नितिन तोरस्कर
मुंबई- महाराष्ट्र राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने वाणिज्य मंत्री से प्याज पर लगे रोक को हटाने की मांग की! देवेंद्र फडणवीस ने वाणिज्य मंत्री को पत्र लिखा जिसमें प्याज के निर्यात पर लगी रोक हटाने की मांग की! भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर प्याज के निर्यात पर लगी रोक को हटाने की मांग करते हुए, प्याज के निर्यात पर रोक लगने से किसानों को होने वाले नुकसान का हवाला दिया है!
बता दें कि केंद्र सरकार ने 14 सितंबर को प्याज की सभी किस्मों के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी थी! सरकार ने यह फैसला देश में प्याज की उपलब्धता को बढ़ाने और घरेलू बाजार में इसकी लगातार बढ़ती कीमत को नियंत्रित करने के लिए किया है! ऐसा केंद्र द्वारा सरकारी जानकारी प्राप्त हो रही है! इस फैसले को लेकर महाराष्ट्र की महाविकास आघाड़ी सरकार के मंत्री केंद्र सरकार के खिलाफ आक्रामक हो गए हैं! वहीं, प्याज उत्पादक किसान भी सड़क पर उतर आए हैं! प्रदेश के मंत्रियों ने केंद्र से प्याज निर्यात पर प्रतिबंध को तत्काल प्रभाव से हटाने की मांग की है!
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने मंगलवार को पीयूष गोयल से मुलाकात कर प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया था! पवार ने कहा, कि “सरकार के इस कदम से पाकिस्तान जैसे देशों को फायदा होगा!”
केंद्र सरकार के प्याज निर्यात पर पूरी तरह रोक लगाने को लेकर महाराष्ट्र में बुधवार को विरोध जताया गया! महाराष्ट्र सरकार में सहयोगी कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने केंद्र के इस कदम को ‘किसान-विरोधी’ ‘महापाप’ और ‘अन्याय’ भरा कदम बताया! महाराष्ट्र मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक आधिकारिक बयान में बुधवार को कहा, ‘राज्य के मंत्रियों द्वारा केंद्र सरकार के प्याज निर्यात पर रोक लगाने को लेकर रोष जताने के बाद मुख्यमंत्री ठाकरे ने मंत्रिमंडल की बैठक में इसे लेकर केंद्र सरकार को पत्र लिखने की बात कही!’
राज्य के उप मुख्यमंत्री एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता अजित पवार ने केंद्र के इस निर्णय को किसान-विरोधी और उन पर दबाव बढ़ाने वाला ‘महापाप’ बताया! एनसीपी मुख्यालय पर एक बैठक में पवार ने कहा, “केंद्र सरकार ने ऐसे समय पर प्याज के निर्यात पर रोक लगाई है, जब किसानों को अच्छी कीमत मिल रही थी! यह पूरी तरह गलत है! यह बात साफ है कि केंद्र सरकार किसान विरोधी रवैया अपना रही है!” उन्होंने किसानों की तकलीफ़ को सामने पेश करते हुए कहा, कि “प्याज उत्पादक पहले से ‘कोविड-19’ की मार झेल रहे हैं और अब केंद्र सरकार ने प्याज निर्यात पर पाबंदी लगाकर उन पर और दबाव बनाने का ‘महापाप’ किया है!”
महाराष्ट्र कांग्रेस की ओर से केंद्र के इस फैसले को लेकर राज्यभर में विरोध प्रदर्शन किया! प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री बालासाहब थोराट ने कहा कि “निर्यात पर प्रतिबंध के चलते प्याज के दाम गिर गए हैं! कांग्रेस पार्टी इस ‘अन्याय’ से किसानों को बाहर निकालने के लिए लड़ाई लड़ेगी! राज्य में कांग्रेसियों का इसपर प्रदर्शन केंद्र सरकार के इस फैसले को वापस लेने तक जारी रहेगा!” बालासाहेब थोराट ने यह भी कहा, कि “केंद्र सरकार के इस निर्णय से प्याज के दाम 700 से 800 रुपये प्रति क्विंटल गिर गए हैं! राज्य में किसान बाढ़ और चक्रवात के चलते भारी समस्याओं का सामना कर रहे हैं! राज्य सरकार उनकी जितनी मदद कर सकती है, कर रही है! लेकिन केंद्र सरकार सहयोग नहीं कर रही!”
केंद्र सरकार ने सोमवार को प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी है! यह फैसला तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है! देश के कई हिस्सों में बारिश और बाढ़ से प्याज की आपूर्ति चेन में व्यवधान आया था और इसकी कीमतें फिर बढ़ने लगी थीं! निर्यात बंदी के कारण पोर्ट पर कुल 712 कंटेनर प्याज को लेकर असमंजस बरकरार है! इन कंटेनरों में 1 किलो से लेकर 50 किलो की पैकिंग में प्याज है! अब एक्सपोर्टर चिंतित हैं कि प्याज एक्स्पोर्ट पर बैन लगने से पहले शिपमेंट किए गए प्याज का क्या होगा! एक कंटेनर का मूल्य 8-10 लाख है! अगर कंटेनर नहीं गए तो यह नुकसान एक्सपोर्टर को होगा!
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत आने वाले विदेश व्यापार महानिदेशालय की ओर से सोमवार को जारी एक अधिसूचना के मुताबिक, प्याज की सभी वेरायटी के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है! अधिसूचना में कहा गया है कि ट्रांजिशनल एग्रीमेंट के प्रावधान इस अधिसूचना के तहत लागू नहीं होगा!
Discover more from
Subscribe to get the latest posts sent to your email.