संवाददाता – (सुरेंद्र राजभर)
मुंबई – महानगर पालिका मे निर्धारित ओहदे का निजी लाभ के लिए इसका दुरुपयोग कर विभाग मे कार्यरत नौकरशाह पूरी तरह से निरंकुश हो गए हैं!
बृहन्मुंबई महानगर पालिका मे निर्धारित ओहदे का नीजी लाभ के लिए इसका दुरुपयोग ही भ्रष्टाचार है! इसके लिए एक निश्चित दंड विधान बनाने की आवश्यकता है, ताकि भ्रष्टाचार पर लगाम लगाया जा सके! वहीं आर/दक्षिण मे स्थित जल विभाग के नौकरशाहों की रिश्वतखोरी इसका एक उदाहरण मानी जा रही है!
उपलब्ध विवरणों के अनुसार महानगर पालिका आर/दक्षिण विभाग के कार्यक्षेत्र कांदिवली (पूर्व) के सिंह स्टेट रोड़ नंबर 3 स्थित चंद्रकांत कंपाउंड के अंतर्गत कुल पांच अलग-अलग इलेक्ट्रोप्लेटिंग कारखाने मे चोरी से नल कनेक्शन लगाया गया है!
10 सालों से सो रही है मनपा
मनपा सूत्रों की माने तो यह नल कनेक्शन लगभग पिछले 10-12 सालों से लगा हुआ है, और प्रशासन को इसकी भनक न हो, ऐसा कैसे संभव है? कुछ सुगबुगाहट हुई होगी, तभी तो पानी चोरी के संगीन मामले मे जलविभाग का पूरा महकमा चौकन्ना हो गया, और यह चोरी पकड़ी न जाय, इसी हेतू उपरोक्त नल कनेक्शन काटकर, उसी सिंह स्टेट रोड़ नंबर 5 स्थित पाईप लाईन मे पून: नल कनेक्शन लगा दिया गया है! इस इलेक्ट्रोप्लेटिंग कारखाने के संचालक का नाम चंद्रेश गडा व कौशिक गडा बताया जा रहा है, यानी चंद्रेश गडा व कौशिक गडा के नाम पर यह गोरखधंधा वर्षों से चल रहा है! फर्जी प्लंबर अवधेश विश्वकर्मा उर्फ चूंडी द्वारा इस कार्य को अंजाम दिया गया है! बताया जाता है कि, इस पानी की चोरी के कनेक्शन मे जलविभाग के सहाय्यक अभियंता बाळाराम शंखे के इशारे पर दुय्यम अभियंता संतोष खेडकर एवं विनोद सावध की पूरी जानकारी, सहमती व निगरानी मे हुआ ऐसा बताया जा रहा है! हांलाकि, उक्त अभियंताओं को संपूर्ण जानकारी होने पर भी, किसी भी प्रकार का कोई भी विभागीय निर्णय अथवा कार्रवाई नही की गई है! बता दें कि, उक्त कारखाने का संचालक व मुखिया भंवर नामक व्यक्ति चोरी के नल कनेक्शन के माध्यम से यहां के सभी कारखानों से पानी चोरी की एवज़ मे सालाना लाखों रुपये की रिश्वत समयानुसार जल विभाग के अधिकारियों से लेकर कर्मचारीयों तक पहुंचाता है! उक्त कारखानों पर जल विभाग की तरफ से किसी भी प्रकार की कार्रवाई का न होना ही जिसकी सबसे बड़ी वजह मानी जा रही है!
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राजस्व को लग रहा है चूना
अब ऐसे मे इनकी नाक के नीचे लूट चल रही है, वहीं महानगर पालिका को प्रतिमाह लाखों की राजस्व आय का चूना लग रहा है! स्थानीय आम जनता को पानी की कटौती से जूझना पड़ रहा है! मगर संबंधित अधिकारी आंख-कान बंद किए हुऐ हैं, जो इनके भ्रष्ट आचरण की पहचान है, जिसकी हमें घोर निंदा की जानी चाहिए!
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