- साल भर के लिए विकास कार्य रहेंगे ठप्प..
- केंद्र सरकार की चुप्पी से योजनाओं पर लगा रोक..
- सार्वजनिक स्वास्थ्य, औषधि, राहत, पुनर्वास, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति के अलावा सब ठप्प..
- नई भर्ती और तबादले पर लगी रोक..
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नितिन तोरस्कर
मुंबई- देश में ‘कोरोना’ वायरस का सबसे ज्यादा प्रभाव महाराष्ट्र राज्य पर हुआ है! लॉकडाउन, कर्फ्यू और लगातार बढ़ते मरीज़ों की संख्या से यहां की अर्थव्यवस्था काफी चरमरा गई है! महाराष्ट्र की उद्धव सरकार ने राज्य को संकट से उभारने के लिए बड़े खर्चों में कमी करने का एलान किया है! साथ ही राज्य सरकार की नई विकास परियोजनाओं और नई भर्तियों पर रोक लगा दी गई है!
साल भर के लिए विकास कार्य रहेंगे ठप्प..
उद्धव ठाकरे ने ऐलान करते हुए बताया, कि ‘महाराष्ट्र में अगले साल मार्च के आख़िर तक विकास का कोई भी नया काम शुरू नहीं होगा! साथ ही नौकरियों में भी कोई नई भर्ती नहीं की जाएगी!’ आप को बता दें, कि महाराष्ट्र सरकार ने 2020-21 के लिए विकास कार्यों में 67 फ़ीसदी कटौती की घोषणा की है और यह भी बता दें, कि राज्य की स्थापना 1960 के बाद पहली बार ऐसा हुआ है! कुछ महीनों पहले ही महाराष्ट्र की उद्धव सरकार ने 4.34 लाख करोड़ का बजट पेश किया था जो पिछले बजट के मुकाबले 4.1 प्रतिशत ज़्यादा था लेकिन ‘कोरोना’ के वायरस ने राज्य की अर्थव्यवस्था बिगड़ते हुए कमर तोड़कर रख दी है! मंगलवार तक राज्य में ‘कोरोना’ संक्रमण के 15525 मामले सामने आ चुके हैं और 617 लोगों की मौत हो चुकी है! मुंबई में इस वक्त 9,945 लोग संक्रमित हैं, जब कि इस महामारी के चलते 387 लोगों की अबतक मौत हो चुकी है! महाराष्ट्र में लाखों लोगों को रोज़गार देने वाली मुंबई की हालत इस वक्त बेहद ख़राब चल रही है! यहां बेरोजगारी के कारण प्रवासी मजदूर पलायन कर रहे हैं!
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केंद्र सरकार की चुप्पी से योजनाओं पर लगा रोक..
राज्य के उपमुख्यमंत्री एवं वित्तीय मंत्री अजित पवार ने केंद्र सरकार से 50 हज़ार करोड़ रुपये का पैकेज देने की मांग की थी लेकिन अभी तक केंद्र की ओर से इस बारे में कोई जवाब सामने नही आया है! महाराष्ट्र सरकार ने राज्य को ‘कोरोना’ की मार से उबारने के लिए कुछ योजनाओं को शुरु करने का मन बनाया हुआ है! साथ ही सुझाव कमिटी की ओर से खर्चों में कटौती के लिए कई प्रस्ताव दिए गए हैं! सरकार लगातार जारी योजनाओं की समीक्षा कर रही है साथ ही उनकी प्राथमिकता तय कर रही है! उद्धव सरकार इस समीक्षा के बाद निर्णय लेगी कि इन योजनाओं को चलाना है, या फिलहाल रद्द कर देना है! जानकारी के मुताबिक, जिन योजनाओं पर रोक लगाई जाएगी, उनके विभागों को 31 मई तक राज्य सरकार जानकारी एवं सुझाव पेश करने को कहा है!
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सार्वजनिक स्वास्थ्य, औषधि, राहत, पुनर्वास, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति के अलावा सब ठप्प..
उद्धव सरकार की ओर से इसपर एक प्रस्ताव पेश किया गया है! जिसके तहत, इस बात का जिक्र किया गया है कि हर विभाग को कुल बजट के भत्ते का केवल 33 प्रतिशत धन राशि दी जाएगी! प्रस्ताव में यह भी कहा गया है, कि हर एक कार्यक्रम की समीक्षा की जानी होगी और केवल आवश्यक योजनाओं को ही अंतिम रूप दिया जाएगा! नए प्रस्ताव में बताया गया है, कि राज्य में किसी भी नई योजनाओं पर कोई खर्च नहीं होगा! साथ ही कोई नई योजना प्रस्तावित नहीं होगी! जिन योजनाओं को मार्च 2020 में कैबिनेट की मंजूरी मिली थी उन पर भी यही नियम लागू रहेंगे! उद्धव सरकार की ओर से, सभी विभागों के खर्चों को लेकर प्राथमिकता तय की गई है! इसके मुताबिक सार्वजनिक स्वास्थ्य, औषधि प्रशासन, राहत और पुनर्वास, खाद्य और नागरिक आपूर्ति को सरकार महत्व देगी! जब, कि इन पर खर्चों को कोरोना और उपचार से संबंधी परिचालन खर्चों पर ही सीमित रखा जाएगा!
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नई भर्तियों और तबादले पर लगी रोक..
उद्धव सरकार के प्रस्ताव में कहा गया है, कि राज्य को आपातकालीन चिकित्सा उपकरणों से संबंधित खरीद की अनुमति रहेगी! इसका अलावा राज्य में किसी नए निर्माण और विकास कार्य की शुरुआत नहीं होगी! जो काम इस वक्त, वर्तमान में चल रहे है वे जारी रहेंगे! साथ ही जन स्वास्थ्य और औषधि विभाग को छोड़कर किसी भी अन्य विभाग में कोई भर्ती नहीं की जाएगी! इसके अलावा वित्तीय वर्ष के दौरान किसी भी अधिकारी या कर्मचारी का तबादला नहीं किया जाएगा!
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