घर काम के नाम पर अंतर्राष्ट्रीय नौकर लुटेरों का कांदिवली पुलिस ने किया पर्दाफ़ाश

कांदिवली पुलिस एक ऐसे गिरोह का पर्दाफ़ाश किया है जो घरों में नौकर का काम मांग कर तिजोरी साफ कर जाते थे, खासकर इसके लिए बनावटी आधारकार्ड और नकली दस्तावेजों के जरिए मोबाइल नंबर का उपयोग कर नौकरी हासिल कर लेते थे।

इस्माइल शेख
मुंबई
– बनावटी आधारकार्ड और फोन नंबरों के जरिए घर काम की नौकरी हासिल कर तिजोरी साफ करने वाले गिरोह के मुखिया को लगभग 2 महिनों से अधिक की कड़ी मेहनत के बाद आखिरकार कांदिवली पुलिस ने उत्तर प्रदेश के गौंड़ा जिले से धर दबोचा है। मुंबई पुलिस परिमंडल 11 के पुलिस उपायुक्त विशाल सिंह ठाकुर ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस के जरिए इसकी जानकारी दी। (Mumbai Crime News)

पुलिस उपायुक्त विशाल सिंह ठाकुर ने बताया, कि “घरकाम की नौकरी के बहाने बनावटी आधारकार्ड और कागजातों के जरिए नौकरी हासिल कर घर के तिजोरी में रखे सोने, चांदी और हिरों के गहने चुराने वाले अंतर्राष्ट्रीय गिरोह के मुखिया 35 वर्षीय आरोपी जवाहर मंगनु पांडे उर्फ बच्छु को उत्तरप्रदेश के गौंड़ा जिला से गिरफ्तार किया गया है। आरोपी बाजारगिहा गांव का रहने वाला है जो रामपुर के कर्नलगंज तालुका में बसा है। गिरफ्तार आरोपी के पास से 13 लाख रुपये के चोरी का सामान अबतक बरामद किया गया है। (Kandivali Police Station)

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कांदिवली पुलिस थाने के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक दिनकर जाधव ने बताया, कि “23 जनवरी को मिली शिकायत में 30 वर्षीय शिकायतकर्ता गौरव केतन शाह ने बताया, कि उसके घर में तिजोरी को तोड़कर 17 लाख रुपये के सोने चांदी और हिरे के गहने नौकर लूट कर फरार हो गया है। शिकायतकर्ता ने यह भी बताया, कि कुछ दिनों पहले 1 जनवरी को ही 24 वर्षीय रामकुमार अमरनाथ को घरकाम के लिए नौकरी पर रखा था।” आप को बता दें, कि शिकायतकर्ता गौरव केतन शाह एक व्यापारी है, जो 1501 गौरव पैलेस, शांतिलाल मोदी रोड़, बाटा शोरुम गली, कांदिवली पश्चिम के रहने वाले है। शिकायत के आधार पर कांदिवली पुलिस ने गु.र.क्र.38/2022 में भा.द.स.की धारा 381, 120(ब), 114, 465, 468 और 471 के तहत मामला दर्ज कर तहकीकात शुरू कर दी।

कांदिवली पुलिस थाने के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक दिनकर जाधव ने बताया कि मामले की तहकीकात डिटेक्शन टिम के पुलिस उपनिरीक्षक सूर्यकांत पवार कर रहे हैं। जांच में पुलिस ने पाया कि शिकायतकर्ता द्वारा पुलिस को दिये नौकर के दस्तावेज और मोबाइल नंबर बनावटी है। आरोपी रामकुमार अमरनाथ से जुड़ा शिकायतकर्ता के पास कोई भी जानकारी नहीं है। इसके साथ ही जांच में यह भी पता चला कि लूट को अंजाम देने में रामकुमार अमरनाथ के साथ और भी बदमाश लोगों का साथ है। आधारकार्ड और तकनीकी जांच से पुलिस को यह तो प्राप्त हो गया कि आरोपी उत्तरप्रदेश के गौंड़ा जिला में छुपा हिआ है।

कैसे मिला सुराग ..?

मोबाइल नंबर के सीडिआर और आधारकार्ड के रिकार्ड के आधार पर कांदिवली पुलिस को उत्तरप्रदेश के श्रावस्ती जिला, लखीमपुर जिला, बस्ती जिला, गौंडा जिला और अयोध्या जिले की जानकारी प्राप्त हुई, पुलिस को यह भी जानकारी मिली की ऐसे नकली दस्तावेजों के जरिए मोबाइल नंबर निकालकर यह गिरोह देश के अलग-अलग हिस्सों में नौकरी के बहाने लूट को अंजाम देने का काम करते हैं। वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन और आदेश से पुलिस उपनिरीक्षक सूर्यकांत पवार की टीम को उत्तर प्रदेश के लिए 29 जनवरी को रवाना कर दिया गया।

मुंबई पुलिस के उत्तर प्रदेश में 35 दिनों की मुहिम

पुलिस उपनिरीक्षक सूर्यकांत पवार ने बताया, कि लगभग 30 से 35 दिनों की उत्तरप्रदेश के विभिन्न जिलों में कड़ी खोजबीन और मेहनत के बाद आखिर 14 मार्च को गौंडा जिला के रामपुर पुलिया पर सफलता मिली। यहां से गिरोह के मुखिया 35 वर्षीय आरोपी जवाहर मंगनु पांडे उर्फ बच्छु को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसके पास से चोरी के कुल 13 लाख रुपयों के गहने बरामद हुए है। जांच में यह भी पता चला है, कि पंजाब पुलिस के लुधियाना और अमृतसर में अपराधिक मामले दर्ज है। मामले की और अधिक तहकीकात की जा रही है।


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