अशफाक खान
मुंबई – एनआरसी/सीएए तथा एनपीआर पर भारत रत्न, डॉ.बाबासाहेब आंबेड़कर के पोते राजरतन आंबेड़कर ने बड़ा बयान देते हुए बताया कि अगले छ: महिनों के भीतर जातिवादक यह सभी कानून पूरी तरह से खत्म कर दिया जाएगा! राजरतन आंबेड़कर के बयानों को सूनकर विरोध प्रदर्शन में पहुचे हजारों की तादाद में सभी धर्म के लोगों ने इनकलाब जिंदाबाद के नारे लगाते हुए तालियाँ बजाई!
26 दिसंबर मालाड़ पश्चिम के कांग्रेसी नगरसेवक असलम शेख के नेतृत्व में संविधान बचाओ, देश बचाओ समिति नें हजारों की तादाद मे लोगों को शामिल कर, एनआरसी/सीएए तथा एनपीआर पर केंद्र सरकार के खिलाफ, विरोध प्रदर्शन किया जिसमें सभी समुदाय के लोगों ने एक विशाल रैली निकालकर विरोध जताया! रैली मालाड़ के मालवनी 8 नंबर, पतंग मैदान से होते हुए मालवनी गेट क्रमांक 1 के मनपा मैदान में सभा का आयोजन कर समाप्त किया गया! सभा के मंच पर विभिन्न समुदाय,धर्म-जात और पंथ के लोगों को देखा गया, जिसमें मुसलिम, बौद्ध, पंजाबी और क्रिश्चियन के अलावा और भी धर्म के लोगों ने हिस्सा लेकर अपना विरोध जताया!
मालवनी गेट क्रमांक 1 के मनपा मैदान में आयोजित सभा में लोगों को संबोधित करने आये डॉ.बाबासाहेब आंबेड़कर के घराने से उनके पोते राजरतन आंबेड़कर ने सभा को संबोधित करते हुए बताया कि, उनहोंने, एनआरसी/सीएए के खिलाफ युनाइटेड नेशन में शिकायत की है और 22 जनवरी को देश के हर हिस्से से मिली शिकायत पर सुनवाई होनी है! बता दें कि राजरतन आंबेड़कर विश्व में 125 देशों के सेक्रेटरी है! उन्होंने विश्वास दिलाया कि अगले छ: महिनों के भीतर देश को विभाजित करने वाली यह सभी कानून पूरी तरीके से खत्म कर दिया जाएगा, साथ मंच पर यह दृढ़ निश्चय जकाते हुए कहा कि, देश के इस काले कानून को अगर मैं जड़ से खत्म ना कर दूं तो मैं डॉ. बाबासाहेब भिमराव आंबेड़कर का वंशज नही!
बता दें कि उत्तर मुंबई से नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हफतेभर में, यह तिसरा प्रदर्शन रहा है! इसके पहले शुक्रवार को जुमे की नमाज़ के बाद कांदिवली पश्चिम के गणेश नगर में लोगों ने एक विशाल रैली निकालकर प्रदर्शन किया था,जिसमें लगभग 2 हजार प्रदर्शनकारीयों ने हिस्सा लेकर शांतिपूर्वक जलूस निकालकर केन्द्र सरकार के खिलाफ विरोध जताया था!
मालाड़ के मालवनी से दुसरा विरोध प्रदर्शन रविवार 22 दिसंबर, मार्क्सवादी कंम्युनिस्ट पार्टी ऑफ सिपीआय, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी, राष्ट्र सेवा दल, डीवायएफ आय, बिईएम, बंगाली असोसिएशन, डब्लू पी आय तथा अन्य कई संगठनों एवं संस्था के लोगों ने किया था!
बता दें कि प्रदर्शनकारीयों ने केन्द्र सरकार और मोदी-शाह के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए कानूनी आजादी पर भी नारेबाजी की! प्रदर्शनकारीयों के मुताबिक देश को विभाजित कर राज करने के लिए मोदी-शाह एवं आरएसएस की सरकार आम जनता पर कानून थोप रही है! इसपर देशभर में प्रदर्शन किए जा रहे हैं! कई राज्यों में कानून व्यवस्था तक बिगड़ने का खतरा मंडरा रहा है!
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