मुंबई के कंदिवली में 2013 में हुए एलपीजी गैस सिलेंडर अग्निकांड मामले में सेशन कोर्ट ने कबाड़ी बाबलू पासवान को दोषी ठहराते हुए एक साल की जेल की सजा सुनाई। इस हादसे में पांच लोगों की मौत हुई थी।
मुंबई: करीब 12 साल पुराने कंदिवली गैस सिलेंडर अग्निकांड मामले में मुंबई की सेशन कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने कबाड़ का व्यवसाय करने वाले बाबलू पासवान को लापरवाही का दोषी मानते हुए एक साल की सजा सुनाई है। यह हादसा मार्च 2013 में हुआ था, जिसमें पांच लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी और कई अन्य गंभीर रूप से झुलस गए थे।

कबाड़ से गैस निकालते वक्त हुआ था भीषण हादसा
अभियोजन पक्ष के मुताबिक, 7 मार्च 2013 की शाम करीब 6 बजे, बाबलू पासवान अपने दो साथियों की मदद से एलपीजी सिलेंडरों से गैस निकाल रहा था। यह काम कंदिवली पूर्व के फ्रेंड्स शेजार कमेटी चॉल के पास एक खुले नाले में किया जा रहा था, जो पूरी तरह से रिहायशी इलाका था।
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जलती सिगरेट से भड़की आग
शिकायतकर्ता सलीम शेख, जो कंदिवली पश्चिम की जन एकता वेलफेयर सोसायटी में रहते हैं, ने अदालत को बताया कि वह अपने दोस्तों के साथ वहां बैठकर बातचीत कर रहे थे और आसपास बच्चे खेल रहे थे। इसी दौरान, आरोप है कि पासवान के साथ मौजूद एक व्यक्ति ने जलती हुई सिगरेट नाले में फेंक दी, जहां गैस छोड़ी जा रही थी।
इसके बाद अचानक भीषण आग भड़क उठी, जिसने पूरे इलाके को चपेट में ले लिया।
बच्चे समेत कई लोग झुलसे
हादसे में दो नाबालिग बच्चे और करीब 10 से 12 लोग गंभीर रूप से झुलस गए। स्थानीय लोगों ने तुरंत कपड़ों से आग बुझाने की कोशिश की और घायलों को अलग-अलग अस्पतालों — शिवम अस्पताल (चारकोप), चव्हाण अस्पताल, भगवती अस्पताल और ऑस्कर अस्पताल — में भर्ती कराया गया।
पांच लोगों की गई जान
इलाज के दौरान प्रीति यादव, मोहम्मद अफजल शेख, शरतूनिसा खान, सोफिया खातून और मोहम्मद हवेलदार की मौत हो गई। वहीं कई अन्य जैसे नदीम खान, अमन खान, आमिर खान और जीतू बुधाहांडी गंभीर रूप से घायल होकर किसी तरह बच पाए।
सह-आरोपी बरी, कबाड़ी दोषी
पुलिस ने इस मामले में अब्दुल सिद्दीक जब्बार खान को भी आरोपी बनाया था, जिस पर सिगरेट फेंकने का आरोप था। हालांकि, अदालत ने सबूतों के अभाव में उसे बरी कर दिया, लेकिन मुख्य आरोपी बाबलू पासवान को दोषी ठहराया।
अदालत की सख्त टिप्पणी
अदालत ने फैसले में कहा कि बाबलू पासवान ने जानबूझकर सुरक्षा नियमों की अनदेखी की।
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि ज्वलनशील गैस सिलेंडरों को खाली करना सुरक्षित और नियंत्रित स्थान पर किया जाना चाहिए, न कि रिहायशी इलाके के खुले नाले में। यह लापरवाही सीधे तौर पर लोगों की जान पर भारी पड़ी।
FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
Q1: यह हादसा कब और कहां हुआ था?
A: 7 मार्च 2013 को कंदिवली पूर्व के एक रिहायशी इलाके में।
Q2: हादसे में कितने लोगों की मौत हुई थी?
A: कुल पांच लोगों की मौत हुई थी।
Q3: कोर्ट ने आरोपी को क्या सजा दी?
A: एक साल की जेल की सजा।
Q4: आरोपी पर किस तरह की लापरवाही साबित हुई?
A: रिहायशी इलाके में अवैध रूप से गैस सिलेंडर खाली करना।
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