इस्माईल शेख
मुंबई- पुलिस ने पिछले सप्ताह के शनिवार को पश्चिमी उपनगर में एक नाले पर बने 6000 किलो ग्राम के लोहे के पुल को चुराने के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार किया है। खबरों के मुताबिक, मलाड पश्चिम के 6000 किलो ग्राम के लोहे का पुल चोरी मामले में टेंडर प्राप्त करने वाली कंपनी से जुड़े एक व्यक्ति के साथ 4 लोगों को गिरफ्तार किया है। जिन्हें खुद पुल बनाने का काम सौंपा गया था।
क्या है हकीकत..?
आपको जानकारी देते हुए बता दे, कि मलाड (पश्चिम) में 90 फुट लंबी लोहे की संरचना का पुल का निर्माण विशाल बिजली तारों को स्थानांतरित करने के लिए किया गया था। इसके तहत नाले पर एक स्थायी पुल बनाने के बाद, अस्थायी संरचना को कुछ महीने पहले क्षेत्र में दूसरी जगह ले जाया गया था। लेकिन पुलिस को दी गई शिकायत के मुताबिक लोहे का पुल अचानक गायब हो गया।
मुंबई में 6000 किलो के लोहे का पुल..
पुलिस को मिली शिकायत में कहा गया है, कि अस्थायी पुल 26 जून को गायब पाया गया। जिसके बाद निर्माण कंपनी ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस की पड़ताल में पाया कि पुल को आखिरी बार 6 जून को अपनी जगह पर देखा गया था। लेकिन दिक्कत यह थी कि वहां किसी भी तरह का सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा होने के कारण आगे का हाल-चाल पता करना पुलिस के लिए मुश्किल हो रहा था।
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, चूंकि घटनास्थल पर कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं है, इसलिए पुलिस ने आस-पास के इलाकों में लगे निगरानी कैमरों के फुटेज को स्कैन किया। इसमें पुलिस को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा और बारीकी से हर कैमरे की फुटेज को खंगाला गया। आखिरकार वहां उन्होंने 11 जून को पुल की दिशा में एक बड़ा वाहन चलते हुए कैमरे में पाया।
पुलिस ने उसके पंजीकरण नंबर के आधार पर वाहन का पता लगाया। वाहन में गैस-काटने वाली मशीनें थीं जिनका उपयोग पुल को तोड़ने और 6000 किलोग्राम वजन वाले लोहे को चुराने के लिए किया गया था। आगे की जांच में पुलिस उस फर्म के एक कर्मचारी तक पहुंची जिसे पुल बनाने का ठेका दिया गया था। पुलिस ने पिछले सप्ताह कर्मचारी और उसके तीन साथियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने इसमें बताया गया कि साइट से चुराई गई सामग्री बरामद कर ली गई है।
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