनपा के जिम्मेदार अधिकारी ही ठेकेदारों और स्थानीय नेताओं के साथ सांठगांठ करके मनपा कानूनों की धज्जियां उड़ाने पर आमादा हो, तो मनपा और मुंबईकरों को ईश्वर ही बचाए।
क्या है ख़बर …?
जी हां ताज़ा खबर कांदिवली (पश्चिम) स्थित चारकोप, गांधीनगर, मुकेश राशन वाले के सामने, रहमानिया मस्जिद की बगल में अवैध निर्माण कर्ता ठेकेदार हरकेश द्वारा ग्राउंड+2 (तीन मंजिला) के व्यापारिक गाले का अवैध निर्माण गैरकानूनी तरीके से किया जा रहा है। इसी तर्ज पर एकता नगर की गली नंबर साढ़े 8 में अवैध रूप से व्यापारिक गाले का अवैध निर्माण ठेकेदार फरीद खान के माध्यम से किया जा रहा है।
इसी क्रमानुसार कांदिवली (पूर्व) स्थित घनश्याम दूबे चाल, गांवदेवी रोड, नानजी वाड़ी, बिहारी टेकड़ी, पोईसर, मेन रोड स्थित प्रजापति डेरी की बगल में एस.के. वाइन नामक शॉप सहित उसके बगल में व्यापारिक गाले का अवैध निर्माण ठेकेदार वसंत झा द्वारा किया जा रहा है। सूत्रों की माने तो कनिष्ठ अभियंता ने ठेकेदार वसंत झा से वार्ड ऑफिसर के नाम पर 50,000 रूपये का आर्थिक लेन देन किया है। यह कितना सच है। इसका जवाब तो स्वयं कनिष्ठ अभियंता ही दे सकते है।
BMC Corruption News..
यदि एंटीकरप्शन विभाग को कोई भी मकान मालिक या गाला धारक भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबे इन भ्रष्ट अधिकारियों की शिकायत करना चाहे भी तो, नही कर सकता क्योंकि इन्हें मनपा नियमों का भय दिखाकर इनके गैरकानूनी बांधकाम को तोड़ देने की धमकी दी जाती है।जिसकी वजह से यह भ्रष्ट अधिकारी एंटीकरप्शन की रडार से अक्सर बच निकलने में कामयाब हो जाते है। यही कारण है की ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों पर एंटीकरप्शन विभाग (Anti Corruption Department) विधिसम्मत कार्यवाही करने में सक्षम नहीं है।जो यह सवाल जनता के समक्ष मुंह बाए खड़ा है।
BMC कानून का चीर हरण..
अब यहां बताना लाजमी है, की मनपा आर/दक्षिण वार्ड के कार्य क्षेत्र में धड़ल्ले से गैरकानूनी ढंग से बांधकाम का धंधा फल फूल रहा है। यदि मनपा के जिम्मेदार उच्च अधिकारी तशरीफ ला सके तो कांदिवली, पूर्व और पश्चिम में जरूर आएं। वहां उन्हें एकता नगर, इंदिरा नगर, चारकोप के गांधी नगर और कांदिवली (पूर्व) के मेन रोड पर अवैध निर्माण जरूर दिखेगा। शिकायत कर्ता के अनुसार महानगर पालिका के आर/दक्षिण, वार्ड में शिकायत बार बार की गई लेकिन बिल्डिंग एंड फैक्टरी डिपार्टमेंट ही नही वार्ड ऑफिसर (प्रभारी) ललित के. तळेकर के कानों में जूं भी नही रेंगती। अवैध निर्माण कर्ता, ठेकेदार मूंछों पर ताव देते हुए कहता है, कि यहां का वार्ड और नेता उसके साथ है। कितनी भी कंप्लेंट या शिकायत करें, कोई मेरा कुछ भी नही उखाड़ेगा।
वाह! मानना होगा गैरकानूनी बांधकाम करने वाले ठेकेदार की हेकड़ी को जिसके सामने वार्ड के अधिकारी ललित के. तळेकर या तो बेबस है या तो उनकी जेबें गर्म हो चुकी है।
अब ऐसे में मनपा नियमों या उसके सर्कुलर की बात करें, तो मुंबई का कोई भी वार्ड हो, मनपा सर्कुलर में दिए गए नियमों के अनुसार वार्ड के किसी भी अधिकारी ने आज तक गैरकानूनी बांधकाम करने वाले ठेकेदार हो या गाला धारकों पर MRTP अथवा MPDA के तहत कार्यवाही करने की जहमत नहीं दिखाई है।जितने बड़े दोषी अवैध निर्माण कर्ता ठेकेदार है। इनसे भी बढ़कर अपराधी है इमारत विभाग के अभियंता और पदनिर्देशित अधिकारी(D.O.)। जो आईपीसी सेक्शन 1860 की धारा 217 और 218 के तहत एक अपराध है।
क्या मनपा आयुक्त जिन्होंने चार्ज लेते समय जीरो टॉलरेंस का वादा किया था, निष्पक्ष जांच कराकर तोड़क कार्रवाई के साथ दोषियों को दंडित कराएंगे?
Discover more from
Subscribe to get the latest posts sent to your email.