देती है भ्रष्ट अधिकारियों और ठेकेदारों को संरक्षण !
सुरेंद्र राजभर
मुंबई- भ्रष्टाचार और मुंबई मनपा का चोली दामन का साथ है ! बिना रिश्वत लिए मनपा में कोई कार्य होना असंभव है ! मनपा नेता भ्रष्ट अधिकारियों की मनचाहे स्थान और विभाग में नियुक्ति करा कर मनमाने ढंग से भ्रष्टाचार को अंजाम दिला कर दोनों हाथों से दौलत लूटते हैं!
किसी वार्ड के किसी भी विभाग में चले जाइए किसी न किसी नेता के खासमखास अधिकारी मिल जाएंगे जो काम न करने का वेतन लेते मिलेंगे और काम करने का घूस !
जी हां पेयजल कनेक्शन यदि लीगली लेना हो तो दौड़ते रहिए ! इलीगल रूप से हजारों गैलन पानी चाहिए तो बिना कोई लीगल कनेक्शन लिए दशकों तक लेते रहिए पानी, बिल नहीं आएगा लेकिन आपको साहब की जेब गर्म करते रहना होगा ! जहां लाखों रुपए पानी का बिल आना चाहिए ! पांच हजार महीने में भरपूर पानी की सुविधा लेते रहिए !
यदि आप के झोपड़े में कोई जरूरी रिपेयरिंग करनी हो तो साहब की मुट्ठी गर्म करिए मौखिक अनुमति से कार्य करा लिजिये! इसके लिए भी कायदे से दलाल ठेकेदार काम करते रहे हैं !
सड़क निर्माण हो या नाले की सफाई वह भी आधी अधूरी करने के लिए भी नेताओं के खास ठेकेदार रहते हैं ! मजाल क्या जो किसी ईमानदारी से काम करने वाले ठेकेदार को ठेका मिले ! पादचारी पुल में भी बेहद भ्रष्टाचार रहता है ! नाम न बताने की शर्त पर एक ठेकेदार ने बताया कि 50 से 60% तक नेताओं अधिकारियों को घूस देनी पड़ती है ! यही हाल मनपा स्कूलों की रिपेयरिंग में भी होता है ! क्षेत्रीय कार्पोरेटर, अधिकारियों सहित ऊपर तक घूस ही घूस!
ताजा मामला भ्रष्टाचार का सामने आया है मनपा ने 41 ठेकेदारों को शोकाज़ नोटिस दिया था ! जिसमें से 7 के खिलाफ कार्रवाई करते हुए ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया था ! नियमानुसार उन्हें 7 साल तक मनपा में ठेका लेने पर रोक लगती है किंतु सूत्र बताते हैं कि कुछ नेता उन दो भ्रष्ट ठेकेदारों पर मेहरबान हो गए जिन्हें अनियमितता के कारण ब्लैक लिस्ट कर दिया गया था ! बताया जाता है कि उन दोनों के कार्यो की रिपोर्ट मनपा कमिश्नर को भेजकर दोनों को ब्लैक लिस्ट से बाहर कर दिया गया ! क्या कहें जब कुएं में ही भांग पड़ी हो तो भ्रष्टों को संरक्षण दिया ही जाता रहेगा!
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